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अधिकारियों ने जिला अस्पतालों में देखी डेंगू वार्डों की व्यवस्था, दिए दिशा-निर्देश

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Published : Sep 5, 2021, 10:23 AM IST

डेंगू और कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों को परखने के लिए शनिवार को अफसरों ने राजधानी के अस्पतालों का निरीक्षण किया. सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा.

डेंगू
डेंगू

लखनऊ: डेंगू और कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों को परखने के लिए शनिवार को अफसरों ने राजधानी के दो अस्पतालों का निरीक्षण किया. सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा. पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं देंखी. पहले से भर्ती बुखार के मरीजों से बात कर इलाज की व्यवस्था जानी.

सुबह अचानक अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल की गाड़ी सिविल अस्पताल पहुंची. तीनों अफसरों के अचानक अस्पताल पहुंचने से हड़कंप मच गया. आनन-फानन अस्पताल के अफसर भी मौके पर पहुंचे. अपर मुख्य सचिव ने डेंगू और बुखार के मरीजों के इलाज के इंतजामों के बारे में पूछताछ की.

सिविल अस्पताल

अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि 17 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. मेडिसिन विभाग में बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. इसके बाद अफसर कोरोना जांच केंद्र पहुंचे. डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की जांच की व्यवस्था पुख्ता रखने के निर्देश दिए. कोरोना मरीजों की जांच के बारे में भी पूछताछ की और टीकाकरण केंद्र गए. यहां पिंक बूथ देखा. महिलाएं कोविड टीका लगवा रही थीं. दवाओं की स्थिति के बारे में अफसरों ने जानकारी ली। डॉ. नंदा ने बताया कि बुखार की पर्याप्त दवाएं हैं. एहतियात के तौर पर पैरासिटामॉल की गोलियां, सिरप, एजिथ्रोमाइसिन समेत दूसरी दवाओं का आर्डर दिया गया, ताकि मांग बढ़ने पर दवाओं की किल्लत न हो.

लोकबंधु अस्पताल

अफसरों का काफिला करीब 10.30 बजे कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल पहुंचा. गेट पर थर्मल स्कैनर लगे थे, जिससे लोगों के शरीर का तापमान देखने के बाद ही अस्पताल में जाने दिया जा रहा था. बुखार पीड़ितों की एंटीजेन जांच के बाद फीवर क्लीनिक भेजा जा रहा था. सबसे पहले अफसर डेंगू वार्ड गए. यहां मच्छरदानी के भीतर एक मरीज लेटी दिखी. अफसरों ने व्यवस्था की सराहना की. कोरोना मरीजों के लिए तैयार वार्ड का जायजा लिया. पीडियाट्रिक कोविड वार्ड में दीवारों पर कार्टून देखे, जिसकी तारीफ की. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों व महिलाओं के लिए 200 बेड हैं. यहां कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव की भी सुविधा है.

डीएम ने जारी किए दिशा-निर्देश

डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि जनपदवासियों की सुविधा के लिए एवं डेंगू से पीड़ित रोगियों को हर सम्भव मदद व उपचार सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोविड हेल्पलाइन को कोविड के साथ समानांतर रूप से डेंगू के लिए भी उपयोग में लाए जाने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा डेंगू व बुखार से पीड़ित रोगियों की मॉनिटरिंग के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया गया है. डीएम द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए हर सम्भव उपाए किए जा रहे हैं. डेंगू की मॉनिटरिंग के लिए डीएम द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल निम्नवत है.

प्रोटोकॉल के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को बुखार है और उसे यह शंका है कि कहीं उसे डेंगू तो नहीं है तो ऐसा व्यक्ति इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के हेल्पलाइन नंबर 0522-4523000 पर कॉल कर सकता है. कॉल पर एग्जीक्यूटिव द्वारा रोगी से उसका नाम, मोबाइल नम्बर और पता आदि विवरण पूछे जाएंगे. उसके पश्चात एग्जीक्यूटिव द्वारा रोगी को निकटतम समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि रोगी अपने निकटतम समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डेंगू की जांच करा सके.

