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डिफाल्टर इकाई खरीदने वाली संस्था से नहीं वसूला जाएगा पुराना बकाया - औद्योगिक विकास प्राधिकरण

यूपी के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिया है कि नीलामी में संपत्ति खरीदने वालों से पुराना बकाया न वसूला जाए. इसके साथ ही तय हुआ है कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) के लिए बल्क लैंड नीति जारी की जाएगी.

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नहीं वसूला जाएगा पुराना बकाया
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Published : Jan 5, 2021, 2:22 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में डिफाल्टर इकाइयों की नीलामी होने की स्थिति में क्रय करने वाली इकाई से बकाया नहीं वसूला जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि बैठकों में उद्योगों से जुड़े मामलों के निस्तारित होने की स्थिति में उसे समय से लागू किया जाए. अधिकारी सुनिश्चित करें कि उद्योगों के प्रकरणों को अनावश्यक रूप से देरी न की जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी बैठकों में पूरी तैयारी से आएं.

बकाए को परिभाषित करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने सोमवार को लोक भवन में उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण के लिए ‘इन्वेस्ट यूपी’ की उच्च-स्तरीय बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि डिफाल्टर इकाई की नीलामी करने पर पूर्व इकाई की बकाया क्रय करने वाली इकाई से न वसूला जाए. यह बकाया पूर्व इकाई तथा संबंधित वित्तीय संस्थाओं से की जानी चाहिए. इस संबंध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि पुरानी इकाई के विक्रय या स्थानांतरण से पूर्व क्रेता के समस्त देयों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किए जाने के लिए शासनादेश निर्गत किया जाए.

सात प्रकरणों की हुई सुनवाई
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल की उपस्थिति में सात प्रकरणों पर विचार-विमर्श किया गया. इसके साथ ही समाधान के लिए निर्देश दिए गए.

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 50 एकड़ से बड़े भूखण्डों (बल्क लैण्ड) के रख-रखाव शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए नई नीति जारी की जाएगी. इसको लेकर इसी महीने के अंत तक सारी तैयारी कर ली जाए. अंकुर उद्योग लि. गोरखपुर के प्रकरण के समाधान के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी, गीडा को यह निर्देश दिए गए. जिसके परिणामस्वरूप गीडा में क्रियाशील अनेक इकाइयों को लाभ होगा.

पांच वर्ष तक मंडी शुल्क में छूट
मे. जेआरजी फूड्स के मण्डी शुल्क में छूट से संबंधित प्रकरण में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि भविष्य में मण्डी शुल्क में छूट के प्रकरणों में टैक्स की दर मेें कमी किए जाने के प्राविधान को समाप्त कर दिया गया है. उ.प्र. औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत समस्त पात्र इकाइयों को मण्डी शुल्क में पांच वर्ष तक पूरी छूट मिलेगी.

ऑनलाइन पोर्टल पर बकायेदारों की सूची
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने बताया किया कि विद्युत विभाग के बकायेदारों की सूची आनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई है. नीलामी अथवा विक्रय करने वाली संस्थाएं नीलामी करने से पहले ही पुरानी इकाई पर लंबित देयों की जानकारी ले सकती हैं. बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित सात प्रकरणों पर विचार-विमर्श करते हुए पांच का समाधान किया गया. बचे हुए दो प्रकरणों में संबंधित विभागों को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए.

लखनऊ: प्रदेश में डिफाल्टर इकाइयों की नीलामी होने की स्थिति में क्रय करने वाली इकाई से बकाया नहीं वसूला जाएगा. उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने निर्देश दिए हैं कि बैठकों में उद्योगों से जुड़े मामलों के निस्तारित होने की स्थिति में उसे समय से लागू किया जाए. अधिकारी सुनिश्चित करें कि उद्योगों के प्रकरणों को अनावश्यक रूप से देरी न की जाए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों के अधिकारी बैठकों में पूरी तैयारी से आएं.

बकाए को परिभाषित करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने सोमवार को लोक भवन में उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण के लिए ‘इन्वेस्ट यूपी’ की उच्च-स्तरीय बैठक की. उन्होंने निर्देश दिए कि डिफाल्टर इकाई की नीलामी करने पर पूर्व इकाई की बकाया क्रय करने वाली इकाई से न वसूला जाए. यह बकाया पूर्व इकाई तथा संबंधित वित्तीय संस्थाओं से की जानी चाहिए. इस संबंध में मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि पुरानी इकाई के विक्रय या स्थानांतरण से पूर्व क्रेता के समस्त देयों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किए जाने के लिए शासनादेश निर्गत किया जाए.

सात प्रकरणों की हुई सुनवाई
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव, औद्योगिक विकास आलोक कुमार, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव, एमएसएमई नवनीत सहगल की उपस्थिति में सात प्रकरणों पर विचार-विमर्श किया गया. इसके साथ ही समाधान के लिए निर्देश दिए गए.

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में 50 एकड़ से बड़े भूखण्डों (बल्क लैण्ड) के रख-रखाव शुल्क को युक्तिसंगत बनाने के लिए नई नीति जारी की जाएगी. इसको लेकर इसी महीने के अंत तक सारी तैयारी कर ली जाए. अंकुर उद्योग लि. गोरखपुर के प्रकरण के समाधान के लिए मुख्य कार्यपालक अधिकारी, गीडा को यह निर्देश दिए गए. जिसके परिणामस्वरूप गीडा में क्रियाशील अनेक इकाइयों को लाभ होगा.

पांच वर्ष तक मंडी शुल्क में छूट
मे. जेआरजी फूड्स के मण्डी शुल्क में छूट से संबंधित प्रकरण में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि भविष्य में मण्डी शुल्क में छूट के प्रकरणों में टैक्स की दर मेें कमी किए जाने के प्राविधान को समाप्त कर दिया गया है. उ.प्र. औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2017 के अंतर्गत समस्त पात्र इकाइयों को मण्डी शुल्क में पांच वर्ष तक पूरी छूट मिलेगी.

ऑनलाइन पोर्टल पर बकायेदारों की सूची
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार ने बताया किया कि विद्युत विभाग के बकायेदारों की सूची आनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई है. नीलामी अथवा विक्रय करने वाली संस्थाएं नीलामी करने से पहले ही पुरानी इकाई पर लंबित देयों की जानकारी ले सकती हैं. बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित सात प्रकरणों पर विचार-विमर्श करते हुए पांच का समाधान किया गया. बचे हुए दो प्रकरणों में संबंधित विभागों को त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए गए.

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