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'राष्ट्रीय बालिका दिवस' पर ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन

यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानवाधिकार विभाग द्वारा 'भावी पीढ़ी एवं समृद्धि हेतु बालिकाओं का संरक्षण' विषय पर ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह रहे.

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Published : Jan 24, 2021, 8:08 AM IST

ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन.
ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन.

लखनऊ: 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानवाधिकार विभाग द्वारा 'भावी पीढ़ी एवं समृद्धि हेतु बालिकाओं का संरक्षण' विषय पर ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह हैं. वहीं, डॉ. संगीता सक्सेना और डॉ. सार्थिक बाघ प्रतियोगिता के जज रहे.

प्रतिभागियों ने बालिकाओं के संरक्षण और महिलाओं की समाज में स्थिति पर अपने विचार रखे और भविष्य निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला. प्रतिभागियों ने बालिका संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डाला. प्रतियोगिता में विवि के विभिन्न विभागों के कुल 56 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया.

कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. रशिदा अतहर ने सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियमों से अवगत कराया. कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. राज श्री ने कार्यक्रम में सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, जूरी और प्रतिभागियों का स्वागत किया.

कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. सुदर्शन वर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है, मगर बढ़ते आपराधिक मामलों की वजह से महिलाएं खुलकर आगे नहीं आ पाती. इसलिए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों पर भी चर्चा की. जिसके अनुसार वर्ष 2020 में महिला अपराध के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. प्रीति सक्सेना ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनकी सामाजिक स्थिति पर चर्चा की.

प्रो. संगीता सक्सेना ने कहा कि निम्नवर्गीय, उच्चस्तरीय और मध्यमवर्गीय समाज से समन्धित महिलाओं के साथ अलग-अलग समस्याएं होती हैं. हमें आर्थिक स्तर पर महिलाओं को मजबूत करना होगा और इसके लिए उनमें स्किल डेवलपमेंट करना आवश्यक है. नई शिक्षा नीति भी शिक्षा के साथ कौशल विकास की बात करती है. डॉ. सार्थिक बाघ ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन की लिए आयोजकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रतियोगिता के जज होने के नाते उन्होंने सभी प्रतिभागियों के विचारों को ध्यान से सुना और प्रतिभागियों के विचार जानकर उन्हें यकीन है कि आने वाले समय मे यकीनन महिलाएं सुरक्षित होंगी.

कार्यक्रम की डायरेक्टर प्रो. प्रीति मिश्रा ने बताया कि लिंग अनुपात एक बड़ी समस्या है। आने वाले समय मे लिंग अनुपात और ज्यादा कम रहने का अनुमान है जिसको ध्यान में रखते हुए इस विषय पर चर्चा करना और समाज मे जागरूकता लाना आवश्यक है.

कार्यक्रम के अंत में डॉ. राशिदा अतहर ने कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. शशि कुमार और अन्य शिक्षकों, प्रतिभागियों एवं निर्णायक मंडल के सदस्यों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ प्रतिभाग किया.

इसे भी पढ़ें- छह साल की मिराया ने बालिका सुरक्षा पर दिया संदेश, वीडियो वायरल

लखनऊ: 'राष्ट्रीय बालिका दिवस' के अवसर पर बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ के मानवाधिकार विभाग द्वारा 'भावी पीढ़ी एवं समृद्धि हेतु बालिकाओं का संरक्षण' विषय पर ऑनलाइन वाग्मिता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. प्रतियोगिता के मुख्य संरक्षक विवि के कुलपति आचार्य संजय सिंह हैं. वहीं, डॉ. संगीता सक्सेना और डॉ. सार्थिक बाघ प्रतियोगिता के जज रहे.

प्रतिभागियों ने बालिकाओं के संरक्षण और महिलाओं की समाज में स्थिति पर अपने विचार रखे और भविष्य निर्माण में महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला. प्रतिभागियों ने बालिका संरक्षण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर प्रकाश डाला. प्रतियोगिता में विवि के विभिन्न विभागों के कुल 56 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया.

कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. रशिदा अतहर ने सभी प्रतिभागियों को प्रतियोगिता के नियमों से अवगत कराया. कार्यक्रम की कोऑर्डिनेटर डॉ. राज श्री ने कार्यक्रम में सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, जूरी और प्रतिभागियों का स्वागत किया.

कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. सुदर्शन वर्मा ने कहा कि महिलाओं को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार है, मगर बढ़ते आपराधिक मामलों की वजह से महिलाएं खुलकर आगे नहीं आ पाती. इसलिए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है. उन्होंने नेशनल क्राइम ब्यूरो के आंकड़ों पर भी चर्चा की. जिसके अनुसार वर्ष 2020 में महिला अपराध के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. कार्यक्रम की संरक्षक प्रो. प्रीति सक्सेना ने महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और उनकी सामाजिक स्थिति पर चर्चा की.

प्रो. संगीता सक्सेना ने कहा कि निम्नवर्गीय, उच्चस्तरीय और मध्यमवर्गीय समाज से समन्धित महिलाओं के साथ अलग-अलग समस्याएं होती हैं. हमें आर्थिक स्तर पर महिलाओं को मजबूत करना होगा और इसके लिए उनमें स्किल डेवलपमेंट करना आवश्यक है. नई शिक्षा नीति भी शिक्षा के साथ कौशल विकास की बात करती है. डॉ. सार्थिक बाघ ने इस कार्यक्रम के सफल आयोजन की लिए आयोजकों को शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रतियोगिता के जज होने के नाते उन्होंने सभी प्रतिभागियों के विचारों को ध्यान से सुना और प्रतिभागियों के विचार जानकर उन्हें यकीन है कि आने वाले समय मे यकीनन महिलाएं सुरक्षित होंगी.

कार्यक्रम की डायरेक्टर प्रो. प्रीति मिश्रा ने बताया कि लिंग अनुपात एक बड़ी समस्या है। आने वाले समय मे लिंग अनुपात और ज्यादा कम रहने का अनुमान है जिसको ध्यान में रखते हुए इस विषय पर चर्चा करना और समाज मे जागरूकता लाना आवश्यक है.

कार्यक्रम के अंत में डॉ. राशिदा अतहर ने कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. शशि कुमार और अन्य शिक्षकों, प्रतिभागियों एवं निर्णायक मंडल के सदस्यों का कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. प्रतियोगिता में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ प्रतिभाग किया.

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