लखनऊ: राजधानी के अठन्नी केबल अस्पताल में कैंसर के मरीजों को राहत नहीं बल्कि दर्द मिल रहा है. मरीजों के पास इलाज के लिए पैसा न होने के कारण उन्हें वापस लौटना पर रहा है, जिसके चलते उन्हें रैन बसेरों का सहारा लेना पड़ रहा है.
मेडिकल कॉलेज में मरीजों के पास इलाज के पैसे नहीं है, जिस वजह से डॉक्टर उन्हें वापस भेज रहे हैं. ऐसा ही एक मामला केजीएमयू से सामने आया है, जब एक पत्नी अपने पति के कैंसर इलाज के लिए अस्पताल में आई. केजीएमयू के डॉक्टरों ने पैसे न होने की वजह से इलाज करने से मना कर दिया, जिसके बाद वह अपने पति को अस्पताल के बाहर ही रैन बसेरे में लेकर रह रही है.
ऐसे ही एक दादा जिन्हें पांच साल से कैंसर है, लेकिन केजीएमयू ने उनका इलाज करने की बजाए बाहर भेज दिया. डाक्टरों ने उनसे कहा पहले पैसे लेकर आओ फिर तुम्हारा इलाज हो पाएगा. ऐसे में उनका कहना है कि अगर उनके पास पैसे नहीं है तो क्या उन्हें जीने का हक नही है. इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि क्या आयुष्मान जैसी प्रभाव योजनाएं भी क्या चुनावी स्टंट बनकर रह गई हैं.