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यूपी विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन, विपक्ष ने कानून व्यवस्था को बताया ध्वस्त

यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने प्रदेश सरकार को जमकर घेरा. सपा और बसपा ने सीएए प्रदर्शन के दौरान हुई कार्रवाई पर सवाल उठाए. वहीं कांग्रेस ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को पूरी तरह ध्वस्त करार दिया.

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बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था को बताया ध्वस्त.
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Published : Feb 15, 2020, 9:12 AM IST

लखनऊ: यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी और बसपा ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. वहीं कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई और उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरा. कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने प्रश्नकाल के दौरान कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के इस मांग को अस्वीकार किए जाने पर कांग्रेस के सदस्य वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे.

बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था को बताया ध्वस्त.

सीएए प्रदर्शन पर हुई कार्रवाई की जांच हो
बहुजन समाज पार्टी के सदस्य विधानसभा में नीली टोपी लगाकर पहुंचे. बसपा नेता लालजी वर्मा ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई कार्रवाई पर बहस और मौजूदा जज से जांच कराने की मांग की. सत्ता पक्ष से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर दिया. उनके जवाब से असंतुष्ट होकर बसपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.

बसपा नेता लालजी वर्मा ने उठाए सवाल
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि विधानसभा में सीएए और एनआरसी के विरुद्ध हुए प्रदर्शन को बर्बरता पूर्वक कुचलने का काम सरकार के द्वारा जो किया गया था. उस मुद्दे को हमने विधानसभा में उठाया.

तानाशाही है प्रदेश सरकार का रवैया
देश की आजादी के बाद विशेष रूप से आपातकाल के दौरान भी इस तरह से बर्बरता पूर्ण कार्रवाई नहीं की गई. प्रदेश सरकार की तानाशाही रवैया के कारण लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से भी प्रदर्शन नहीं करने दिया गया. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाली महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया. इस अलोकतांत्रिक कृत्य को हमने विधानसभा में उठाकर सिटिंग जज से सारी घटनाओं की जांच कराने की मांग की.

बसपा सरकार से है प्रावधान
इस दौरान सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का सवाल उठाया गया. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भरपाई करने का प्रावधान 2011 की तत्कालीन बसपा सरकार ने किया था. इस पर बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि अगर इस तरह का कोई कानून कभी बना था तो अब तक किसी की संपत्ति नहीं जप्त की गई.

एक वर्ग को टारगेट कर रही भाजपा
मेरी सरकार रही हो या पांच साल सपा की सरकार हो. यहां तक कि बीजेपी की तीन साल की सरकार निकल गई. इसमें भी किसी के खिलाफ इस प्रकार वसूली की कार्रवाई नहीं की गई. इससे साफ होता है कि भाजपा सरकार एक वर्ग को टारगेट करके यह कार्रवाई कर रही है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कानून को चुनौती देने वाले जो लोग थे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसमें कोई भेदभाव पूर्ण कार्रवाई नहीं हुई है.

ध्वस्त हुई प्रदेश की कानून व्यवस्था
कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने कहा उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. न्यायालय भी सुरक्षित नहीं है. पिछली घटनाओं से भी यह सरकार कोई सीख नहीं ली, यही वजह है घटनाएं लगातार घट रही हैं. इस सरकार में महिलाएं असुरक्षित हैं. कांग्रेस पार्टी ऐसी सरकार को बेनकाब करके ही रहेगी.

लखनऊ: यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को मुख्य विपक्षी दलों में समाजवादी पार्टी और बसपा ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शनकारियों पर हुई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. वहीं कांग्रेस ने बढ़ती महंगाई और उत्तर प्रदेश की ध्वस्त कानून व्यवस्था पर योगी सरकार को घेरा. कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने प्रश्नकाल के दौरान कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित के इस मांग को अस्वीकार किए जाने पर कांग्रेस के सदस्य वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे.

बजट सत्र के दूसरे दिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था को बताया ध्वस्त.

सीएए प्रदर्शन पर हुई कार्रवाई की जांच हो
बहुजन समाज पार्टी के सदस्य विधानसभा में नीली टोपी लगाकर पहुंचे. बसपा नेता लालजी वर्मा ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई कार्रवाई पर बहस और मौजूदा जज से जांच कराने की मांग की. सत्ता पक्ष से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने उत्तर दिया. उनके जवाब से असंतुष्ट होकर बसपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे.

बसपा नेता लालजी वर्मा ने उठाए सवाल
बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि विधानसभा में सीएए और एनआरसी के विरुद्ध हुए प्रदर्शन को बर्बरता पूर्वक कुचलने का काम सरकार के द्वारा जो किया गया था. उस मुद्दे को हमने विधानसभा में उठाया.

तानाशाही है प्रदेश सरकार का रवैया
देश की आजादी के बाद विशेष रूप से आपातकाल के दौरान भी इस तरह से बर्बरता पूर्ण कार्रवाई नहीं की गई. प्रदेश सरकार की तानाशाही रवैया के कारण लोगों को शांतिपूर्ण ढंग से भी प्रदर्शन नहीं करने दिया गया. शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाली महिलाओं पर लाठीचार्ज किया गया. इस अलोकतांत्रिक कृत्य को हमने विधानसभा में उठाकर सिटिंग जज से सारी घटनाओं की जांच कराने की मांग की.

बसपा सरकार से है प्रावधान
इस दौरान सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई का सवाल उठाया गया. संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भरपाई करने का प्रावधान 2011 की तत्कालीन बसपा सरकार ने किया था. इस पर बसपा नेता लालजी वर्मा ने कहा कि अगर इस तरह का कोई कानून कभी बना था तो अब तक किसी की संपत्ति नहीं जप्त की गई.

एक वर्ग को टारगेट कर रही भाजपा
मेरी सरकार रही हो या पांच साल सपा की सरकार हो. यहां तक कि बीजेपी की तीन साल की सरकार निकल गई. इसमें भी किसी के खिलाफ इस प्रकार वसूली की कार्रवाई नहीं की गई. इससे साफ होता है कि भाजपा सरकार एक वर्ग को टारगेट करके यह कार्रवाई कर रही है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कानून को चुनौती देने वाले जो लोग थे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इसमें कोई भेदभाव पूर्ण कार्रवाई नहीं हुई है.

ध्वस्त हुई प्रदेश की कानून व्यवस्था
कांग्रेस की नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना ने कहा उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है. न्यायालय भी सुरक्षित नहीं है. पिछली घटनाओं से भी यह सरकार कोई सीख नहीं ली, यही वजह है घटनाएं लगातार घट रही हैं. इस सरकार में महिलाएं असुरक्षित हैं. कांग्रेस पार्टी ऐसी सरकार को बेनकाब करके ही रहेगी.

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