लखनऊ: ऑनलाइन की दुनिया में सारे काम आसानी से हो रहै हैं. लेकिन ऑनलाइन माध्यम से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया बेहद धीमी चल रही है. बच्चों को गोद लेने के इच्छुक माता-पिता सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी वेबसाईट पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद भी बच्चों के लिए सालों भटक रहे हैं. एजेंसियों के सहारे बच्चों की उम्र बढ़ती जा रही है, तो वहीं माता-पिता भी ऑनलाइन प्रक्रिया से तमाम कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, जिससे उनकी उम्मीदें टूट रही हैं.
गौरतलब है कि बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया में बदलाव करते हुए केंद्र सरकार ने इसके लिए सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (CARA) का गठन किया था. यह संस्था महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अंतर्गत काम करती है. संस्था मुख्य रूप से अनाथ या अकेले छोड़ दिए गए बच्चों के एडॉप्शन के लिए काम करती है. देशभर में किसी भी जगह पर बच्चे गोद लेने के लिए रजिस्ट्रेशन इसी वेबसाइट पर किया जाता है.
मगर इस वेबसाइट की धीमी रफ्तार होने के चलते लगातार बच्चा गोद लेने वाले निसंतान दंपतियों की वेटिंग लिस्ट बढ़ती जा रही है. उन्हें सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी की तरफ से अभी तक बच्चे नहीं मिले हैं. इन फ्यूचर पेरेंट्स को 4 साल से ज्यादा समय बीत गया लेकिन अभी तक बच्चा नहीं मिल सका है. अब लोगों की उम्मीदें टूट रही हैं और लोग हताश होने लगे हैं.
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सिंगल बच्चे की ख्वाहिश रखने वाले अभिभावकों पर ज्यादा बच्चे लेने का दबाव : वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा चुके एक अभिभावक ने बताया कि कि 2016 में डेंगू से उनके इकलौते बेटे की मौत हो गई थी. इसके बाद उन्होंने सिंगल बच्चा गोद लेने के लिए वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाया था. उनको बच्चा गोद लेने के लिए कॉल आई, जिसमें उनको सिंगल बच्चे की जगह जुड़वा बच्चे लेने और तीन बच्चों को एक साथ लेने के लिए दबाव बनाया गया.
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