लखनऊ : प्रदेश भर से मरीजों को लखनऊ के चिकित्सालयों के लिए रेफर किया जाता है, वहीं प्रदेश के अन्य जिले से बहुत से ऐसे मरीज हैं जो खुद सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं. बात अगर सर्जरी की करें तो सिविल अस्पताल में सर्जरी के लिए रोजाना लगभग 150 से 200 मरीज आते हैं. राजधानी के बड़े अस्पतालों में मरीजों को इतने चक्कर लगाने पड़ते हैं कि उनकी हालत गंभीर हो जाती है. सिविल अस्पताल में आराम से इलाज मुहैया होता है, लेकिन एक ही ऑपरेशन थिएटर होने के कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. प्रदेश के अन्य जिले से आए हुए मरीजों को बार-बार आना पड़ता है.
सिविल अस्पताल में छह साल बाद भी मरीजों को पूरी तरह मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (ओटी) की सुविधा नहीं मिल पा रही. यहां चार मॉड्यूलर ओटी बनाने के लिए साल 2017 में करीब ₹4.41 करोड़ का बजट मंजूर हुआ था. इसके बावजूद अब तक सिर्फ दो ओटी बन सकी हैं. इनमें भी सिर्फ एक ओटी चालू है, जबकि दूसरी महीनों से बंद है. जानकारी के मुताबिक, बंद पड़ी ओटी में सीलन आने के कारण उपकरण खराब हो गए थे. इस कारण इसमें ऑपरेशन नहीं हो रहे. जिम्मेदारों का कहना है कि 'बीते दिनों एक एजेंसी की टीम ने ओटी का निरीक्षण किया था. इसके बाद उपकरणों के लिए शासन को पत्र लिखा गया है.'
बलरामपुर जिले से पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए पहुंची गीतांजलि साहू ने बताया कि 'दूर से आए हुए हैं. जिले में अस्पताल है, लेकिन इतना अच्छा इलाज नहीं हो पाता है. इसलिए लखनऊ के अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ा. लखनऊ के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए आए हैं. उन्होंने कहा कि मंगलवार को ओपीडी में दिखाया है, डेढ़ महीने बाद की तारीख ऑपरेशन के लिए मिली है.'
बरेली की रहने वाली शोभा ने बताया कि 'उनकी बेटी को अपेंडिक्स है, जिसका ऑपरेशन कराने के लिए हजरतगंज स्थित डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल आए हुए हैं. उन्होंने कहा कि अस्पताल का नाम काफी सुना है और एक रिश्तेदार ने बताया कि उनकी बेटी का ऑपरेशन यहीं पर हुआ था. काफी सहूलियत मिली थी, इसलिये यहां पर आए हैं, लेकिन ऑपरेशन के लिए 25 जून की तारीख मिली है. यह एक लंबा समय है क्योंकि बेटी को अपेंडिक्स का दर्द बहुत भयानक होता है. डॉक्टर का कहना है कि 'रोजाना 20 मरीज का ऑपरेशन होता है और हर दिन इसी तरह से मरीज को तारीख दी जाती है. इसके हिसाब से ही ऑपरेशन होगा. यहां पर एक ऑपरेशन थिएटर है.'
अस्पताल के निदेशक डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि 'लैप्रोस्कोपी समेत अन्य कई उपकरण मंगवाने के लिए पत्र भेजा गया है. उपकरण मिलने के बाद दूसरी ओटी भी शुरू कर दी जाएगी.'
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