लखनऊ: विधान परिषद में आज विपक्ष ने पुरानी पेंशन की मांग को लेकर सरकार को जमकर घेरा. सरकार की ओर से भी स्पष्ट कर दिया गया कि पुरानी पेंशन देने की सरकार की हाल फिलहाल कोई भी योजना नहीं है. विपक्ष सरकार पर नई पेंशन योजना के माध्यम से कर्मचारियों का शोषण करने का आरोप लगाता रहा. इस पर पूर्व मंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाया कि 2005 में जब उत्तर प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना खत्म की गई, तब सरकार समाजवादी पार्टी की ही थी. इसके बाद अगले 12 वर्ष तक भाजपा की सरकार नहीं रही.
उन्होंने कहा कि जब से भाजपा सरकार आई है, कर्मचारियों की पेंशन स्कीम में राज्य अंश को 10 से 14 फीसदी तक बढ़ा दिया गया है. विपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और नई पेंशन योजना को समाप्त करके पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की जाती रही. इसके साथ ही विपक्ष ने करीब 9000 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य भुगतान न होने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया. इस पर विधान परिषद सभापति ने चीनी मिलों पर और अधिक शिकंजा कसने का आदेश सरकार को दिया.
समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना से सवाल पूछा कि क्या प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन को लागू करने पर विचार कर रही है. इसका राज्य मंत्री जसवंत सैनी ने जवाब दिया कि इसका कोई प्रश्न नहीं होता है. उन्होंने नई पेंशन स्कीम में सरकार की ओर से जमा कराए जा रहे अंश का उल्लेख किया और कहा कि पुरानी पेंशन को लागू करने का कोई विचार नहीं है. इस पर विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू कर दिया गया. इसके बाद पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने जवाब दिया कि जब भाजपा की सरकार नहीं थी. तब पुरानी पेंशन को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने ही लागू किया था. उन्होंने कहा कि अगले 12 साल तक कर्मचारियों का अंश नहीं जमा किया गया. इसके बाद हमारी सरकार आने पर कर्मचारियों का अंश जमा किया गया.
यह भी पढ़ें: जयंत चौधरी ने किया राज्यसभा के लिए नामांकन, "भाजपा सरकार के खिलाफ जारी रहेगी लड़ाई"
इससे पहले समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजेंद्र चौधरी ने सरकार से सवाल किया था कि गन्ना मूल्य का कितना भुगतान बकाया है. सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि 8917 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है. राजेंद्र चौधरी ने एतराज जताते हुए कहा कि सरकार कहती है कि 14 दिनों में किसानों का गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया जाएगा. लेकिन, नतीजा यह है कि अभी भी करीब 9000 करोड़ रुपये का बकाया है. सरकार की ओर से जवाब दिया गया कि 74 फीसदी भुगतान किया जा चुका है. 26 फीसदी बकाया भुगतान के लिए चीनी मिलों को नोटिस दिए जा रहे हैं. इस पर सभापति मानवेंद्र सिंह ने कहा कि मंत्री चीनी मिलों पर और शक्ति करके गन्ना मूल्य भुगतान तत्काल करवाएं.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप