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लखनऊ: स्कूली छात्राएं मोहर्रम पर दे रहीं हिन्दू-मुस्लिम एकता का पैगाम

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मोहर्रम के दौरान इमाम हुसैन की याद में प्रदर्शनी लगाई गई. जिसमें बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम धर्म की छात्राओं ने पेंटिंग के जरिए देश में अमन-चैन का पैगाम दिया.

अमन चैन का पैगाम दे रहे गैर मुस्लिम.
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Published : Sep 4, 2019, 11:21 PM IST

लखनऊ: हिंदुस्तान पूरी दुनिया में अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए खास पहचान रखता है, जिसका नजारा इन दिनों अदब की सरजमीं लखनऊ में मोहर्रम के दौरान भी देखने को मिल रहा है. यहां इमाम हुसैन की याद में लगाई गई प्रदर्शनी में बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम धर्म की छात्राएं पेंटिंग के जरिए देश में अमन-चैन का पैगाम देते नजर आ रही हैं.

अमन चैन का पैगाम दे रहे गैर मुस्लिम.

अमन-चैन का पैगाम दे रही स्कूली छात्र-छात्राएं
पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाने के तरीकों और इमाम हुसैन के पैगाम के साथ अजादारी को दर्शाने के मकसद से लगी इस प्रदर्शनी में गंगा जमुनी तहजीब की खास मिसाल देखने को मिल रही है. इन पेंटिंग्स और फोटो को बनाने वाले 70 प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें कई स्कूल के गैर मुस्लिम बच्चे भी शामिल हैं. इन छात्रों का कहना है कि हमारा देश सभी मजहब के लोगों से मिलकर बनने वाले फूलों का एक गुलदस्ता है. जहां सभी मजहब के लोग एक साथ मिलकर बरसों से रहते आए हैं और हमारी पेंटिंग का मकसद भी यही है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच की दूरियां कम हो. जिससे देश में हम सब एक साथ मिलकर तरक्की कर सकें.

इस प्रदर्शनी में पिछले कई सालों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली तब्बसुम फातिमा और अली हुसैन का कहना है कि इस प्रदर्शनी का मकसद इमाम हुसैन की अजीम कुर्बानी का पैगाम और दुनिया भर में इमाम हुसैन की याद में मनाई जाने वाली अजादारी को लोगों तक पहुंचाने के साथ हिंदू मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा देना है.

गौरतलब है कि अदब के शहर लखनऊ में यह प्रदर्शनी मोहर्रम के दौरान पिछले 11 सालों से लगाई जाती रही है. जिसमें देश और विदेश की अजादारी से जुड़ी फोटो और पेंटिंग प्रदर्शनी में लगाई जाती है. जो बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम के हाथों से तैयार की जाती है, जो अपने आप में देश की गंगा-जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल है.

लखनऊ: हिंदुस्तान पूरी दुनिया में अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए खास पहचान रखता है, जिसका नजारा इन दिनों अदब की सरजमीं लखनऊ में मोहर्रम के दौरान भी देखने को मिल रहा है. यहां इमाम हुसैन की याद में लगाई गई प्रदर्शनी में बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम धर्म की छात्राएं पेंटिंग के जरिए देश में अमन-चैन का पैगाम देते नजर आ रही हैं.

अमन चैन का पैगाम दे रहे गैर मुस्लिम.

अमन-चैन का पैगाम दे रही स्कूली छात्र-छात्राएं
पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाने के तरीकों और इमाम हुसैन के पैगाम के साथ अजादारी को दर्शाने के मकसद से लगी इस प्रदर्शनी में गंगा जमुनी तहजीब की खास मिसाल देखने को मिल रही है. इन पेंटिंग्स और फोटो को बनाने वाले 70 प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें कई स्कूल के गैर मुस्लिम बच्चे भी शामिल हैं. इन छात्रों का कहना है कि हमारा देश सभी मजहब के लोगों से मिलकर बनने वाले फूलों का एक गुलदस्ता है. जहां सभी मजहब के लोग एक साथ मिलकर बरसों से रहते आए हैं और हमारी पेंटिंग का मकसद भी यही है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच की दूरियां कम हो. जिससे देश में हम सब एक साथ मिलकर तरक्की कर सकें.

