लखनऊ : राज्य कर विभाग यानि जीएसटी विभाग में टैक्स चोरी के मामलों में सख्त और कठोर कार्यवाही और छापेमारी की जांच पड़ताल पूरी तरह से ट्रांसपेरेंट प्लेटफॉर्म के माध्यम से किए जाने की रणनीति बनाई जा रही है. जीएसटी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कई बार जब जीएसटी की कार्यवाही होती है तो निचले स्तर के अधिकारियों के स्तर पर कुछ मिलीभगत भी हो जाती है और पूरा रेवेन्यू वसूली का काम नहीं हो पाता. ऐसे में अब सरकार के निर्देश पर ऑनलाइन ट्रांसपेरेंट प्लेटफॉर्म (Online Transparent Platform) बनाया जा रहा है. इसके जरिए जहां भी छापेमारी होगी उसकी सीधी मॉनिटरिंग जीएसटी मुख्यालय से की जा सकेगी.
दरअसल पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ जीएसटी विभाग की ताबड़तोड़ छापेमारी की गई थी. इसको लेकर तमाम तरह की सिर्फ शिकायतें मुख्यालय को मिलीं. साथ ही व्यापारियों ने काफी नाराजगी जताई. निकाय चुनाव में असर के डर से सरकार ने आनन-फानन जीएसटी की कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया. कहा गया कि जीएसटी की कार्यवाही को फिजिकल रूप से नहीं करने की बात कही गई थी. ऐसे में इतनी बड़ी कार्यवाही करके व्यापारियों को नुकसान हो रहा है. अफसरों की शिकायतें मिलीं कि सर्वे के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं.
ऐसे में राज्य सरकार ने अब ऑनलाइन ट्रांसपेरेंट प्लेटफार्म तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. जिससे जितने भी व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत हैं या जिन व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन (Merchant Registration) नहीं है उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. जिससे व्यापारियों के पूरा लेखा-जोखा ऑनलाइन ट्रांसपेरेंट प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदर्शित होगा और जब कोई भी अधिकारी किसी भी व्यापारी कार्यवाही होगी तो सारी कुछ मॉनिटरिंग ऑनलाइन ट्रांसपेरेंट प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी. जिससे व्यापारियों का उत्पीड़न नहीं हो सकेगा और न ही अधिकारियों पर मिलीभगत गंभीर आरोप लगेंगे. इन बातों को ध्यान में रखते हुए जीएसटीएन पोर्टल (GSTN Portal) पर व्यापारियों की पूरी मॉनिटरिंग ऑनलाइन माध्यम से कराने की तैयारी की गई है.
जीएसटी विभाग (GST Department) के एक अधिकारी के अनुसार कुछ सचल दलों की भूमिका को लेकर कई बार सवाल भी खड़े हुए हैं और शासन स्तर पर कार्यवाही नहीं की गई है. अब हम एक ऐसा ऑनलाइन ट्रांसपेरेंट सिस्टम डेवेलप कर रहे हैं जिसके माध्यम से जितनी भी जीएसटी की कार्यवाही होगी, सचल दस्तों की तरफ से उसे मुख्यालय से सीधे मॉनिटर किया जा सकेगा. जो भी सचल दस्ते कार्यवाही के लिए क्षेत्र में व्यापारियों के यहां जांच पड़ताल के लिए जाएंगे, वह पहले अपनी पूरी सूचना मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम में देगा और उसके जीएसटी नंबर के आधार पर उसकी मॉनिटरिंग शुरू कर दी जाएगी. व्यापारी के सभी खातों की जांच जीएसटी नंबर के आधार पर उसके बही खातों से मिलान करते हुए की जाएगी. जिससे जीएसटी अधिकारी (GST Officer) मनमानी न कर पाएं और सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रदर्शित होता रहेगा. जीएसटी विभाग के एडिशनल कमिश्नर सुनील राय (Additional Commissioner of GST Department Sunil Rai) कहते हैं कि हम एक बेहतर सिस्टम बना रहे हैं. जिससे जो सर्वे और छापेमारी की कार्यवाही पूरी पारदर्शिता के साथ कराई जाएगी. इसको लेकर विभाग के स्तर पर तैयारी की जा रही है.