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एकेटीयू में इंजीनियरिंग शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय, 1.27 लाख में सिर्फ 20 फीसदी सीटों पर प्रवेश

इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए एकेटीयू (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) में प्रवेश की स्थिति दयनीय है. प्रवेश के सिए चार काउंसलिंग बीत जाने के बाद भी 1.27 लाख सीटों में करीब 20 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. मीडिया समन्वयक आशीष मिश्र के मुताबिक स्पेशल काउंसलिंग में प्रवेश की स्थिति बेहतर होने की उम्मीद है.

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय
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Published : Nov 20, 2021, 4:15 PM IST

लखनऊः उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा की हालत खराब है. कॉलेज बहुत ज्यादा हैं और प्रवेश लेने वाले लोग बहुत कम. 10 फीसदी चुनिंदा कॉलेजों को छोड़कर अन्य कॉलेजों में छात्र-छात्राएं दाखिला नहीं लेना चाहते. इतना ही नहीं, इस समय फार्मेसी ज्यादा लोकप्रिय है. दुनिया भर में संस्थानों में इस पाठ्यक्रम की अचानक डिमांड बढ़ी है.

काउंसलिंग में प्रवेश के आंकड़े
काउंसलिंग में प्रवेश के आंकड़े

इसके बावजूद एकेटीयू (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) की ओर से प्रदेश के करीब 750 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले की तस्वीर बेहद दयनीय है. इतनी मांग के बावजूद एकेटीयू की काउंसलिंग से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं हो पा रहा है. करीब चार चरणों की काउंसलिंग के बाद सामने आए नतीजे यही कहानी बयां करते हैं.

एकेटीयू की ओर से करीब 17 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग चल रही है. प्रदेश भर में सभी पाठ्यक्रमों के लिए कुल 1 लाख 27 हजार 997 सीट हैं. दाखिले के लिए चार चरण की काउंसलिंग हो चुकी है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE - All India Council for Technical Education) की ओर से 25 नवंबर तक की समय सीमा तय की है. इस दौरान दाखिले की प्रक्रिया पूरी होनी है.

दाखिले की मौजूदा स्थिति हैरान करने वाली है. जारी आंकड़ों के मुताबिक 1.27 लाख में अभी तक सिर्फ 25 हजार 407 सीटों पर प्रवेश हुए हैं. यानी करीब 20 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. AKTU के मीडिया समन्वयक आशीष मिश्र ने बताया कि स्पेशल काउंसलिंग कराई जा रही है. उसमें स्थिति बेहतर होने की काफी उम्मीदें हैं.

उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस समय फार्मेसी की काफी मांग है. इसलिए युवा भी इसमें करियर बनाने की जगह तलाश रहे हैं. वर्तमान में एकेटीयू के कॉलेजों में 23 हजार 813 सीट फार्मेसी की हैं. हैरानी की बात है कि अभी तक की काउंसलिंग के बावजूद सिर्फ 4 हजार 632 सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. इंजीनियरिंग की स्थिति फिर भी इससे बेहतर है. यहां 61 हजार 660 सीटों में सिर्फ 16 हजार 17 पर दाखिले हुए है.

यह भी पढ़ें- फिरोजाबाद: दलित उत्पीड़न के मामले निकले झूठे, अब सरकार से मिली आर्थिक सहायता की होगी वसूली

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बी.आर्क में प्रदेश भर में 447 सीटें हैं, जिसमें सिर्फ 107 यानी करीब 24 फीसदी प्रवेश हुए हैं. वहीं बी.टेक बायोटेक्नोलॉजी की 1688 सीटों पर सिर्फ 258 यानी करीब 15 फीसदी के आसपास दाखिले हो पाए हैं. बी.वोक की 792 सीट पर सिर्फ 2, बैचलर्स इन डिजाइन की 22 पर 6, बीएफए की 50 सीट पर 3 और बीएफएड की 106 सीटों पर 3 दाखिले हुए हैं. एमबीए की प्रदेश भर में करीब 22 हजार 410 सीट हैं, जिसमें सिर्फ 1349 दाखिले हुए हैं. इसी तरह एमसीए की 4426 सीट पर 1277 प्रवेश हुए हैं.

