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धर्मांतरण मामला: UP ATS ने मूक-बधिरों को साइन लैंग्वेज पढ़ा रहे शिक्षक पर कसा शिकंजा - नोएडा डेफ सोसायटी

धर्म परिवर्तन के मामले में दिल्ली-एनसीआर (DELHI-NCR) के मूक-बधिर स्कूल के छात्रों के साथ साइन लैंग्वेज शिक्षक भी धर्मांतरण सिंडिकेट के निशाने पर थे. यूपी एटीएस (UP ATS) को इनपुट मिला है कि नोएडा डेफ सोसायटी को ध्यान में लेकर यहां के एक साइन लैंग्वेज शिक्षक से संपर्क किया गया था. बहुत जल्द ही उस शिक्षक की गिरफ्तारी की जा सकती है. जिसकी पुष्टि प्रभारी DG व ADG ला एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने की.

यूपी एटीएस.
यूपी एटीएस.
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Published : Jun 30, 2021, 3:57 PM IST

Updated : Jun 30, 2021, 4:11 PM IST

लखनऊ: धर्म परिवर्तन के मामले में दिल्ली-एनसीआर (DELHI-NCR) के मूक-बधिर स्कूल के छात्रों के साथ-साथ साइन लैंग्वेज शिक्षक भी धर्मांतरण सिंडिकेट के निशाने पर थे. यूपी एटीएस को पता चला है कि धर्मांतरण सिंडिकेट ने नोएडा डेफ सोसायटी में साइन लैंग्वेज पढ़ा रहे शिक्षक से भी संपर्क किया था. जिसकी तलाश यूपी एटीएस कर रही है.

दरअसल, यूपी एटीएस (UP ATS) को इनपुट मिला है कि नोएडा डेफ सोसायटी को ध्यान में लेकर यहां के एक साइन लैंग्वेज शिक्षक से संपर्क किया गया था. ISI के इस मॉड्यूल के तहत मूक-बधिर छात्रों को धर्मांतरण के लिए प्राथमिकता पर रखा गया था. UP ATS की जांच में भी यह बात सामने आई है कि DELHI-NCR के साइन लैंग्वेज पढ़ाने वाले शिक्षक व ऐसे शिक्षकों की ट्रेनिंग देने वाले इंस्टीट्यूट के बारे में एटीएस की गिरफ्त में आए आरोपी उमर व जहांगीर ने पुलिस कस्टडी रिमांड के आखिरी दिन बताई. पूछताछ की अवधि खत्म होने पर दोनों आरोपियों को बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

ADG ने बताया कि काजी जहांगीर आलम और मुहम्मद उमर गौतम को दोबारा रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में दी जाएगी. एटीएस ने उन्हें 7 दिन की रिमांड पर लिया था. अब फिर से रिमांड की कोशिश की जाएगी. एडीजी का मानना है कि उनसे पूछताछ में विदेशी फंडिंग के साथ ही साइन लैंग्वेज पढ़ाने वाले शिक्षक के बारे में व अन्य आतंकी नेटवर्क की पड़ताल की जानी है. दूसरी ओर, एटीएस गिरफ्तार किए गए 3 अभियुक्तों मुन्ना यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख और राहुल भोला की भी रिमांड पर लेने की तैयारी है. एटीएस उनसे भी धर्म परिवर्तन रैकेट के संबंध में गहन छानबीन करना चाहती है.

UP ATS की मानें तो जांच के क्रम में पता चला कि इस सिंडिकेट के निशाने पर कई मूक-बधिर स्कूल थे और उनके छात्रों को साइन लैंग्वेज से ही कुछ सिखाया पढ़ाया जा सकता है. ऐसे छात्रों के धर्मांतरण के लिए भी साइन लैंग्वेज शिक्षक की जरूरत थी. इसके बाद सिंडिकेट के लोग धीरे-धीरे आंतरिक रूप से साइन लैंग्वेज के शिक्षकों को साथ जोड़ने का प्रयास करने लगे. इसके तहत दिल्ली स्थित सेंटर की तरफ से साइन लैंग्वेज शिक्षकों की तलाश शुरू की गई थी. इसमें कितने साइन लैंग्वेज शिक्षकों से संपर्क किया गया और कितने लोगों से बातचीत हुई. इसकी जांच एटीएस की टीम कर रही है.

