लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. बिहार में अक्टूबर-नवम्बर तक विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं उत्तर प्रदेश की भी कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर उप चुनाव होने हैं. क्योंकि कोरोना वायरस के दौरान कई विधायकों की कोरोना के चलते निधन हो जाने के बाद काफी सीटें खाली हो गई थीं, जिन पर उप चुनाव होना है, जिसको लेकर आयोग ने मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए और कोरोना वायरस से बचाव के चलते व्यवस्थाएं की हैं.
जानें क्या है कोरोना वायरस के दौरान उपचुनाव को लेकर मतदाताओं की राय
चुनाव आयोग ने यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश में उप चुनाव को लेकर गाइडलाइन जारी की है. ईटीवी भारत संवाददाता ने राजधानी के मतदाताओं से उप चुनाव को लेकर उनकी राय जानी.
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ईटीवी भारत संवाददाता ने लखनऊ के कपूरथला में कुछ मतदाताओं से बात की, जिसमें वे चुनाव आयोग के इस फैसले से असहमति जताते नजर आए. मतदाताओं का कहना था कि इस कोरोना महामारी के चलते उपचुनाव नहीं होने चाहिए. मतदाताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लोग काफी डरे हुए हैं. ऐसे में घर से निकलकर बूथ तक जाना संभव नहीं हो पाएगा. जब इन लोगों से वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई तो लोगों ने कहा कि तैयारी के बावजूद वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी.
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने साल के अंत में प्रस्तावित बिहार विधानसभा और कुछ राज्यों में उपचुनाव समय पर कराने का संकेत देते हुए नामांकन से मतगणना तक पूरी प्रक्रिया के लिए अहम निर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक नामांकन और हलफनामा दायर करने की प्रतिक्रिया भी ऑनलाइन है. वहीं बात करें अगर मतदाताओं की तो पोलिंग बूथ पर भी हर मतदाताओं का तापमान जांचा जाएगा. तापमान सामान्य से ज्यादा होने पर मतदाता अंतिम घंटे में ही वोट दे सकेंगे. वहीं संक्रमितों को भी मतदान के अंतिम घंटे में मजिस्ट्रेट व स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में एहतियात के साथ मतदान कराया जाएगा.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए मतदाताओं को ईवीएम बटन दबाने से पहले डिस्पोजल ग्लब्स मिलेंगे, जो मतदाता मास्क के बिना आएंगे उन्हें मास्क भी दिया जाएगा. प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्याशी समेत केवल पांच लोगों को घर-घर प्रचार की अनुमति होगी. रोड शो में वाहनों की संख्या 10 से घटाकर पांच कर दी गई है.
लखनऊ: निर्वाचन आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है. बिहार में अक्टूबर-नवम्बर तक विधानसभा चुनाव होने हैं. वहीं उत्तर प्रदेश की भी कई ऐसी सीटें हैं, जहां पर उप चुनाव होने हैं. क्योंकि कोरोना वायरस के दौरान कई विधायकों की कोरोना के चलते निधन हो जाने के बाद काफी सीटें खाली हो गई थीं, जिन पर उप चुनाव होना है, जिसको लेकर आयोग ने मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए और कोरोना वायरस से बचाव के चलते व्यवस्थाएं की हैं.
ईटीवी भारत संवाददाता ने लखनऊ के कपूरथला में कुछ मतदाताओं से बात की, जिसमें वे चुनाव आयोग के इस फैसले से असहमति जताते नजर आए. मतदाताओं का कहना था कि इस कोरोना महामारी के चलते उपचुनाव नहीं होने चाहिए. मतदाताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते लोग काफी डरे हुए हैं. ऐसे में घर से निकलकर बूथ तक जाना संभव नहीं हो पाएगा. जब इन लोगों से वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग की तैयारी के बारे में जानकारी दी गई तो लोगों ने कहा कि तैयारी के बावजूद वोटिंग प्रतिशत में गिरावट होगी.
आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग ने साल के अंत में प्रस्तावित बिहार विधानसभा और कुछ राज्यों में उपचुनाव समय पर कराने का संकेत देते हुए नामांकन से मतगणना तक पूरी प्रक्रिया के लिए अहम निर्देश जारी किए हैं. इनके मुताबिक नामांकन और हलफनामा दायर करने की प्रतिक्रिया भी ऑनलाइन है. वहीं बात करें अगर मतदाताओं की तो पोलिंग बूथ पर भी हर मतदाताओं का तापमान जांचा जाएगा. तापमान सामान्य से ज्यादा होने पर मतदाता अंतिम घंटे में ही वोट दे सकेंगे. वहीं संक्रमितों को भी मतदान के अंतिम घंटे में मजिस्ट्रेट व स्वास्थ्य कर्मियों की निगरानी में एहतियात के साथ मतदान कराया जाएगा.
निर्वाचन आयोग ने बताया कि मतदाताओं की सुरक्षा को देखते हुए मतदाताओं को ईवीएम बटन दबाने से पहले डिस्पोजल ग्लब्स मिलेंगे, जो मतदाता मास्क के बिना आएंगे उन्हें मास्क भी दिया जाएगा. प्रचार-प्रसार के लिए प्रत्याशी समेत केवल पांच लोगों को घर-घर प्रचार की अनुमति होगी. रोड शो में वाहनों की संख्या 10 से घटाकर पांच कर दी गई है.