लखनऊ: अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शांतनु त्यागी ने बैंक कर्मियों द्वारा एक खाताधारक से धोखाधड़ी करने के मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के आशियाना शाखा के बैंक कर्मियों और अधिकारियों को बतौर अभियुक्त तलब किया है. आरोप है कि अभियुक्तों ने खाता खोलने के बाद पहले तो दस्तावेज वापस नहीं किए. फिर, खातेदार के नाम पर आठ लाख रुपये का लोन कराकर उसके खाते में डाला और फिर निकाल लिया.
कोर्ट ने तत्कालीन शाखा प्रबंधक अभय कुमार, लोन मैनेजर आयुषी मिश्रा, उप शाखा प्रबंधक राजेश कुमार, हेड कैशियर पुत्तीलाल वर्मा व चपरासी बृजेश कुमार के साथ ही रईस अहमद, अजीत यादव, संतोष गुप्ता व ऋषभ गुप्ता को भी बतौर अभियुक्त मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया है. कोर्ट ने संदीप कुमार की ओर से दाखिल एक परिवाद पर संज्ञान लेते हुए अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 406, 420, 467, 468 व 471 के आरोप में हाजिर होने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी. मामला वर्ष 2013 का है. अदालत के आदेश से इस मामले में थाना आशियाना में एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन विवेचना के पश्चात पुलिस ने दो-दो बार अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है. अदालत ने इसके बाद वादी की प्रोटेस्ट अर्जी को परिवाद के रूप में दर्ज कर मामले का संज्ञान लिया है.
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उपनिरीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश
वहीं, एक अन्य मामले में पॉक्सो के विशेष जज महेश चन्द्र वर्मा ने एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मुकदमे में अभियुक्त के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला नहीं होने पर उप-निरीक्षक जितेंद्र दूबे के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर को अभियुक्त संदीप सिंह के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट का तामीला किसी सक्षम पुलिस अधिकारी से सुनिश्चित कराने का भी आदेश दिया है. थाना बंथरा से सम्बंधित इस मामले की अगली सुनवाई 12 दिसम्बर को होगी.