संदिग्ध शिक्षक-स्टाफ की कुंडली खंगाल रही UP ATS
एटीएस की टीम नोएडा डेफ सोसायटी के एक संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ की तलाश में लगी है. पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला. एटीएस ने संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ की पूरी कुंडली निकाल ली है. जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि जिस साइन लैंग्वेज शिक्षक की भूमिका संदिग्ध है. उसी ने स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी यानी साइन लैंग्वेज शिक्षक ने अपने तरीके से डेफ स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण कराने के लिए सिखाया और उन्हें प्रेरित किया.

नोएडा डेफ सोसायटी को बनाया था प्रमुख केंद्र
दरअसल, एनसीआर यूपी के शहरों में 100 से अधिक मूक बधिर या दिव्यांगों के स्कूल या स्किल सेंटर हैं. इनमें देश के कोने-कोने के लोग पढ़ते हैं या ट्रेनिंग लेते हैं. पाकिस्तान ISI एजेंसी इस धर्मांतरण सिंडिकेट के तहत पहले दिल्ली से सटे नोएडा डेफ सोसायटी को प्रमुख केंद्र बनाया गया था. इसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ व अन्य शहरों तक पहुंच बनानी थी. एटीएस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि कुछ मूक बधिर सेंटर में सिंडिकेट के लोगों ने संपर्क बनाने का प्रयास किया था. इसमें ये लोग कितने सफल हो पाए. इसकी भी जांच हो रही है. मूक बधिर लोगों को आसानी से लालच देकर या साइन लैंग्वेज से धर्म परिवर्तन कराने की इस योजना के तहत एनसीआर पूरी तरह से निशाने पर था.

मूक बधिर स्कूलों का डाटा खंगाल रही एटीएस
एटीएस की टीम जनपदों में चलने वाले मूक बधिर स्कूलों व ट्रेनिंग सेंटरों का का डाटा खंगाल रही है. यहां पढ़ने व ट्रेनिंग लेने वाले और स्टाफ-शिक्षकों के बारे में जानकारी ली जा रही है. एटीएस की टीम इन स्कूलों व सेंटरों में इस्लामिक दावा सेंटर से लेकर अन्य तरह के कनेक्शन को खंगाल रही है. जम्मू-कश्मीर के कनेक्शन को भी देखा जा रहा है.

इसे भी पढे़ं- यूपी धर्मांतरण मामले में तीन और आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ: धर्म परिवर्तन के मामले में दिल्ली-एनसीआर (DELHI-NCR) के मूक-बधिर स्कूल के छात्रों के साथ-साथ साइन लैंग्वेज शिक्षक भी धर्मांतरण सिंडिकेट के निशाने पर थे. यूपी एटीएस को पता चला है कि धर्मांतरण सिंडिकेट ने नोएडा डेफ सोसायटी में साइन लैंग्वेज पढ़ा रहे शिक्षक से भी संपर्क किया था. जिसकी तलाश यूपी एटीएस कर रही है.

दरअसल, यूपी एटीएस (UP ATS) को इनपुट मिला है कि नोएडा डेफ सोसायटी को ध्यान में लेकर यहां के एक साइन लैंग्वेज शिक्षक से संपर्क किया गया था. ISI के इस मॉड्यूल के तहत मूक-बधिर छात्रों को धर्मांतरण के लिए प्राथमिकता पर रखा गया था. UP ATS की जांच में भी यह बात सामने आई है कि DELHI-NCR के साइन लैंग्वेज पढ़ाने वाले शिक्षक व ऐसे शिक्षकों की ट्रेनिंग देने वाले इंस्टीट्यूट के बारे में एटीएस की गिरफ्त में आए आरोपी उमर व जहांगीर ने पुलिस कस्टडी रिमांड के आखिरी दिन बताई. पूछताछ की अवधि खत्म होने पर दोनों आरोपियों को बुधवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.