डीएम ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को अपने क्षेत्र में फॉगिंग, एन्टी लार्वा का छिड़काव या सैनेटाइजेशन की आवश्यकता लगती है तो वह व्यक्ति कमांड सेंटर की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है. एग्जीक्यूटिव द्वारा कॉलर का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करते हुए छिड़काव की रिक्वेस्ट दर्ज की जाएगी और उस रिक्वेस्ट को नगर निगम के कंट्रोल सेंटर को प्रेषित की जाएगी. डीएम ने बताया कि यदि किसी रोगी को हॉस्पिटल में भर्ती करना है, जिसकी जांच में डेंगू आया है. कॉल सेंटर द्वारा रोगी को निकटतम सरकारी अस्पताल की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. यदि रोगी को एम्बुलेंस की आवश्यकता होती है तो कॉलर को 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाई जा सकती है.

इसे भी पढ़ें: फिरोजाबाद में नहीं थम रहा बुखार का कहर, मेडिकल कॉलेज के बाहर मची चीख पुकार

डीएम ने बताया कि यदि किसी डेंगू से पीड़ित रोगी को प्लेट्लेट्स/ब्लड की आवश्यकता है तो भी व्यक्ति कमांड सेंटर की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है. कॉल करने पर एग्जीक्यूटिव द्वारा कॉलर से उसका नाम, पता, मोबाइल नंबर व अस्पताल का पता पूछा जाएगा, ताकि रोगी को जल्द से जल्द प्लेट्लेट्स/ब्लड उपलब्ध कराया जा सके. एग्जीक्यूटिव द्वारा समस्त आवश्यक विवरण दर्ज करने के पश्चात समस्त विवरण डॉक्टर टीम को उपलब्ध कराने होंगे. डॉक्टर टीम केजीएमयू ब्लड बैंक से समन्वय कर सम्बंधित अस्पताल प्रबन्धन के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे.

लखनऊ: डेंगू और कोरोना मरीजों के इलाज के इंतजामों को परखने के लिए शनिवार को अफसरों ने राजधानी के दो अस्पतालों का निरीक्षण किया. सिविल और लोकबंधु अस्पताल में डेंगू वार्ड देखा. पैथोलॉजी जांच की सुविधाएं देंखी. पहले से भर्ती बुखार के मरीजों से बात कर इलाज की व्यवस्था जानी.

सुबह अचानक अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल की गाड़ी सिविल अस्पताल पहुंची. तीनों अफसरों के अचानक अस्पताल पहुंचने से हड़कंप मच गया. आनन-फानन अस्पताल के अफसर भी मौके पर पहुंचे. अपर मुख्य सचिव ने डेंगू और बुखार के मरीजों के इलाज के इंतजामों के बारे में पूछताछ की.

सिविल अस्पताल

अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके नंदा ने बताया कि 17 बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है. मेडिसिन विभाग में बुखार के मरीज भर्ती किए जा रहे हैं. इसके बाद अफसर कोरोना जांच केंद्र पहुंचे. डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया की जांच की व्यवस्था पुख्ता रखने के निर्देश दिए. कोरोना मरीजों की जांच के बारे में भी पूछताछ की और टीकाकरण केंद्र गए. यहां पिंक बूथ देखा. महिलाएं कोविड टीका लगवा रही थीं. दवाओं की स्थिति के बारे में अफसरों ने जानकारी ली। डॉ. नंदा ने बताया कि बुखार की पर्याप्त दवाएं हैं. एहतियात के तौर पर पैरासिटामॉल की गोलियां, सिरप, एजिथ्रोमाइसिन समेत दूसरी दवाओं का आर्डर दिया गया, ताकि मांग बढ़ने पर दवाओं की किल्लत न हो.

