लखनऊ : पाकिस्तान, दुबई, नेपाल व भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके अपने ऑनलाइन प्यार को पाने के लिए सीमा हैदर ने चाहे जितनी जद्दोजहद की है. इसको लेकर राजधानी के युवाओं की अलग ही राय है. युवाओं का कहना है कि अगर सीमा को सचिन से प्यार था तो वह कानूनी रास्ते का सहारा ले सकते थे. जो भी नियम कानून विदेशी लोगों को देश की नागरिकता देने की है उसके तहत वह देश में आ सकती थी. सीमा ने भारत आने के लिए जो भी तरीके अपनाए हैं वह संदिग्ध हैं. ऐसे में सीमा की पूरी तरह से जांच जरूरी है. युवा लड़कियों का कहना है कि अगर हम इसी तरह से दूसरे देशों के लोगों को अपने देश में आने देते रहे तो यह आगे चलकर एंटी नेशनल एक्टिविटीज का खतरा बढ़ सकता है. सिक्योरिटी फोर्स को इस मामले की तह जाना चाहिए.
प्यार अपनी जगह पर नियम कानून अपनी जगह
प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में प्रवेश की तैयारी कर रही छात्राओं ने सीमा और सचिन के प्यार के मामले में खुलकर अपनी राय रखी. छात्रा अहाना मल्होत्रा का कहना है कि प्यार करना कोई गलत नहीं है, पर जिस तरह से सीमा हैदर ने 3-3 पासपोर्ट फोटो की मदद से कई अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किया है. ऐसे में सीमा के पूरे ट्रैक रिकॉर्ड को चेक किया जाना चाहिए. हम ऐसे ही किसी भी व्यक्ति को सिर्फ प्यार के नाम पर अपने देश में प्रवेश नहीं दे सकते. अगर आज हम एक सीमा को प्यार के नाम पर छोड़ देते हैं तो भविष्य में इस तरह से कई इल्लीगल लोग हमारे देश में प्रवेश कर सकते हैं. छात्रा अदिति शुक्ला का कहना है कि केवल प्यार के लिए कोई महिला इस तरह से तीन-तीन देशों के पासपोर्ट का प्रयोग कर हमारे देश में प्रवेश करती है तो यह कोई सामान्य बात नहीं है. हमारे कानून के अनुसार इस मामले की जितनी भी जांच होनी चाहिए वह प्राथमिकता के तौर पर सरकार को करानी चाहिए. साथ ही इस तरह की घटनाओं को भविष्य में न हों और इसे कैसे रोका जाए यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
गलत तरीके से बॉर्डर पार करना अपराधा
छात्रा अंशिका शुक्ला का कहना है कि सीमा हैदर को सचिन मीणा के प्यार था तो इन दोनों को अपने-अपने देश में मौजूद कानूनी नियमों का पालन करना चाहिए था. गलत तरीके से विभिन्न देशों के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर्स को पार करके किसी दूसरे मुल्क में दाखिल होना अपराध की श्रेणी में आता है. हमारी सरकार को चाहिए कि इस तरह की गलत चीजों को प्रमोट होने से रोके. छात्रा श्रद्धा ने कहा कि ऑनलाइन गेम को ही इसके लिए दोषी मान लेना सही नहीं है. इस तरह की चीजें आपसी सहमति से होती हैं. इसलिए इसकी जांच बहुत जरूरी. छात्र रुद्र प्रताप का कहना है कि बीते कुछ समय में इस तरह के मामले बढ़े हैं. हमारी सरकार ने दूसरे देश के लोगों को नागरिकता भी प्रदान की है, पर यह जो मामला है तो इसकी जांच बहुत जरूरी है. भारत सरकार को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. इस मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जो निर्णय उचित होगा वही किया जाए.