लखनऊ: हिंदुस्तान पूरी दुनिया में अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए खास पहचान रखता है, जिसका नजारा इन दिनों अदब की सरजमीं लखनऊ में मोहर्रम के दौरान भी देखने को मिल रहा है. यहां इमाम हुसैन की याद में लगाई गई प्रदर्शनी में बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम धर्म की छात्राएं पेंटिंग के जरिए देश में अमन-चैन का पैगाम देते नजर आ रही हैं.
अमन-चैन का पैगाम दे रही स्कूली छात्र-छात्राएं
पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाने के तरीकों और इमाम हुसैन के पैगाम के साथ अजादारी को दर्शाने के मकसद से लगी इस प्रदर्शनी में गंगा जमुनी तहजीब की खास मिसाल देखने को मिल रही है. इन पेंटिंग्स और फोटो को बनाने वाले 70 प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें कई स्कूल के गैर मुस्लिम बच्चे भी शामिल हैं. इन छात्रों का कहना है कि हमारा देश सभी मजहब के लोगों से मिलकर बनने वाले फूलों का एक गुलदस्ता है. जहां सभी मजहब के लोग एक साथ मिलकर बरसों से रहते आए हैं और हमारी पेंटिंग का मकसद भी यही है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच की दूरियां कम हो. जिससे देश में हम सब एक साथ मिलकर तरक्की कर सकें.
इस प्रदर्शनी में पिछले कई सालों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली तब्बसुम फातिमा और अली हुसैन का कहना है कि इस प्रदर्शनी का मकसद इमाम हुसैन की अजीम कुर्बानी का पैगाम और दुनिया भर में इमाम हुसैन की याद में मनाई जाने वाली अजादारी को लोगों तक पहुंचाने के साथ हिंदू मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा देना है.
गौरतलब है कि अदब के शहर लखनऊ में यह प्रदर्शनी मोहर्रम के दौरान पिछले 11 सालों से लगाई जाती रही है. जिसमें देश और विदेश की अजादारी से जुड़ी फोटो और पेंटिंग प्रदर्शनी में लगाई जाती है. जो बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम के हाथों से तैयार की जाती है, जो अपने आप में देश की गंगा-जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल है.