इस प्रदर्शनी में पिछले कई सालों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली तब्बसुम फातिमा और अली हुसैन का कहना है कि इस प्रदर्शनी का मकसद इमाम हुसैन की अजीम कुर्बानी का पैगाम और दुनिया भर में इमाम हुसैन की याद में मनाई जाने वाली अजादारी को लोगों तक पहुंचाने के साथ हिंदू मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा देना है.

गौरतलब है कि अदब के शहर लखनऊ में यह प्रदर्शनी मोहर्रम के दौरान पिछले 11 सालों से लगाई जाती रही है. जिसमें देश और विदेश की अजादारी से जुड़ी फोटो और पेंटिंग प्रदर्शनी में लगाई जाती है. जो बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम के हाथों से तैयार की जाती है, जो अपने आप में देश की गंगा-जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल है.

Intro:हिंदुस्तान पूरी दुनिया में अपनी गंगा जमुनी तहजीब के लिए खास पहचान रखता है जिस का नजारा इन दिनों अदब की सरजमी लखनऊ में मोहर्रम के दौरान भी देखने को मिल रहा है जहां इमाम हुसैन की याद में लगाई गई प्रदर्शनी में बड़ी तादाद में गैर मुस्लिम धर्म से आने वाली छात्राओं और लोगों ने पेंटिंग के ज़रिए देश मे अम्न चैन का पैगाम आम करते नज़र आ रहे है।


Body:पूरी दुनिया में मोहर्रम मनाने के तरीकों और इमाम हुसैन के पैग़ाम के साथ अज़ादारी को दर्शाने के मकसद से लगी इस प्रदर्शनी में मुल्क में गंगा जमुनी तहजीब की भी खास मिसाल देखने को मिल रही है क्योंकि इन पेंटिंग्स और फोटो को बनाने वाले 70 प्रतिशत लोग हिन्दू धर्म से तालुख रखते है जिसमें कई स्कूल के गैर मुस्लिम बच्चे भी शामिल हैं। इन स्कूली बच्चों का कहना है की हमारा देश सभी मजहब के लोगों से मिलकर बनने वाले फूलों का एक गुलदस्ता है जहां सब मजहब के लोग एक साथ मिलकर बरसों से रहते आए हैं और हमारी पेंटिंग का मकसद भी यही है कि हिन्दू और मुस्लिम के बीच की दूरियां कम हो जिससे देश में हम सब एक साथ मिलकर तरक्की कर सके तो वहीं इस प्रदर्शनी में पिछले कई सालों से बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने वाली तबसुम फातिमा और अली हुसैन का कहना है कि इस प्रदर्शनी का मकसद इमाम हुसैन की अजीम कुर्बानी का पैगाम और दुनिया भर में इमाम हुसैन की याद में मनाई जाने वाली अजादारी को लोगों तक पहुँचाने के साथ हिंदू मुस्लिम एकता को भी बढ़ावा देना है।

बाइट1- मोहिनी कश्यप, छात्रा
बाइट2- रिशिता, छात्रा
बाइट3- सुहाना
बाइट4- तब्बसुम फातिमा, टीचर
बाइट5- वली हुसैन, एक्सिबिशन कोऑर्डिनेटर


Conclusion:गौरतलब है कि अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले अदब के शहर लखनऊ में यह प्रदर्शनी मोहर्रम के दौरान पिछले 11 सालों से लगाई जाती चली आ रही है जिसमें देश व विदेश की अजादारी से जुड़ी फोटो व पेंटिंग प्रदर्शनी में लगाई जाती है जो बड़े पैमाने पर गैर मुस्लिम के हाथों तैयार की जाती है जो अपने आप में देश की गंगा जमुनी तहजीब की जिंदा मिसाल है।
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