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दुराचार के मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट, डॉ. अयूब हैं मुख्य अभियुक्त

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Published : Oct 21, 2021, 9:39 PM IST

2012 में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब नौकरी का भरोसा देकर लड़की से लंबे समय तक दुष्कर्म करते रहे. अनुपयुक्त गर्भनिरोधक दवाएं देने से पीड़िता की किडनी-लीवर दोनों खराब हो गए और उसकी मौत हो गई. इस मामले में डॉ. अय्यूब अभियुक्त हैं. आज एमपी-एमएलए कोर्ट ने प्रकरण में सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, निरीक्षक नागेश कुमार मिश्रा और उप-निरीक्षक राजेश सिंह समेत 11 गवाहों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है.

पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब
पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अय्यूब

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय ने दुराचार (Rape Case) के एक मामले में तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, निरीक्षक नागेश कुमार मिश्रा और उप-निरीक्षक राजेश सिंह समेत 11 गवाहों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी. इस मामले में मुख्य आरोपी पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद अयूब हैं.


इस मामले में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद अयूब अभियुक्त हैं. वर्ष 2012 में डॉ. अयूब मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे. आरोप है कि चुनाव प्रचार के दौरान डॉ. अयूब की उक्त महिला (पीड़िता) से मुलाकात हुई. उन्होंने युवती से अपना चुनाव प्रचार करने को कहा. साथ ही यह वादा किया कि जीतने के बाद उसे पढ़ाई के लिए लखनऊ के सेवा अस्पताल भेज देंगे और उसकी नौकरी भी लगवा देंगे. आरोप लगाया गया है कि डॉ. अयूब सेवा अस्पताल में युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबध बनाने लगे. युवती को धमकी भी दी. आरोप यह भी है कि जब युवती के पेट में दर्द होने लगा तो अभियुक्त उसे अनुपयुक्त दवा देने लगा. परिणामस्वरुप पीड़िता की किडनी और लीवर दोनों खराब हो गए.

इसे भी पढ़ें-दलित किशोरी से दुष्कर्म करने वाला आरोपी गिरफ्तार

पीड़िता ने यह बात अपने घर वालों को बताई. पीड़िता के परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया. 24 फरवरी, 2017 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद पीड़िता के भाई ने इस पूरे मामले की एफआईआर थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी. विवेचना के बाद अयूब के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) एफ व 506 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के विशेष जज पवन कुमार राय ने दुराचार (Rape Case) के एक मामले में तत्कालीन सहायक पुलिस अधीक्षक डॉ. मीनाक्षी, क्षेत्राधिकारी अंकिता सिंह, निरीक्षक नागेश कुमार मिश्रा और उप-निरीक्षक राजेश सिंह समेत 11 गवाहों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी. इस मामले में मुख्य आरोपी पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद अयूब हैं.


इस मामले में पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व विधायक डॉ. मोहम्मद अयूब अभियुक्त हैं. वर्ष 2012 में डॉ. अयूब मेंहदावल विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे. आरोप है कि चुनाव प्रचार के दौरान डॉ. अयूब की उक्त महिला (पीड़िता) से मुलाकात हुई. उन्होंने युवती से अपना चुनाव प्रचार करने को कहा. साथ ही यह वादा किया कि जीतने के बाद उसे पढ़ाई के लिए लखनऊ के सेवा अस्पताल भेज देंगे और उसकी नौकरी भी लगवा देंगे. आरोप लगाया गया है कि डॉ. अयूब सेवा अस्पताल में युवती के साथ जबरिया शारीरिक संबध बनाने लगे. युवती को धमकी भी दी. आरोप यह भी है कि जब युवती के पेट में दर्द होने लगा तो अभियुक्त उसे अनुपयुक्त दवा देने लगा. परिणामस्वरुप पीड़िता की किडनी और लीवर दोनों खराब हो गए.

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पीड़िता ने यह बात अपने घर वालों को बताई. पीड़िता के परिजनों ने उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया. 24 फरवरी, 2017 को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिसके बाद पीड़िता के भाई ने इस पूरे मामले की एफआईआर थाना मड़ियांव में दर्ज कराई थी. विवेचना के बाद अयूब के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (2) एफ व 506 में आरोप पत्र दाखिल हुआ था.

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