ADG ने बताया कि काजी जहांगीर आलम और मुहम्मद उमर गौतम को दोबारा रिमांड पर लेने की अर्जी कोर्ट में दी जाएगी. एटीएस ने उन्हें 7 दिन की रिमांड पर लिया था. अब फिर से रिमांड की कोशिश की जाएगी. एडीजी का मानना है कि उनसे पूछताछ में विदेशी फंडिंग के साथ ही साइन लैंग्वेज पढ़ाने वाले शिक्षक के बारे में व अन्य आतंकी नेटवर्क की पड़ताल की जानी है. दूसरी ओर, एटीएस गिरफ्तार किए गए 3 अभियुक्तों मुन्ना यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, इरफान शेख और राहुल भोला की भी रिमांड पर लेने की तैयारी है. एटीएस उनसे भी धर्म परिवर्तन रैकेट के संबंध में गहन छानबीन करना चाहती है.

UP ATS की मानें तो जांच के क्रम में पता चला कि इस सिंडिकेट के निशाने पर कई मूक-बधिर स्कूल थे और उनके छात्रों को साइन लैंग्वेज से ही कुछ सिखाया पढ़ाया जा सकता है. ऐसे छात्रों के धर्मांतरण के लिए भी साइन लैंग्वेज शिक्षक की जरूरत थी. इसके बाद सिंडिकेट के लोग धीरे-धीरे आंतरिक रूप से साइन लैंग्वेज के शिक्षकों को साथ जोड़ने का प्रयास करने लगे. इसके तहत दिल्ली स्थित सेंटर की तरफ से साइन लैंग्वेज शिक्षकों की तलाश शुरू की गई थी. इसमें कितने साइन लैंग्वेज शिक्षकों से संपर्क किया गया और कितने लोगों से बातचीत हुई. इसकी जांच एटीएस की टीम कर रही है.

संदिग्ध शिक्षक-स्टाफ की कुंडली खंगाल रही UP ATS
एटीएस की टीम नोएडा डेफ सोसायटी के एक संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ की तलाश में लगी है. पुलिस ने कई स्थानों पर दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला. एटीएस ने संदिग्ध शिक्षक व स्टाफ की पूरी कुंडली निकाल ली है. जांच में यह भी आशंका जताई जा रही है कि जिस साइन लैंग्वेज शिक्षक की भूमिका संदिग्ध है. उसी ने स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण की ट्रेनिंग दी यानी साइन लैंग्वेज शिक्षक ने अपने तरीके से डेफ स्कूल के छात्रों को धर्मांतरण कराने के लिए सिखाया और उन्हें प्रेरित किया.

नोएडा डेफ सोसायटी को बनाया था प्रमुख केंद्र
दरअसल, एनसीआर यूपी के शहरों में 100 से अधिक मूक बधिर या दिव्यांगों के स्कूल या स्किल सेंटर हैं. इनमें देश के कोने-कोने के लोग पढ़ते हैं या ट्रेनिंग लेते हैं. पाकिस्तान ISI एजेंसी इस धर्मांतरण सिंडिकेट के तहत पहले दिल्ली से सटे नोएडा डेफ सोसायटी को प्रमुख केंद्र बनाया गया था. इसके बाद धीरे-धीरे दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ व अन्य शहरों तक पहुंच बनानी थी. एटीएस की जांच में यह बात भी सामने आई है कि कुछ मूक बधिर सेंटर में सिंडिकेट के लोगों ने संपर्क बनाने का प्रयास किया था. इसमें ये लोग कितने सफल हो पाए. इसकी भी जांच हो रही है. मूक बधिर लोगों को आसानी से लालच देकर या साइन लैंग्वेज से धर्म परिवर्तन कराने की इस योजना के तहत एनसीआर पूरी तरह से निशाने पर था.

मूक बधिर स्कूलों का डाटा खंगाल रही एटीएस
एटीएस की टीम जनपदों में चलने वाले मूक बधिर स्कूलों व ट्रेनिंग सेंटरों का का डाटा खंगाल रही है. यहां पढ़ने व ट्रेनिंग लेने वाले और स्टाफ-शिक्षकों के बारे में जानकारी ली जा रही है. एटीएस की टीम इन स्कूलों व सेंटरों में इस्लामिक दावा सेंटर से लेकर अन्य तरह के कनेक्शन को खंगाल रही है. जम्मू-कश्मीर के कनेक्शन को भी देखा जा रहा है.

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Last Updated : Jun 30, 2021, 4:11 PM IST
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