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राम मंदिर भूमि पूजन के पहले आज हुई निशान और रामार्चा पूजा

अयोध्या में पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन से पहले मंगलवार सुबह हनुमानगढ़ी में निशान पूजा की गई. हर विशेष कार्य से पहले निशान पूजा का विधान है. प्रधानमंत्री भी सबसे पहले यहां हनुमानगढ़ी आकर बजरंगबली की आराधना करेंगे. उसके बाद राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जाएंगे.

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हनुमानगढ़ी में हुई निशान और रामार्चा पूजा.
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Published : Aug 4, 2020, 2:54 PM IST

Updated : Aug 4, 2020, 3:57 PM IST

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. मंदिर निर्माण के लिए मंगलवार सुबह हनुमानगढ़ी में निशान पूजा की गई. निशान पूजा में हनुमान जी का ध्वज रूपी निशान रखा हुआ है. हर विशेष कार्य से पहले निशान पूजा का विधान है. सुबह हनुमानगढ़ी में निशान पूजा की गई है. प्रधानमंत्री भी सबसे पहले यहां हनुमानगढ़ी आकर बजरंगबली की आराधना करेंगे. उनकी इजाजत लेंगे, इसके उपरांत राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जाएंगे.

हनुमानगढ़ी में हुई निशान और रामार्चा पूजा.
राम मंदिर आयोजन से जुड़ा दूसरा महत्वपूर्ण कार्यक्रम राम जन्मभूमि स्थल पर रामार्चा पूजा हुई है. इसमें महत्वपूर्ण साधु संत शामिल हुए. रामार्चा पूजा में राम दरबार की पूजा अर्चना होने के साथ-साथ उनके कुल की भी पूजा की जाती है. भूमि पूजन की पूर्व संध्या पर अयोध्या में दीपावली जैसा माहौल देखने को मिलेगा. राम की पैड़ी पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा. सभी मंदिरों, शिवालयों में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. अयोध्या प्रशासन ने जनता से भी दीप जलाने की अपील की है. लोगों के घरों में भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे.

एक तरह से मंगलवार की शाम दीपावली जैसा देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि लोग घर में रहकर अखंड रामायण पाठ करें. लोग दीप जलाएं और आराधना करें कि भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो.

मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने के लिए धीरे-धीरे अयोध्या में महत्वपूर्ण लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत मंगलवार की सुबह लखनऊ पहुंच गए हैं. दोपहर बाद उनके अयोध्या पहुंचने का कार्यक्रम है. उनके साथ संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे. संघ के कई नेता यहां चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेता इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता चंपत राय पहले से ही यहां पर मौजूद हैं. वह राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट की सारी गतिविधियों में शामिल हैं.

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. मंदिर निर्माण के लिए मंगलवार सुबह हनुमानगढ़ी में निशान पूजा की गई. निशान पूजा में हनुमान जी का ध्वज रूपी निशान रखा हुआ है. हर विशेष कार्य से पहले निशान पूजा का विधान है. सुबह हनुमानगढ़ी में निशान पूजा की गई है. प्रधानमंत्री भी सबसे पहले यहां हनुमानगढ़ी आकर बजरंगबली की आराधना करेंगे. उनकी इजाजत लेंगे, इसके उपरांत राम मंदिर भूमि पूजन के लिए जाएंगे.

हनुमानगढ़ी में हुई निशान और रामार्चा पूजा.
राम मंदिर आयोजन से जुड़ा दूसरा महत्वपूर्ण कार्यक्रम राम जन्मभूमि स्थल पर रामार्चा पूजा हुई है. इसमें महत्वपूर्ण साधु संत शामिल हुए. रामार्चा पूजा में राम दरबार की पूजा अर्चना होने के साथ-साथ उनके कुल की भी पूजा की जाती है. भूमि पूजन की पूर्व संध्या पर अयोध्या में दीपावली जैसा माहौल देखने को मिलेगा. राम की पैड़ी पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा. सभी मंदिरों, शिवालयों में दीप प्रज्वलित किए जाएंगे. अयोध्या प्रशासन ने जनता से भी दीप जलाने की अपील की है. लोगों के घरों में भी दीप प्रज्वलित किए जाएंगे.

एक तरह से मंगलवार की शाम दीपावली जैसा देखने को मिलेगा. दूसरी तरफ मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से भी अपील की है कि लोग घर में रहकर अखंड रामायण पाठ करें. लोग दीप जलाएं और आराधना करें कि भगवान श्रीराम का मंदिर बनकर तैयार हो.

मंदिर भूमि पूजन में शामिल होने के लिए धीरे-धीरे अयोध्या में महत्वपूर्ण लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मोहन भागवत मंगलवार की सुबह लखनऊ पहुंच गए हैं. दोपहर बाद उनके अयोध्या पहुंचने का कार्यक्रम है. उनके साथ संघ के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे. संघ के कई नेता यहां चुके हैं. विश्व हिंदू परिषद के बड़े नेता इस कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे. विश्व हिंदू परिषद के वरिष्ठ नेता चंपत राय पहले से ही यहां पर मौजूद हैं. वह राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट की सारी गतिविधियों में शामिल हैं.

Last Updated : Aug 4, 2020, 3:57 PM IST
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