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में इंजीनियरिंग शिक्षा की हालत खराब है. कॉलेज बहुत ज्यादा हैं और प्रवेश लेने वाले लोग बहुत कम. 10 फीसदी चुनिंदा कॉलेजों को छोड़कर अन्य कॉलेजों में छात्र-छात्राएं दाखिला नहीं लेना चाहते. इतना ही नहीं, इस समय फार्मेसी ज्यादा लोकप्रिय है. दुनिया भर में संस्थानों में इस पाठ्यक्रम की अचानक डिमांड बढ़ी है.

काउंसलिंग में प्रवेश के आंकड़े
काउंसलिंग में प्रवेश के आंकड़े

इसके बावजूद एकेटीयू (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Technical University) की ओर से प्रदेश के करीब 750 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में दाखिले की तस्वीर बेहद दयनीय है. इतनी मांग के बावजूद एकेटीयू की काउंसलिंग से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं हो पा रहा है. करीब चार चरणों की काउंसलिंग के बाद सामने आए नतीजे यही कहानी बयां करते हैं.

एकेटीयू की ओर से करीब 17 पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए काउंसलिंग चल रही है. प्रदेश भर में सभी पाठ्यक्रमों के लिए कुल 1 लाख 27 हजार 997 सीट हैं. दाखिले के लिए चार चरण की काउंसलिंग हो चुकी है. अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE - All India Council for Technical Education) की ओर से 25 नवंबर तक की समय सीमा तय की है. इस दौरान दाखिले की प्रक्रिया पूरी होनी है.

दाखिले की मौजूदा स्थिति हैरान करने वाली है. जारी आंकड़ों के मुताबिक 1.27 लाख में अभी तक सिर्फ 25 हजार 407 सीटों पर प्रवेश हुए हैं. यानी करीब 20 फीसदी सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. AKTU के मीडिया समन्वयक आशीष मिश्र ने बताया कि स्पेशल काउंसलिंग कराई जा रही है. उसमें स्थिति बेहतर होने की काफी उम्मीदें हैं.

उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस समय फार्मेसी की काफी मांग है. इसलिए युवा भी इसमें करियर बनाने की जगह तलाश रहे हैं. वर्तमान में एकेटीयू के कॉलेजों में 23 हजार 813 सीट फार्मेसी की हैं. हैरानी की बात है कि अभी तक की काउंसलिंग के बावजूद सिर्फ 4 हजार 632 सीटों पर ही प्रवेश हुए हैं. इंजीनियरिंग की स्थिति फिर भी इससे बेहतर है. यहां 61 हजार 660 सीटों में सिर्फ 16 हजार 17 पर दाखिले हुए है.

यह भी पढ़ें- फिरोजाबाद: दलित उत्पीड़न के मामले निकले झूठे, अब सरकार से मिली आर्थिक सहायता की होगी वसूली

ए.पी.जे. अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय में बी.आर्क में प्रदेश भर में 447 सीटें हैं, जिसमें सिर्फ 107 यानी करीब 24 फीसदी प्रवेश हुए हैं. वहीं बी.टेक बायोटेक्नोलॉजी की 1688 सीटों पर सिर्फ 258 यानी करीब 15 फीसदी के आसपास दाखिले हो पाए हैं. बी.वोक की 792 सीट पर सिर्फ 2, बैचलर्स इन डिजाइन की 22 पर 6, बीएफए की 50 सीट पर 3 और बीएफएड की 106 सीटों पर 3 दाखिले हुए हैं. एमबीए की प्रदेश भर में करीब 22 हजार 410 सीट हैं, जिसमें सिर्फ 1349 दाखिले हुए हैं. इसी तरह एमसीए की 4426 सीट पर 1277 प्रवेश हुए हैं.

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