लखनऊ : लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान ने 11वें साल पर अपना पहला स्थापना दिवस मनाया. इसमें बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मौजूद रहीं. उन्होंने मेधावियों को गोल्ड मेडल प्रदान किए. इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों की कोरोना के वक्त की गई ड्यूटी को सराहा. साथ ही राज्य में बढ़ते कोरोना के मामले को लेकर अलर्ट किया. लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में पहले स्थापना दिवस पर डॉक्टर-छात्रों में एक अलग ही उत्साह दिखा. संस्थान के सभागार में सबसे पहले निदेशक ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की.
टीबी पीड़ित बच्चों को लिया गोद
इस दौरान एमबीबीएस के विभिन्न प्रोफेशनल एक्जाम में टॉप करने वाले और एमडी, एमसीएच, डीएम कोर्स के मेधावियों को सम्मानित किया गया. इस मौके पर संस्थान द्वारा टीबी पीड़ित 20 बच्चों को गोद लिया गया. राज्यपाल ने कहा कि 'अब ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए, जिसमें नेता नहीं डॉक्टर, कर्मी और छात्र बोलें. नेता वहां के संस्थान और समस्या के बारे में सुने और उसका निराकरण करें, तभी संस्थान का विकास संभव होगा. उन्होंने निदेशक से कहा कि यदि ऐसा कार्यक्रम होगा तो वह अवश्य आएंगे, डॉक्टर के लक्ष्य बनाकर काम करें.' साथ ही राज्यपाल ने महिला-बाल रोग को शैक्षणिक वार्ड की तरह बनाने की बात कही. इसमें दीवारों पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, खानपान-साफ सफाई के तरीके लिखे जाएंगे.
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पाठ्यक्रम में होगा स्वास्थ्य शिक्षा, खुद बनाएं उपकरण
राज्यपाल ने कहा कि पाठ्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा शामिल होगा. नई शिक्षा नीति में इसका प्रावधान है. ऐसे में राज्य की मेडिकल यूनिवर्सिटी बनाए जा रहे पाठ्यक्रम में अपने सुझाव दें. बच्चों को कौन-कौन सी बीमारी के प्रति जागरूक करना है, इसका सरल और बेहतर सुझाव पाठ्यक्रम के लिए प्रदान करें. महिलाओं को ब्रेस्ट, सर्वाइकल कैंसर के प्रति जागरूक करें. टेक्निकल यूनिवर्सिटी के साथ मेडिकल यूनिवर्सिटी मिलकर बेहतर उपकरण बनाएं. सभी को मिलकर आत्मनिर्भर भारत बनाना है. विदेश से उपकरण खरीदने के बजाएं, स्वदेशी बनाएं. साथ ही कुपोषण, बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ काम करना होगा.
मरीजों से करें सही व्यवहार
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया के नाम पर संस्थान का नाम होना गर्व की बात है. डॉ. लोहिया जातिवाद के खिलाफ थे. समाज के लिए उनका बड़ा योगदान रहा है. मंत्री ने डॉक्टरों से मरीजों के प्रति शालीन व्यवहार करने की बात कही. राज्य मंत्री संदीप सिंह ने डॉक्टरों को शोध को बढ़ावा देने की बात कही. मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने कहा कि कम समय में लोहिया संस्थान ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किए.
2006 में संस्थान खोलने के लिए लगी मुहर
संस्थान के निदेशक डॉ. एके सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2006 में लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान खोलने पर मुहर लगाई. वहीं, वर्ष 2009 में पीजीआई के सहयोग से ओपीडी शुरू हुई. वर्ष 2010 में संस्थान में न्यूरो सर्जरी का पहला ऑपरेशन हुआ. 2017-18 में एमबीबीएस शुरू हुआ. वर्ष 2019 में अस्पताल का संस्थान में विलय हो गया.
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20 बेड से बढ़कर एक हजार से ज्यादा बेड हुए
निदेशक ने कहा कि 20 बेड से शुरू हुए संस्थान में अब एक हजार से ज्यादा बेड हो चुके हैं. इसमें सुपर स्पेशयलिटी ब्लॉक 350 बेड, हॉस्पिटल ब्लॉक 400 बेड, शहीद पथ पर अस्पताल में 200 बेड हैं. अब इमरजेंसी सेवा में सुधार किया जाएगा. संस्थान में 5.5 लाख कोविड टेस्ट किए गए. यह देश में पांचवें स्थान पर सर्वाधिक टेस्ट करने वाला संस्थान बना. इसके अलावा एमबीबीएस, एमडी, डीएम, एमसीएच पाठ्यक्रम का संचालन हो रहा है.
इस साल शुरू होंगी सुविधाएं
- न्यूरोसाइंस सेंटर की शुरुआत होगी, हेड इंजरी के मरीजों को मिलेगी राहत
- शहीद पथ अस्पताल में मैटरनल आईसीयू शुरू होगा, गर्भवती- प्रसूता को भागदौड़ से मिलेगा छुटकारा
- न्यू कैंपस में फैकल्टी आवास, ब्वॉयज हॉस्टल,गर्ल्स हॉस्टल, नर्सिंग हॉस्टल का निर्माण होगा पूरा
यह है नया प्लान
- पेट स्कैन में आवश्यक रेडियो आइसोटोप संस्थान खुद बनाएगा, ऐसे में मुंबई से मंगाने का झंझट होगा खत्म
- रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी, यूरोलॉजी, गैस्ट्रोलॉजी विभाग में पहले ऑपरेशन का प्लान
- संस्थान में तीन विभाग खुलेंगे, गैस्ट्रोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी व गठिया रोग विभाग
- संस्थान शीघ्र ही अपना कन्वेशन सेंटर बनाएगा। इसमें विभिन्न आयोजन होंगे
- 2022 में संस्थान से पहला एमबीबीएस बैच पास होकर निकलेगा, इसे केजीएमयू की डिग्री मिलेगी
- संस्थान में 2019 में दाखिला लेने छात्रों को पास होने पर लोहिया संस्थान की डिग्री मिलेगी