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लखनऊ: अब कबाड़ी के यहां नहीं, RTO में कबाड़ घोषित होंगे पुराने ऑटो - crime in lucknow

राजधानी लखनऊ में 15 साल की आयु पूरी कर चुके ऑटो रिक्शा को वाहन स्वामी कबाड़ी को नहीं देंगे, बल्कि उसे आरटीओ कार्यालय परिसर में खड़ा करेंगे. दरअसल, कुछ ऑटो चालक कबाड़ हो चुके ऑटो के फर्जी दस्तावेजों से दूसरे ऑटो चला रहे हैं. इस मामले के सामने आने के बाद संभागीय परिवहन विभाग ने ऑटो सरेंडर करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है.

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15 साल पुराने आरटीओ कार्यालय परिसर में होंगे जमा.
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Published : Sep 25, 2020, 12:57 PM IST

लखनऊ: अभी तक जो ऑटो रिक्शा अपनी 15 साल की आयु पूरी कर चुके होते हैं, तो उन्हें कबाड़ी को बेच दिया जाता है. लेकिन हाल ही में चोरी के कई ऑटो पकड़े जाने के बाद सामने आया कि इन ऑटो में पुराने ऑटो के नंबर लगे हुए थे और ये संचालित हो रहे थे. इसके बाद अब संभागीय परिवहन कार्यालय ने फैसला लिया है कि कबाड़ हो चुके ऑटो को अब कबाड़ी को न देकर आरटीओ कार्यालय के परिसर में ही कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा.

बता दें कि अभी तक जिन ऑटो की उम्र पूरी हो जाती थी, उनके वाहन स्वामी कबाड़ी से ऑटो की चेसिस नंबर काटने के बाद कागज जमा करके रजिस्ट्रेशन रद्द कराते थे. इसके बाद उसी ऑटो के फर्जी दस्तावेज बनवाकर दूसरे ऑटो संचालित कराते थे. बीते दिनों पकड़े गए फर्जी कागजात पर ऑटो ट्रांसफर मामले में इस बात का खुलासा होने पर परिवहन विभाग ने ऑटो सरेंडर करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है. अब आरटीओ कार्यालय के परिसर में यातायात पथ निरीक्षक (आरआई) के सामने ऑटो को काटकर कबाड़ घोषित करने का वीडियो बनाकर रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अंकिता शुक्ला ने फर्जीवाड़े से बचने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिससे फर्जीवाड़ा रुक सके.

बता दें कि वर्तमान में आरटीओ में 4343 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं. इनमें से ज्यादातर ऑटो की 15 साल की आयु 2020 से 2022 तक पूरी हो रही है. ऐसे ऑटो परमिट धारकों को अपने ऑटो को आरटीओ कार्यालय में लाकर कबाड़ घोषित करा कर रजिस्ट्रेशन रद्द कराना होगा.

लखनऊ: अभी तक जो ऑटो रिक्शा अपनी 15 साल की आयु पूरी कर चुके होते हैं, तो उन्हें कबाड़ी को बेच दिया जाता है. लेकिन हाल ही में चोरी के कई ऑटो पकड़े जाने के बाद सामने आया कि इन ऑटो में पुराने ऑटो के नंबर लगे हुए थे और ये संचालित हो रहे थे. इसके बाद अब संभागीय परिवहन कार्यालय ने फैसला लिया है कि कबाड़ हो चुके ऑटो को अब कबाड़ी को न देकर आरटीओ कार्यालय के परिसर में ही कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा.

बता दें कि अभी तक जिन ऑटो की उम्र पूरी हो जाती थी, उनके वाहन स्वामी कबाड़ी से ऑटो की चेसिस नंबर काटने के बाद कागज जमा करके रजिस्ट्रेशन रद्द कराते थे. इसके बाद उसी ऑटो के फर्जी दस्तावेज बनवाकर दूसरे ऑटो संचालित कराते थे. बीते दिनों पकड़े गए फर्जी कागजात पर ऑटो ट्रांसफर मामले में इस बात का खुलासा होने पर परिवहन विभाग ने ऑटो सरेंडर करने की प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है. अब आरटीओ कार्यालय के परिसर में यातायात पथ निरीक्षक (आरआई) के सामने ऑटो को काटकर कबाड़ घोषित करने का वीडियो बनाकर रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी. सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) अंकिता शुक्ला ने फर्जीवाड़े से बचने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं, जिससे फर्जीवाड़ा रुक सके.

बता दें कि वर्तमान में आरटीओ में 4343 ऑटो रिक्शा पंजीकृत हैं. इनमें से ज्यादातर ऑटो की 15 साल की आयु 2020 से 2022 तक पूरी हो रही है. ऐसे ऑटो परमिट धारकों को अपने ऑटो को आरटीओ कार्यालय में लाकर कबाड़ घोषित करा कर रजिस्ट्रेशन रद्द कराना होगा.

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