लोकबंधु अस्पताल

अफसरों का काफिला करीब 10.30 बजे कानपुर रोड स्थित लोकबंधु अस्पताल पहुंचा. गेट पर थर्मल स्कैनर लगे थे, जिससे लोगों के शरीर का तापमान देखने के बाद ही अस्पताल में जाने दिया जा रहा था. बुखार पीड़ितों की एंटीजेन जांच के बाद फीवर क्लीनिक भेजा जा रहा था. सबसे पहले अफसर डेंगू वार्ड गए. यहां मच्छरदानी के भीतर एक मरीज लेटी दिखी. अफसरों ने व्यवस्था की सराहना की. कोरोना मरीजों के लिए तैयार वार्ड का जायजा लिया. पीडियाट्रिक कोविड वार्ड में दीवारों पर कार्टून देखे, जिसकी तारीफ की. अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि बच्चों व महिलाओं के लिए 200 बेड हैं. यहां कोरोना संक्रमित गर्भवती महिलाओं के प्रसव की भी सुविधा है.

डीएम ने जारी किए दिशा-निर्देश

डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि जनपदवासियों की सुविधा के लिए एवं डेंगू से पीड़ित रोगियों को हर सम्भव मदद व उपचार सम्बंधित जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कोविड हेल्पलाइन को कोविड के साथ समानांतर रूप से डेंगू के लिए भी उपयोग में लाए जाने की व्यवस्था पूरी कर ली गई है. इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा डेंगू व बुखार से पीड़ित रोगियों की मॉनिटरिंग के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाया गया है. डीएम द्वारा बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा डेंगू की रोकथाम के लिए हर सम्भव उपाए किए जा रहे हैं. डेंगू की मॉनिटरिंग के लिए डीएम द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल निम्नवत है.

प्रोटोकॉल के अनुसार यदि किसी व्यक्ति को बुखार है और उसे यह शंका है कि कहीं उसे डेंगू तो नहीं है तो ऐसा व्यक्ति इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर के हेल्पलाइन नंबर 0522-4523000 पर कॉल कर सकता है. कॉल पर एग्जीक्यूटिव द्वारा रोगी से उसका नाम, मोबाइल नम्बर और पता आदि विवरण पूछे जाएंगे. उसके पश्चात एग्जीक्यूटिव द्वारा रोगी को निकटतम समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि रोगी अपने निकटतम समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर डेंगू की जांच करा सके.

डीएम ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति को अपने क्षेत्र में फॉगिंग, एन्टी लार्वा का छिड़काव या सैनेटाइजेशन की आवश्यकता लगती है तो वह व्यक्ति कमांड सेंटर की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है. एग्जीक्यूटिव द्वारा कॉलर का नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करते हुए छिड़काव की रिक्वेस्ट दर्ज की जाएगी और उस रिक्वेस्ट को नगर निगम के कंट्रोल सेंटर को प्रेषित की जाएगी. डीएम ने बताया कि यदि किसी रोगी को हॉस्पिटल में भर्ती करना है, जिसकी जांच में डेंगू आया है. कॉल सेंटर द्वारा रोगी को निकटतम सरकारी अस्पताल की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. यदि रोगी को एम्बुलेंस की आवश्यकता होती है तो कॉलर को 108 पर कॉल करके एम्बुलेंस बुलाई जा सकती है.

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डीएम ने बताया कि यदि किसी डेंगू से पीड़ित रोगी को प्लेट्लेट्स/ब्लड की आवश्यकता है तो भी व्यक्ति कमांड सेंटर की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकता है. कॉल करने पर एग्जीक्यूटिव द्वारा कॉलर से उसका नाम, पता, मोबाइल नंबर व अस्पताल का पता पूछा जाएगा, ताकि रोगी को जल्द से जल्द प्लेट्लेट्स/ब्लड उपलब्ध कराया जा सके. एग्जीक्यूटिव द्वारा समस्त आवश्यक विवरण दर्ज करने के पश्चात समस्त विवरण डॉक्टर टीम को उपलब्ध कराने होंगे. डॉक्टर टीम केजीएमयू ब्लड बैंक से समन्वय कर सम्बंधित अस्पताल प्रबन्धन के माध्यम से व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे.

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