लखनऊ: बलिया जिले में कोटे की दुकान को लेकर हुए विवाद में एक शख्स की जान चली गई. दो पक्षों में हुई हिंसक भिड़ंत में लाठी-डंडे पत्थर और गोलियां सब कुछ चला, वो भी पुलिस और प्रशासन की मौजूदगी में. इस घटना ने यूपी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है, लेकिन बस इतने मात्र से विपक्ष सरकार को बख्शने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है. कानून-व्यवस्था की आड़ में मामला राजनीतिक हुआ, तो सभी विपक्षी पार्टियां सरकार पर तीखे सवालों की झड़ी लगा दी.
अखिलेश यादव ने कसा तंज
इस घटना पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि बलिया में सत्ताधारी बीजेपी नेता ने युवक की खुलेआम एसडीएम व सीओ के सामने हत्या की, जिससे कानून व्यवस्था का सच सामने आया है. अब देखेंगे क्या गाड़ी पलटती है कि नहीं. क्या एनकाउंटर वाली सरकार अपने लोगों की गाड़ी पलटाएगी.
बैठक के दौरान मारी गोली
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती क्षेत्र में गुरुवार को सरकारी गल्ले की दुकान के चयन को लेकर बुलायी गई बैठक के दौरान गोली चलने से दुर्जनपुर निवासी जयप्रकाश पाल (45) की मौत हो गई. वहीं इस गोलीकांड पर बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने भी बयान दिया है. उनका कहना है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. साथ ही उन्होंने कहा कि धीरेंद्र सिंह ने आत्मरक्षा में गोली नहीं चलायी होती, तो उसके परिवार के कई लोग मार दिए गए होते.
सीएम ने की कार्रवाई
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उपजिलाधिकारी और मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. वहीं इस मामले में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.