लखनऊ: कोरोना ने वैसे तो हर तबके को प्रभावित किया है. हर सरकारी विभाग कोरोना की मार झेल रहा है. इसमें भारतीय रेलवे भी शामिल है. लखनऊ के उत्तर और पूर्वोत्तर रेलवे मंडल की बात करें तो अकेले इन्हीं दोनों मंडलों को लॉकडाउन के कारण तकरीबन 110 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है.
भारतीय रेलवे आम जनता की जेब पर भार डालकर अब इस नुकसान की भरपाई करने की तैयारी में है. कैमरे से इतर रेलवे के अफसर बताते हैं कि इसे लेकर मंथन शुरू हो गया है. अगर और ज्यादा दिन लॉकडाउन रहता है और ट्रेनें संचालित नहीं होती हैं तो यात्रियों पर भार पड़ना तय है. 'ईटीवी भारत' ने आम लोगों से बात की तो उन्होंने अपनी राय व्यक्त की.
लॉकडाउन की वजह से रेलवे को जो नुकसान हुआ है. उसकी भरपाई के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है. आशंका जताई जा रही है कि टिकट दर बढ़ाने से लेकर जुर्माने की रकम तक दोगुनी की जा सकती है. हालांकि यह तैयारी अभी पहले चरण में ही है, इसलिए कोई भी अधिकारी ठोस वाब देने को तैयार नहीं है, लेकिन रेलवे से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इस तरह की प्रक्रिया शुरू करने पर विचार चल रहा है.
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दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण मार्च माह में देशभर में लॉकडाउन का एलान कर दिया था. इसके बाद 15 अप्रैल तक 21 दिनों के लिए ट्रेनों का संचालन भी पूरी तरह से बंद कर दिया गया. इसके बाद भी जब कोरोना पर काबू नहीं पाया जा सका तो इस लॉकडाउन को तीन मई तक के लिए बढ़ा दिया गया. इससे रेलवे के सामने और भी बड़ी समस्या खड़ी हो गई. रेलवे को भी अपनी ट्रेनों का संचालन तीन मई तक बंद रखना पड़ा. जब तक 3 मई पास आती इससे पहले ही एक बार फिर भारत सरकार ने 17 मई तक देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया. करीब 54 दिनों तक ट्रेन की पटरियां सूनी पड़ी हैं. पटरियों से इतर ट्रेनें यार्ड में खड़ी हुई हैं. इससे रेलवे को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है.
अनुमान लगाया जा रहा है कि यात्री टिकट, पार्सल और अन्य जरिए से रेलवे को अब तक तकरीबन 110 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यह नुकसान उत्तर रेलवे व पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल का है. देश के अन्य मंडलों को मिला लिया जाए तो यह नुकसान हजारों करोड़ रुपये का हो चुका है. अब इस नुकसान की भरपाई की तैयारी हो रही है.
सूत्र बताते हैं कि रेलवे रेलवे बोर्ड की ओर से अफसरों को निर्देशित किया गया है कि वह आय बढ़ाने के माध्यमों पर फोकस करें और इसका खाका तैयार कर रिपोर्ट दें. इस पर अमल किया जाएगा. आशंका जताई जा रही है कि आय बढ़ाने और नुकसान से उबरने के लिए रेलवे प्रशासन यात्री टिकट महंगे कर सकता है. रेलवे की ओर से दी जाने वाली रियायत को भी बंद किया जा सकता है. इतना ही नहीं बगैर टिकट पकड़े जाने रेलवे लाइन क्रॉस करने सहित अन्य अपराधों में जुर्माने को बढ़ाया जा सकता है.
आम लोगों का कहना है कि वैसे तो रेलवे का किराया वाजिब है, लेकिन अगर सरकार को अपने राजस्व की भरपाई करनी भी है तो भी मिडिल क्लास का किराया न बढ़ाए. उनके पास तो वैसे भी कुछ नहीं है. एसी में चलने वाले यात्रियों का किराया बढ़ाया जा सकता है.