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लखनऊ: पूर्व सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट, कुर्की का भी नोटिस - लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड

एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले में उपस्थित न होने पर पूर्व सांसद पवन कुमार पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही कुर्की की कार्रवाई के लिए नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है.

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Published : Feb 8, 2020, 6:02 AM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले में उपस्थित न होने पर पूर्व सांसद पवन कुमार पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही कुर्की की कार्रवाई के लिए नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है. मामला राजधानी के बहुचर्चित लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड से जुड़ा है. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.


विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर 24 साल पहले ही संज्ञान लिया जा चुका है, लेकिन उसकी निरंतर अनुपस्थिति के चलते आरोप तय नहीं हो पा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के शीघ्र निस्तारण का आदेश दे रखा है.


क्या था मामला
22 अक्टूबर, 1995 को इस मामले की एफआईआर विजय कुमार यादव ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे अंगद यादव के साथ ही रमेश कालिया, सुरजपाल और अन्य लोग उसके घर में घुस गए. उस समय उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव अंदर कमरे में थे, अंगद के ललकारने पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें लक्ष्मी शंकर यादव लहुलुहान होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया.


मई 1996 में इस मामले में पवन कुमार पांडेय के खिलाफ आईपीसी की धारा 216 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. उन पर हत्याकांड के अभियुक्तों को शरण देने का आरोप है.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले में उपस्थित न होने पर पूर्व सांसद पवन कुमार पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. साथ ही कुर्की की कार्रवाई के लिए नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है. मामला राजधानी के बहुचर्चित लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड से जुड़ा है. मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी.


विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर 24 साल पहले ही संज्ञान लिया जा चुका है, लेकिन उसकी निरंतर अनुपस्थिति के चलते आरोप तय नहीं हो पा रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के शीघ्र निस्तारण का आदेश दे रखा है.


क्या था मामला
22 अक्टूबर, 1995 को इस मामले की एफआईआर विजय कुमार यादव ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसके मुताबिक बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे अंगद यादव के साथ ही रमेश कालिया, सुरजपाल और अन्य लोग उसके घर में घुस गए. उस समय उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव अंदर कमरे में थे, अंगद के ललकारने पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी, जिसमें लक्ष्मी शंकर यादव लहुलुहान होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया.


मई 1996 में इस मामले में पवन कुमार पांडेय के खिलाफ आईपीसी की धारा 216 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था. उन पर हत्याकांड के अभियुक्तों को शरण देने का आरोप है.

पूर्व सांसद के खिलाफ गैर जमानती वारंट, कुर्की का भी नोटिस
विधि संवाददाता
लखनऊ
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने एक आपराधिक मामले में उपस्थित न होने पर पूर्व सांसद पवन कुमार पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है। साथ ही कुर्की की कार्यवाही के लिए नोटिस भी जारी करने का आदेश दिया है। मामला राजधानी के बहुचर्चित लक्ष्मी शंकर यादव हत्याकांड से जुड़ा है। मामले की अगली सुनवाई 20 फरवरी को होगी।
   विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्त के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर 24 साल पहले ही संज्ञान लिया जा चुका है। लेकिन उसकी निरंतर अनुपस्थिति के चलते आरोप तय नहीं हो पा रहा है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के शीघ्र निस्तारण का आदेश दे रखा है। 
मामला
22 अक्टूबर, 1995 को को इस मामले की एफआईआर विजय कुमार यादव ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी। जिसके मुताबिक बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे अंगद यादव के साथ ही रमेश कालिया व सुरजपाल तथा अन्य लोग उके घर में घुस गए। उस समय उसके पिता लक्ष्मी शंकर यादव अंदर कमरे में थे, अंगद के ललकारने पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरु कर दी। जिसमें लक्ष्मी शंकर यादव लहुलुहान होकर गिर पड़े। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया।
मई 1996 में इस मामले में पवन कुमार पांडेय के खिलाफ आईपीसी की धारा 216 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था। उन पर हत्याकांड के अभियुक्तों को शरण देने का आरोप है। 


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Chandan Srivastava
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