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लखनऊ की नौ में से आठ विधानसभा क्षेत्र नगर निगम में शामिल, लोकसभा के मुकाबले 10 लाख अधिक वोट

इस बार लखनऊ का नगर निगम चुनाव लोकसभा चुनाव से बड़ा होगा. 9 में से 8 विधानसभा क्षेत्र इस बार नगर निगम में शामिल होंगे लोकसभा क्षेत्र के मुकाबले नगर निगम के महापौर पद पर 10 लाख अधिक वोट हैं. ऐसे में लखनऊ महापौर का चुनाव सांसद से ज्यादा मुकाबले वाला और दिलचस्प होगा.

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Published : Nov 26, 2022, 4:33 PM IST

लखनऊ : इस बार लखनऊ का नगर निगम चुनाव लोकसभा चुनाव से बड़ा होगा. 9 में से 8 विधानसभा क्षेत्र इस बार नगर निगम में शामिल हो रहे हैं. लोकसभा क्षेत्र के मुकाबले नगर निगम के महापौर पद पर 10 लाख अधिक वोट है. लोकसभा लखनऊ के वोटर यहां 17 लाख में वहीं नगर निगम में यह वोटों की संख्या 27 लाख है. ऐसे में लखनऊ महापौर का चुनाव (mayoral election) सांसद से ज्यादा मुकाबले वाला होगा. भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर से चुनाव जीतने का भरोसा है.

प्रदेश में जब जनता के वोटों के जरिए महापौर का चयन शुरू हुआ तब लखनऊ में पहली बार डॉ. एससी राय (Dr. SC Rai) चुने गए थे और लगातार दो बार लखनऊ के महापौर रहे. इसके बाद उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Former Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma) को महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी ने उतारा. उन्होंने भी दो बार जीत दर्ज की और वे उप मुख्यमंत्री बनने से पहले तक लखनऊ की मेयर रहे. डॉ. दिनेश शर्मा के बाद यह सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई और संयुक्ता भाटिया को भाजपा ने चुनाव में उतारा और उन्होंने शानदार जीत दर्ज की.

जानकारी देते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी.

निर्वाचन आयोग की नामावली के मुताबिक लखनऊ में इस बार 27 लाख से अधिक वोटर हैं. जबकि लखनऊ लोकसभा सीट पर 17 लाख वोटर ही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ लोक सभा लखनऊ नगर निगम से छोटी सीट है. इस बार मलिहाबाद छोड़कर लखनऊ की सभी 8 विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम में आ गए हैं. जिसकी वजह से वोटरों की संख्या और अधिक बढ़ गई है. आठ नए वार्ड भी जोड़कर पुराने वार्डों को बढ़ाया गया. पिछली बार लखनऊ में 38% वोट ही पड़े थे. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी (संयुक्ता भाटिया) लगभग तीन लाख वोट से जीती थीं.

इस बार भारतीय जनता पार्टी लखनऊ से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करना चाहती है. यूनाइटेड लखनऊ से जुड़े हैं उनमें से अधिकांश शहरी हैं. नई शहरी काॅलोनियां विकसित हुई हैं. ऐसे में लखनऊ में शहर बड़ा हो गया है. इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी (Bharatiya Janata Party State Spokesperson Sanjay Chowdhary) ने बताया कि लखनऊ नगर निगम जोन 2 लोकसभा क्षेत्रों में आ रहा है. दोनों में हमारे सांसद बड़े माध्यम से जीत हासिल कर चुके हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव की ही तरह नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने में कोई तकलीफ नहीं होगी.

यह भी पढ़ें : उप मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश, कहा, मरीजों की दवा बाजार में बेचने वालों पर होगी कार्रवाई

लखनऊ : इस बार लखनऊ का नगर निगम चुनाव लोकसभा चुनाव से बड़ा होगा. 9 में से 8 विधानसभा क्षेत्र इस बार नगर निगम में शामिल हो रहे हैं. लोकसभा क्षेत्र के मुकाबले नगर निगम के महापौर पद पर 10 लाख अधिक वोट है. लोकसभा लखनऊ के वोटर यहां 17 लाख में वहीं नगर निगम में यह वोटों की संख्या 27 लाख है. ऐसे में लखनऊ महापौर का चुनाव (mayoral election) सांसद से ज्यादा मुकाबले वाला होगा. भारतीय जनता पार्टी को एक बार फिर से चुनाव जीतने का भरोसा है.

प्रदेश में जब जनता के वोटों के जरिए महापौर का चयन शुरू हुआ तब लखनऊ में पहली बार डॉ. एससी राय (Dr. SC Rai) चुने गए थे और लगातार दो बार लखनऊ के महापौर रहे. इसके बाद उनकी बढ़ती उम्र को देखते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Former Deputy Chief Minister Dr. Dinesh Sharma) को महापौर पद पर भारतीय जनता पार्टी ने उतारा. उन्होंने भी दो बार जीत दर्ज की और वे उप मुख्यमंत्री बनने से पहले तक लखनऊ की मेयर रहे. डॉ. दिनेश शर्मा के बाद यह सीट सामान्य वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गई और संयुक्ता भाटिया को भाजपा ने चुनाव में उतारा और उन्होंने शानदार जीत दर्ज की.

जानकारी देते भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी.

निर्वाचन आयोग की नामावली के मुताबिक लखनऊ में इस बार 27 लाख से अधिक वोटर हैं. जबकि लखनऊ लोकसभा सीट पर 17 लाख वोटर ही हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लखनऊ लोक सभा लखनऊ नगर निगम से छोटी सीट है. इस बार मलिहाबाद छोड़कर लखनऊ की सभी 8 विधानसभा क्षेत्र में नगर निगम में आ गए हैं. जिसकी वजह से वोटरों की संख्या और अधिक बढ़ गई है. आठ नए वार्ड भी जोड़कर पुराने वार्डों को बढ़ाया गया. पिछली बार लखनऊ में 38% वोट ही पड़े थे. इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी (संयुक्ता भाटिया) लगभग तीन लाख वोट से जीती थीं.

इस बार भारतीय जनता पार्टी लखनऊ से रिकॉर्ड तोड़ जीत हासिल करना चाहती है. यूनाइटेड लखनऊ से जुड़े हैं उनमें से अधिकांश शहरी हैं. नई शहरी काॅलोनियां विकसित हुई हैं. ऐसे में लखनऊ में शहर बड़ा हो गया है. इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय चौधरी (Bharatiya Janata Party State Spokesperson Sanjay Chowdhary) ने बताया कि लखनऊ नगर निगम जोन 2 लोकसभा क्षेत्रों में आ रहा है. दोनों में हमारे सांसद बड़े माध्यम से जीत हासिल कर चुके हैं. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव की ही तरह नगर निगम चुनाव में जीत हासिल करने में कोई तकलीफ नहीं होगी.

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