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पिछड़ा व दलित समाज हर क्षेत्र में आ रहा आगे, इसीलिए भाजपा घबराई हुई है : अखिलेश यादव

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Published : Aug 21, 2023, 10:15 PM IST

Updated : Aug 22, 2023, 4:02 PM IST

राजधानी में सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिवसीय महासम्मेलन का आयोजन किया गया था. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.

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राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही यह बात. देखें खबर

लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम कभी पिछड़े नहीं थे. साजिशों ने हमारा समाज पिछड़ा बना दिया गया है, लेकिन अब पिछड़ा और दलित समाज जागरूक हुआ है. अपने अधिकारों की मांग कर रहा है. हर क्षेत्र में आगे आ रहा है इसीलिए भाजपा घबराई हुई है और वह किसी भी हद तक साजिश और षडयंत्र कर सकती है. भाजपा से सावधान रहना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़े समाज में जन्में महापुरूषों के विचार और वर्तमान राजनीतिक परिवेश में उनकी प्रासंगिकता विषय पर आयोजित एक दिवसीय महासम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. सम्मेलन में पूरे प्रदेश से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी, नेता और प्रतिनिधि मौजूद रहे.

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में महासम्मेलन.
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में महासम्मेलन.


उन्होंने कहा कि 'सम्मेलन में मौजूद लोग तथागत गौतमबुद्ध के विचारों को मानने वाले और चक्रवर्ती सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य एवं चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य के वंशज हैं. उन्होंने समाज सुधारक ज्योतिबा फूले तथा सावित्री बाई फुले का स्मरण कर उन्हें नमन किया. उन्होंने उनके चित्रों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की. कहा कि 'जो समस्या आपकी है, वही हमारी भी है. आपके समाज को अपने साथ बराबर खड़ा करेंगे. राजनीतिक और सामाजिक हैसियत में पीछे नहीं रखेंगे. हमें भरोसा है कि यहां पर जो नेता आये हैं और समाजवादी पार्टी के साथ जो लोग हैं, सब भाजपा का मुकाबला कर लेंगे, जो लोग दूसरे के स्टूल की बात करते थे उन्हें आज खुद स्टूल नहीं मिल रहा है.'


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'इस समाज का अतीत और इतिहास ऐसा है कि यह कभी पिछड़ा नहीं था, लेकिन हजारों साल पहले हुई साजिश के कारण पिछड़ गया. यह लड़ाई हजारों साल की है खत्म नहीं हुई, अभी जारी है. सामाजिक न्याय की लड़ाई बड़ी है. जातीय जनगणना सामाजिक न्याय की लड़ाई की अगली कड़ी है. समाजवादी लोग लम्बे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. लोकसभा में नेताजी मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और लालू प्रसाद यादव समेत दक्षिण भारत के नेताओं ने मांग की थी और उस समय की सरकार ने जातीय जनगणना कराने के लिए स्वीकार किया था, लेकिन आंकड़े नहीं जारी हुए थे.'


उन्होंने कहा कि 'हम समाजवादी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो और सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में हक और सम्मान मिले, लेकिन जिनकी संख्या आबादी में बहुत कम है वही जातीय जनगणना नहीं होने देना चाहते हैं. जब कभी भी समाजवादियों को मौका मिलेगा तो जातीय जनगणना कराकर सभी को उनके आबादी के अनुपात में हक और सम्मान दिलाने का काम करेंगे.' भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि 'जब कभी आंकलन होगा और रिपोर्ट तैयार होगी तो यही निकलेगा कि नोटबंदी भाजपा सरकार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी फैसला था. पहले 2000 रुपये का नोट छापा. उसे चलाया और फिर बंद कर दिया. भाजपा ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के फैसले लिये. उन्होंने कहा कि जनता को 2022 के चुनाव में धोखा दिया गया और अब 2024 के लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है. देश में इंडिया गठबंधन बनने के बाद भाजपा में घबराहट है. इंडिया के साथ पीडीए खड़ा है जो लोकसभा चुनाव में भाजपा का सफाया कर देगा.'


