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देश में पहली बार रोबिटक विधि से मुंह के जरिए थायरॉयड का ऑपरेशन

एसजीपीजीआई में डॉक्टरों ने रोबोटिक विधि से महिला के मुंह के जरिए थायरॉइड का ऑपरेशन किया. कहा जा रहा है कि देश में इस विधि से पहला ऑपरेशन हुआ है. महिला ने गले में परेशानी बढ़ने पर एसजीपीजीआई में दिखाया था.

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Published : Feb 14, 2022, 3:52 PM IST

मुंह के जरिए थायरॉयड का ऑपरेशन
मुंह के जरिए थायरॉयड का ऑपरेशन

लखनऊ: एसजीपीजीआई में डॉक्टरों ने रोबोटिक विधि से महिला के मुंह के जरिए थायरॉइड का ऑपरेशन किया. इसके बाद उसके गले में कोई निशान नहीं पड़ा. दावा है कि देश में इस विधि से पहला ऑपरेशन हुआ है. 35 वर्षीय महिला के गले में सूजन आ गई थी, दिक्कत ज्यादा बढ़ने पर उसे खाने-पीने में परेशानी होने लगी. इसके बाद उसने एसजीपीजीआई में दिखाया था.

इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, बहराइच निवासी महिला की थायरॉइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ गया था. खाना निगलने में भी उसे दिक्कत होने लगी. महिला का वजन कम होने लगा और उसे कमजोरी सताने लगी. महिला एसजीपीजीआई की ओपीडी में आई. यहां जांच के बाद ऑपरेशन का फैसला किया गया. वहीं, रोबिटक मशीन से मुंह के जरिए सर्जरी कर समस्या से निजात दिलाई गई. रिबोटिक विधि से मुंह के जरिए थायरॉइड का देश में पहली बार ऑपरेशन किया गया. इससे महिला के गले में ऑपरेशन का निशान नहीं पड़ा.

यह भी पढ़ें: डेढ़ माह बाद कोरोना की संक्रमण दर नीचे लुढ़की, 925 नए केस मिले

डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, आमतौर पर थायरॉइड की ऑपेन सर्जरी करने में गले में चीरा लगाना पड़ता है. इसके अलावा इंडोस्कोप के जरिए भी मुंह के रास्ते से ऑपरेशन मुमकिन है. वहीं, एसजीपीजीआई में बगल में चीरा लगाकर 30 ऑपरेशन थायरॉइड के रोबिटक विधि से किए गए. मुंह के जरिए रोबोट से पहला ऑपरेशन हुआ. इसमें करीब डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आता है.

डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, इस प्रक्रिया को ट्रांस ओरल रोबोटिक थायराइडेक्टोमी भी कहते हैं. सर्जरी टीम में डॉ. एस. डब्बास, डॉ. विक्रम और डॉ. युवराज देवगन शामिल थे. निदेशक डॉ. आरके धीमान ने इस उपलब्धि के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी.

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लखनऊ: एसजीपीजीआई में डॉक्टरों ने रोबोटिक विधि से महिला के मुंह के जरिए थायरॉइड का ऑपरेशन किया. इसके बाद उसके गले में कोई निशान नहीं पड़ा. दावा है कि देश में इस विधि से पहला ऑपरेशन हुआ है. 35 वर्षीय महिला के गले में सूजन आ गई थी, दिक्कत ज्यादा बढ़ने पर उसे खाने-पीने में परेशानी होने लगी. इसके बाद उसने एसजीपीजीआई में दिखाया था.

इंडोक्राइन सर्जरी विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, बहराइच निवासी महिला की थायरॉइड ग्रंथि का आकार काफी बढ़ गया था. खाना निगलने में भी उसे दिक्कत होने लगी. महिला का वजन कम होने लगा और उसे कमजोरी सताने लगी. महिला एसजीपीजीआई की ओपीडी में आई. यहां जांच के बाद ऑपरेशन का फैसला किया गया. वहीं, रोबिटक मशीन से मुंह के जरिए सर्जरी कर समस्या से निजात दिलाई गई. रिबोटिक विधि से मुंह के जरिए थायरॉइड का देश में पहली बार ऑपरेशन किया गया. इससे महिला के गले में ऑपरेशन का निशान नहीं पड़ा.

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डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, आमतौर पर थायरॉइड की ऑपेन सर्जरी करने में गले में चीरा लगाना पड़ता है. इसके अलावा इंडोस्कोप के जरिए भी मुंह के रास्ते से ऑपरेशन मुमकिन है. वहीं, एसजीपीजीआई में बगल में चीरा लगाकर 30 ऑपरेशन थायरॉइड के रोबिटक विधि से किए गए. मुंह के जरिए रोबोट से पहला ऑपरेशन हुआ. इसमें करीब डेढ़ लाख रुपये तक खर्च आता है.

डॉ. अमित अग्रवाल के मुताबिक, इस प्रक्रिया को ट्रांस ओरल रोबोटिक थायराइडेक्टोमी भी कहते हैं. सर्जरी टीम में डॉ. एस. डब्बास, डॉ. विक्रम और डॉ. युवराज देवगन शामिल थे. निदेशक डॉ. आरके धीमान ने इस उपलब्धि के लिए डॉक्टरों की टीम को बधाई दी.

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