लखनऊ: प्रदेश सरकार किसानों के क्रय किए जा रहे धान के प्रति गंभीर है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धान खरीद में लापरवाही बरतने के आरोप में अंबेडकर नगर जनपद के विपणन निरीक्षक और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि अंबेडकर नगर के विपणन निरीक्षक और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. चौहान ने बताया कि लगातार उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की जा रही थी. इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है.
प्रदेश में अब तक 32 मुकदमे दर्ज
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 32 मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं. इसमें 28 केंद्र प्रभारियों, 38 अन्य व्यक्तियों के ऊपर, दो संभागीय खाद्य नियंत्रक, एक जिला खाद्य विपणन अधिकारी, दो जिला प्रबंधक, एक मंडी सचिव और 29 केंद्र प्रभारियों के निलंबन की कार्रवाई की गई. इसके साथ ही 18 केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि, 71 केंद्र भाइयों को चेतावनी और 373 कर्मचारियों के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. इस तरह कुल मिलाकर 662 लोगों पर कार्रवाई की जा रही है.
कई मैट्रिक टन से अधिक हुई धान खरीद
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि खरीद ट्रैवल्स 2020-21 में मूल समर्थन योजना के तहत स्थापित किए गए. धान क्रय केंद्रों के माध्यम से अब तक 34 लाख, 86 हजार, 408 मैट्रिक टन धान की खरीद की गई. इसका पैसा किसानों के खातों में भेज दिया गया.
कानपुर में गेहूं और सब्जी अनुसंधान के लिए मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में गेहूं और सब्जी पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए एक करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जलवायु क्षेत्रों में दो कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने के लिए दो करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इसमें एक विश्वविद्यालय बांदा में है, जबकि मेरठ में दूसरा कृषि विश्वविद्यालय है. प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है और यही कारण है कि धान क्रय केंद्रों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिससे किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
धान खरीद में लापरवाही को लेकर अधिकारी निलंबित - लखनऊ में धान खरीद
लखनऊ में धान खरीद में लापरवाही बरतने के आरोप में अंबेडकर नगर जनपद के विपणन निरीक्षक और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. प्रशासन धान खरीद को लेकर काफी गंभीर है.
लखनऊ: प्रदेश सरकार किसानों के क्रय किए जा रहे धान के प्रति गंभीर है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि धान खरीद में लापरवाही बरतने के आरोप में अंबेडकर नगर जनपद के विपणन निरीक्षक और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश के खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि अंबेडकर नगर के विपणन निरीक्षक और क्षेत्रीय विपणन अधिकारी को निलंबित कर दिया गया. चौहान ने बताया कि लगातार उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना की जा रही थी. इसी क्रम में यह कार्रवाई की गई है.
प्रदेश में अब तक 32 मुकदमे दर्ज
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 32 मुकदमे पंजीकृत किए गए हैं. इसमें 28 केंद्र प्रभारियों, 38 अन्य व्यक्तियों के ऊपर, दो संभागीय खाद्य नियंत्रक, एक जिला खाद्य विपणन अधिकारी, दो जिला प्रबंधक, एक मंडी सचिव और 29 केंद्र प्रभारियों के निलंबन की कार्रवाई की गई. इसके साथ ही 18 केंद्र प्रभारियों के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि, 71 केंद्र भाइयों को चेतावनी और 373 कर्मचारियों के विरुद्ध कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. इस तरह कुल मिलाकर 662 लोगों पर कार्रवाई की जा रही है.
कई मैट्रिक टन से अधिक हुई धान खरीद
खाद्य आयुक्त मनीष चौहान ने बताया कि खरीद ट्रैवल्स 2020-21 में मूल समर्थन योजना के तहत स्थापित किए गए. धान क्रय केंद्रों के माध्यम से अब तक 34 लाख, 86 हजार, 408 मैट्रिक टन धान की खरीद की गई. इसका पैसा किसानों के खातों में भेज दिया गया.
कानपुर में गेहूं और सब्जी अनुसंधान के लिए मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर में गेहूं और सब्जी पर अनुसंधान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए एक करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जलवायु क्षेत्रों में दो कृषि विज्ञान केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने के लिए दो करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इसमें एक विश्वविद्यालय बांदा में है, जबकि मेरठ में दूसरा कृषि विश्वविद्यालय है. प्रदेश सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है और यही कारण है कि धान क्रय केंद्रों पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, जिससे किसानों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.