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'सत्ता में बैठे लोग दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज को धन, धरती और शिक्षा से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारों पर डकैती डाल रहे हैं. नौकरियों में पिछड़ों का कोटा गायब कर रहे हैं. आज देश, लोकतंत्र और संविधान खतरे में है. आजादी के 76 सालों के बाद भी कुछ ताकतें है जो दलितों, पिछड़ों को अपमानित कर रही है और उनका हक और सम्मान नहीं देना चाहती हैं. ऐसे ठेकेदारों से सावधान रहना है क्योंकि देश में अब परिवर्तन की बयार चल पड़ी है.'

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका, कार्यकर्ताओं ने पीटा : राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को समाजवादी पार्टी के नूरपुर बिजनौर के विधायक राम अवतार सैनी ने पिछड़ा सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हुए, वहीं पर वकील की भेष में आये युवक ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका. इसके बाद स्वामी के समर्थकों ने युवक को जमकर पीटा. पुलिस ने युवक को सपा कार्यकर्ताओं से छुड़ाकर हिरासत में लिया है. सपा के कार्यक्रम में पिछड़े समाज से जुड़े महापुरुषों को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था.


स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'यह दुखद है, ऐसी घटना किसी भी लीडर के साथ नहीं होनी चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य आज के नेता नहीं हैं, वरिष्ठ नेता हैं. पॉलिटिकल करियर है इनका, इनकी विचारधारा है, अपने समाज के लोगों के बीच में बात रखते हैं. अगर किसी को कोई विरोध है तो बात करनी चाहिए, जो सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वह लीडर्स को अपमानित करने की बात करती है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता मऊ में था, वह भारतीय जनता पार्टी का था, जो घोसी में घटना हुई थी. यहां भी जो कार्यकर्ता ने घटना की है, यह भी भाजपा का ही कार्यकर्ता होगा. भारतीय जनता पार्टी बौखला गई है.'

यह भी पढ़ें : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर युवक ने फेंका जूता, पुजारी राजू दास ने कहा-अगला नंबर अखिलेश यादव का

राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कही यह बात. देखें खबर

लखनऊ : सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'हम कभी पिछड़े नहीं थे. साजिशों ने हमारा समाज पिछड़ा बना दिया गया है, लेकिन अब पिछड़ा और दलित समाज जागरूक हुआ है. अपने अधिकारों की मांग कर रहा है. हर क्षेत्र में आगे आ रहा है इसीलिए भाजपा घबराई हुई है और वह किसी भी हद तक साजिश और षडयंत्र कर सकती है. भाजपा से सावधान रहना होगा. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़े समाज में जन्में महापुरूषों के विचार और वर्तमान राजनीतिक परिवेश में उनकी प्रासंगिकता विषय पर आयोजित एक दिवसीय महासम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे. सम्मेलन में पूरे प्रदेश से मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी समाज के विधायक, पूर्व विधायक, पदाधिकारी, नेता और प्रतिनिधि मौजूद रहे.

इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में महासम्मेलन.
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में महासम्मेलन.


उन्होंने कहा कि 'सम्मेलन में मौजूद लोग तथागत गौतमबुद्ध के विचारों को मानने वाले और चक्रवर्ती सम्राट चन्द्र गुप्त मौर्य एवं चक्रवर्ती सम्राट अशोक मौर्य के वंशज हैं. उन्होंने समाज सुधारक ज्योतिबा फूले तथा सावित्री बाई फुले का स्मरण कर उन्हें नमन किया. उन्होंने उनके चित्रों पर भी पुष्पांजलि अर्पित की. कहा कि 'जो समस्या आपकी है, वही हमारी भी है. आपके समाज को अपने साथ बराबर खड़ा करेंगे. राजनीतिक और सामाजिक हैसियत में पीछे नहीं रखेंगे. हमें भरोसा है कि यहां पर जो नेता आये हैं और समाजवादी पार्टी के साथ जो लोग हैं, सब भाजपा का मुकाबला कर लेंगे, जो लोग दूसरे के स्टूल की बात करते थे उन्हें आज खुद स्टूल नहीं मिल रहा है.'


पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि 'इस समाज का अतीत और इतिहास ऐसा है कि यह कभी पिछड़ा नहीं था, लेकिन हजारों साल पहले हुई साजिश के कारण पिछड़ गया. यह लड़ाई हजारों साल की है खत्म नहीं हुई, अभी जारी है. सामाजिक न्याय की लड़ाई बड़ी है. जातीय जनगणना सामाजिक न्याय की लड़ाई की अगली कड़ी है. समाजवादी लोग लम्बे समय से जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. लोकसभा में नेताजी मुलायम सिंह यादव, शरद यादव और लालू प्रसाद यादव समेत दक्षिण भारत के नेताओं ने मांग की थी और उस समय की सरकार ने जातीय जनगणना कराने के लिए स्वीकार किया था, लेकिन आंकड़े नहीं जारी हुए थे.'


उन्होंने कहा कि 'हम समाजवादी लोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो और सभी जातियों को उनकी आबादी के अनुपात में हक और सम्मान मिले, लेकिन जिनकी संख्या आबादी में बहुत कम है वही जातीय जनगणना नहीं होने देना चाहते हैं. जब कभी भी समाजवादियों को मौका मिलेगा तो जातीय जनगणना कराकर सभी को उनके आबादी के अनुपात में हक और सम्मान दिलाने का काम करेंगे.' भाजपा सरकार को हर मोर्चे पर विफल बताते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि 'जब कभी आंकलन होगा और रिपोर्ट तैयार होगी तो यही निकलेगा कि नोटबंदी भाजपा सरकार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी फैसला था. पहले 2000 रुपये का नोट छापा. उसे चलाया और फिर बंद कर दिया. भाजपा ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस तरह के फैसले लिये. उन्होंने कहा कि जनता को 2022 के चुनाव में धोखा दिया गया और अब 2024 के लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है. देश में इंडिया गठबंधन बनने के बाद भाजपा में घबराहट है. इंडिया के साथ पीडीए खड़ा है जो लोकसभा चुनाव में भाजपा का सफाया कर देगा.'


कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि 'सत्ता में बैठे लोग दलित, पिछड़े, आदिवासी और अल्पसंख्यक समाज को धन, धरती और शिक्षा से वंचित करने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारों पर डकैती डाल रहे हैं. नौकरियों में पिछड़ों का कोटा गायब कर रहे हैं. आज देश, लोकतंत्र और संविधान खतरे में है. आजादी के 76 सालों के बाद भी कुछ ताकतें है जो दलितों, पिछड़ों को अपमानित कर रही है और उनका हक और सम्मान नहीं देना चाहती हैं. ऐसे ठेकेदारों से सावधान रहना है क्योंकि देश में अब परिवर्तन की बयार चल पड़ी है.'

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका, कार्यकर्ताओं ने पीटा : राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोमवार को समाजवादी पार्टी के नूरपुर बिजनौर के विधायक राम अवतार सैनी ने पिछड़ा सम्मेलन का आयोजन किया था, जिसमें सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य शामिल हुए, वहीं पर वकील की भेष में आये युवक ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका. इसके बाद स्वामी के समर्थकों ने युवक को जमकर पीटा. पुलिस ने युवक को सपा कार्यकर्ताओं से छुड़ाकर हिरासत में लिया है. सपा के कार्यक्रम में पिछड़े समाज से जुड़े महापुरुषों को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया था.


स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि 'यह दुखद है, ऐसी घटना किसी भी लीडर के साथ नहीं होनी चाहिए. स्वामी प्रसाद मौर्य आज के नेता नहीं हैं, वरिष्ठ नेता हैं. पॉलिटिकल करियर है इनका, इनकी विचारधारा है, अपने समाज के लोगों के बीच में बात रखते हैं. अगर किसी को कोई विरोध है तो बात करनी चाहिए, जो सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है वह लीडर्स को अपमानित करने की बात करती है. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो कार्यकर्ता मऊ में था, वह भारतीय जनता पार्टी का था, जो घोसी में घटना हुई थी. यहां भी जो कार्यकर्ता ने घटना की है, यह भी भाजपा का ही कार्यकर्ता होगा. भारतीय जनता पार्टी बौखला गई है.'

यह भी पढ़ें : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर युवक ने फेंका जूता, पुजारी राजू दास ने कहा-अगला नंबर अखिलेश यादव का
Last Updated : Aug 22, 2023, 4:02 PM IST
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