लखनऊ: योगी सरकार के मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को योगी मंत्री मंडल से इस्तीफा दे दिया. लोकसभा चुनाव में भापजा द्वारा सीट न दिए जाने से नाराज राजभर ने यूपी की करीब 40 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे, जिसके बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि वह जल्द ही योगी सरकार से इस्तीफा दे सकते हैं.
हमेशा भाजपा पर हमलावर रहे राजभर
- ओमप्रकाश राजभर समय-समय पर योगी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं.
- इससे पहले भी कई बार वह योगी सरकार से इस्तीफा देने की पेशकश कर चुके थे.
- 2017 विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश राजभर भाजपा के साथ आए थे.
- भाजपा की ऐतिहासिक जीत में ओमप्रकाश राजभर की भी नैया पार लगी थी.
- भाजपा ने योगी मंत्री मंडल में ओमप्रकाश राजभर को भी शामिल किया था.
- मंत्री बनने के बाद से ओमप्रकाश हमेशा भाजपा पर हमलावर नजर आए हैं.
- 2019 चुनाव की घोषणा के बाद उन्होंने बगावती तेवर अख्तियार करना शुरू कर दिया था.
- बाद में उन्होंने भाजपा से अलग होकर यूपी की करीब 40 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए थे.
- जानकार बताते हैं कि राजभर ने सियासी लाभ के लिए मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर नया कार्ड खेला है.
पूर्वांचल की सीटों पर भाजपा को नुकसान पहुंचा सकते हैं राजभर
- दरअसल, अब लोकसभा चुनाव पूर्वांचल की सीटों पर होना है.
- पूर्वांचल की तमाम ऐसी महत्वपूर्ण सीटें हैं, जिन पर राजभर वोट की बहुलता है.
- ऐसे में राजभर अपने समाज के लोगों के बीच यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं.
- वह बीजेपी सरकार से अलग होना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी उन्हें अलग नहीं होने देना चाहती है.
- राजभर योगी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके हैं और यह आरोप लगा रहे हैं.
- वहीं बीजेपी अपने सियासी लाभ के लिए राजभर की फोटो का इस्तेमाल कर रही है.
- योगी सरकार ने राजभर का इस्तीफा अभी तक नहीं मंजूर किया है.
ओमप्रकाश राजभर ने किसको इस्तीफा दिया या नहीं दिया है, यह तो वही बेहतर बता सकते हैं, जहां तक उनकी नाराजगी की बात है और साथ रहने की बात है तो वह कल तक साथ थे और आज हैं. कल फिर उन्हें रहना है या नहीं रहना है, इसके बारे में सही फैसला ओमप्रकाश राजभर को ही करना है.
-हीरो बाजपेई, प्रदेश प्रवक्ता भाजपा
ओमप्रकाश राजभर को नौटंकीबाज कहा जाए तो गलत नहीं होगा. उत्तर प्रदेश की जनता भी उनकी नौटंकी देखते-देखते आजिज आ चुकी है. इस प्रकार कभी नहीं होता कि आप जिस गठबंधन के साथ हो उसी सरकार और पार्टी पर हमले करें. यह सिर्फ और सिर्फ नौटंकी है. वह सिर्फ अपने लाभ के लिए इस प्रकार की बातें और इस्तीफा देने की पेशकश करते रहते हैं. जिस दल के साथ वह सरकार में है. उस दल को क्या देना है क्या नहीं देना. यह उसे तय करना है. बीजेपी की तरफ से उन्हें उनकी क्षमता के अनुसार हिस्सेदारी दी गई है. इसके बाद फिर सवाल उठाना यह गलत है.
-अशोक राजपूत, राजनीतिक विश्लेषक