लखनऊ: 16 अप्रैल 1853 से अनवरत चल रही भारतीय रेल जिसे देश की जीवन रेखा कहा जाता है, कोरोना के चलते ऐसा पहली बार हो रहा है, जब रेल के पहिए इतने दिनों के लिए थम गए हों. यात्रियों के कदम भी घर के अंदर ही ठहर गए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को पूरे देश में जनता कर्फ्यू लगाया गया और 24 मार्च को प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए पूरे देश में 21 दिन तक लॉकडाउन की घोषणा की.
खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए मालगाड़ियों का संचालन जारी
यात्री गाड़ियों का परिचालन तो बंद है, लेकिन आवश्यक खाद्य सामग्री की आपूर्ति के लिए मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है. पेट्रोलियम पदार्थ और बिजली उत्पादन के लिए कोयला आदि अन्य वस्तुओं की आपूर्ति मालगाड़ियों के माध्यम से अभी भी की जा रही है.
लॉकडाउन के दौरान रेलवे ट्रैक की हो रही ट्रैक रिकॉर्डिंग
उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला ने बताया कि देशवासियों के लिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति के लिए मालगाड़ियों के संरक्षित संचालन को ध्यान में रखा गया है.
लखनऊ मंडल के इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों की तरफ से रेल सेवा के कर्तव्यों का निर्वहन भलीभांति किया जा रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में रेलवे ट्रैक को संरक्षित रखने के अंतर्गत ट्रैक रिकॉर्डिंग की जा रही है, जिसमें पर्यवेक्षकों एवं कर्मचारियों की तरफ से कड़ी मॉनिटरिंग भी की जा रही है.
ट्रैक अनुरक्षण के कार्य हो रहे संपादित
सीनियर डीसीएम ने बताया वर्तमान समय में रेल तापमान की अनुकूलता को ध्यान में रखते हुए डिस्ट्रेसिंग का कार्य किया जा रहा है. साथ ही रेल सुरक्षा की दृष्टि से अन्य सभी ट्रैक अनुरक्षण के कार्य भी संपादित किए जा रहे हैं. गर्मी में पेट्रोलिंग भी कर्मचारी करने वाले हैं, उससे संबंधित सभी तैयारियां की जा रही हैं, जिससे गाड़ियों का संरक्षित संचालन सुनिश्चित किया जा सके.
रेलवे ट्रैक किए जा रहे अपडेट
सीनियर डीसीएम ने बताया कि गाड़ियों के संरक्षित परिचालन में इंजीनियरिंग विभाग का सबसे महत्वपूर्ण योगदान होता है. लखनऊ मंडल भारतीय रेलवे का अतिव्यस्त एवं विशाल मंडल है, जिसमें परिचालन क्षमता से अधिक गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है जो एक चुनौतीपूर्ण कार्य है.
गाड़ियों को उच्च गति पर चलाने के लिए ट्रैक को अपडेट किया जा रहा है. संकट की इस घड़ी में कुछ लोगों को निश्चित तौर पर आगे आते हुए और कुछ खतरा उठाते हुए काम करना पड़ेगा. ऐसे में इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारी पूरी तन्मयता से कार्य कर रहे हैं.