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पीजीआई में इलाज न मिलने से नर्स के बच्चे की मौत, कार्य बहिष्कार

राजधानी में स्थित एसपीजीआई में तैनात नर्स के बच्चे इलाज के अभाव में मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित नर्सों ने काम ठप कर दिया, जिससे मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ा.

पीजीआई लखनऊ.
पीजीआई लखनऊ.
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Published : Apr 9, 2021, 3:03 PM IST

लखनऊ: एसपीजीआई में डायलिसिस यूनिट में तैनात नर्स के बच्चे इलाज के अभाव में मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित नर्सों ने काम ठप कर दिया. जिसकी वजह से मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ा. स्टाफ नर्सेज एसोसिएशन ने निदेशक से मिलकर कार्रवाई की मांग की.

बच्चे के इलाज के लिए गिड़गिड़ाती रही नर्स
डायलिसिस यूनिट में तैनात नर्स सविता अपने सात माह के बच्चे के इलाज के लिए आठ घंटे गिड़गिड़ाती रहीं, मगर डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा. नियम कानून का हवाला देते रहे और इलाज न मिलने से बच्चे ने दम तोड़ दिया. इससे नाराज डायलिसिस व पीडियाट्रिक गैस्ट्रो की नर्सेज सहित अन्य स्टाफ शुक्रवार को सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली शिफ्ट में काम करने से मना कर दिया. इसके बाद संस्थान प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए, क्योंकि डायलिसिस के लिए चालीस से अधिक मरीज इंतजार में थे.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
विभाग के प्रमुख प्रो. नरायान प्रसाद ने पहुंच कर आक्रोशित कर्मचारियों से वार्ता कर बहिष्कार को खत्म कर निदेशक से बात करने को कहा. इसके बाद स्टाफ नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, महामंत्री सुजान सिंह, वीरेंद्र सिंह, अनीता सिंह के आलावा डायलसि यूनिट के अलावा नर्सेज और स्टाफ प्रशासनिक भवन पहुंचा. यहां निदेशक से मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

यह भी पढ़ें-एंबुलेंस में तड़पती रही कोरोना मरीज, पीजीआई में नहीं किया भर्ती

निदेशक ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
पदाधिकारियों ने कहा कि आये दिन कर्मचारियों और उनके आश्रितों के इलाज में हीला-हवाली होती है. इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो सभी लोग पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे. सीमा शुक्ला ने बताया कि निदेशक ने मामले में एक समिति का गठन कर दिया है, दोषियों पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया है.

लखनऊ: एसपीजीआई में डायलिसिस यूनिट में तैनात नर्स के बच्चे इलाज के अभाव में मौत हो गई. इसके बाद आक्रोशित नर्सों ने काम ठप कर दिया. जिसकी वजह से मरीजों को घंटों परेशान होना पड़ा. स्टाफ नर्सेज एसोसिएशन ने निदेशक से मिलकर कार्रवाई की मांग की.

बच्चे के इलाज के लिए गिड़गिड़ाती रही नर्स
डायलिसिस यूनिट में तैनात नर्स सविता अपने सात माह के बच्चे के इलाज के लिए आठ घंटे गिड़गिड़ाती रहीं, मगर डॉक्टरों का दिल नहीं पसीजा. नियम कानून का हवाला देते रहे और इलाज न मिलने से बच्चे ने दम तोड़ दिया. इससे नाराज डायलिसिस व पीडियाट्रिक गैस्ट्रो की नर्सेज सहित अन्य स्टाफ शुक्रवार को सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली शिफ्ट में काम करने से मना कर दिया. इसके बाद संस्थान प्रशासन के अधिकारी सकते में आ गए, क्योंकि डायलिसिस के लिए चालीस से अधिक मरीज इंतजार में थे.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
विभाग के प्रमुख प्रो. नरायान प्रसाद ने पहुंच कर आक्रोशित कर्मचारियों से वार्ता कर बहिष्कार को खत्म कर निदेशक से बात करने को कहा. इसके बाद स्टाफ नर्सेज एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा शुक्ला, महामंत्री सुजान सिंह, वीरेंद्र सिंह, अनीता सिंह के आलावा डायलसि यूनिट के अलावा नर्सेज और स्टाफ प्रशासनिक भवन पहुंचा. यहां निदेशक से मामले में दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

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निदेशक ने कार्रवाई का दिया आश्वासन
पदाधिकारियों ने कहा कि आये दिन कर्मचारियों और उनके आश्रितों के इलाज में हीला-हवाली होती है. इस समस्या का समाधान नहीं निकाला गया तो सभी लोग पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे. सीमा शुक्ला ने बताया कि निदेशक ने मामले में एक समिति का गठन कर दिया है, दोषियों पर एक्शन लेने का आश्वासन दिया है.

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