ETV Bharat / state

गाजियाबाद श्मशान घाट हादसाः निहारिका सिंह की जमानत हाईकोर्ट ने की मंजूर

गाजियाबाद में हुए श्मशान घाट हादसे में अभियुक्त बनायी गयी नगर पालिका की अधिशाषी अधिकारी निहारिका सिंह चौहान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. कोर्ट ने व्यक्तिगत बंधपत्र और दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है.

निहारिका सिंह की जमानत हाईकोर्ट ने की मंजूर
निहारिका सिंह की जमानत हाईकोर्ट ने की मंजूर
author img

By

Published : Mar 16, 2021, 9:12 PM IST

लखनऊः गाजियाबाद के श्मशान घाट हादसे में नगरपालिका की अधिशाषी अधिकारी निहारिका सिंह चौहान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. न्यायालय ने व्यक्तिगत बंधपत्र और दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है.

निहारिका सिंह चौहान को मिली राहत

ये आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल सदस्यीय पीठ ने पारित किया. याची की ओर से दलील दी गयी कि वो मात्र अधिशाषी अधिकारी थी. वो किसी तकनीकी पद पर तैनात नहीं थी. कहा गया कि इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्सईएन पीडब्ल्यूडी मनीष वर्मा, सहायक अभियंता वाईएस चौधरी और कनिष्ठ अभियंता डीके तवर की एक कमेटी बनाई गयी थी. उक्त कमेटी ने ही नवनिर्मित निर्माण को संतोषजनक बताया था. बावजूद इसके याची ने घटिया वर्क मैनशिप के चलते दस हजार रुपये ठेकेदार के भुगतान से काटे थे.

हादसे के बाद एक तकनीकी जांच कमेटी बनाई गयी. जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सह-अभियुक्त ठेकेदार अजय त्यागी का बिल सह-अभियुक्त कनिष्ठ अभियंता सीपी सिंह ने तैयार किया था. एक्सईएन मनीष वर्मा ने प्रमाणित किया था. बावजूद इसके मनीष वर्मा को इस पूरे मामले में बचा लिया गया और अभियुक्त नहीं बनाया गया. याची की ओर से यह भी दलील दी गई कि उसने निर्माण के लिए ई-टेंडर नहीं जारी किया था, बल्कि इसे नगरपालिका परिषद के चेयरमैन ने जारी किया था. कहा गया कि याची एक महिला पीसीएस अधिकारी हैं और उसकी छह वर्ष की एक बच्ची है. उल्लेखनीय है कि जनवरी महीने में उक्त श्मशान घाट हादसे में कई लोगों की मौत हो गयी थी.

ये था पूरा मामला

आपको बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिर गई थी, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गयी थी. इस हादसे के बाद सीएम योगी ने हादसे पर दुख जताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी. हादसे के मुख्य आरोपी हाल ही में पुलिस की गिरफ्त में आया था. गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. इस पूरे मामले में ठेकेदार अजय त्यागी से पहले मुरादनगर नगरपालिका की ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष की गिरफ्तारी हुई थी. इनके खिलाफ धारा 304, 337,427, 409 के तहत मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. श्मशान घाट बनाने में घटिया सामग्री, भ्रष्टाचार और लापरवाही की बात सामने आई थी.

लखनऊः गाजियाबाद के श्मशान घाट हादसे में नगरपालिका की अधिशाषी अधिकारी निहारिका सिंह चौहान की जमानत याचिका हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने मंजूर कर ली है. न्यायालय ने व्यक्तिगत बंधपत्र और दो जमानतें दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया है.

निहारिका सिंह चौहान को मिली राहत

ये आदेश न्यायमूर्ति करुणेश सिंह पवार की एकल सदस्यीय पीठ ने पारित किया. याची की ओर से दलील दी गयी कि वो मात्र अधिशाषी अधिकारी थी. वो किसी तकनीकी पद पर तैनात नहीं थी. कहा गया कि इस मामले में जिलाधिकारी के निर्देश पर एक्सईएन पीडब्ल्यूडी मनीष वर्मा, सहायक अभियंता वाईएस चौधरी और कनिष्ठ अभियंता डीके तवर की एक कमेटी बनाई गयी थी. उक्त कमेटी ने ही नवनिर्मित निर्माण को संतोषजनक बताया था. बावजूद इसके याची ने घटिया वर्क मैनशिप के चलते दस हजार रुपये ठेकेदार के भुगतान से काटे थे.

हादसे के बाद एक तकनीकी जांच कमेटी बनाई गयी. जिसने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सह-अभियुक्त ठेकेदार अजय त्यागी का बिल सह-अभियुक्त कनिष्ठ अभियंता सीपी सिंह ने तैयार किया था. एक्सईएन मनीष वर्मा ने प्रमाणित किया था. बावजूद इसके मनीष वर्मा को इस पूरे मामले में बचा लिया गया और अभियुक्त नहीं बनाया गया. याची की ओर से यह भी दलील दी गई कि उसने निर्माण के लिए ई-टेंडर नहीं जारी किया था, बल्कि इसे नगरपालिका परिषद के चेयरमैन ने जारी किया था. कहा गया कि याची एक महिला पीसीएस अधिकारी हैं और उसकी छह वर्ष की एक बच्ची है. उल्लेखनीय है कि जनवरी महीने में उक्त श्मशान घाट हादसे में कई लोगों की मौत हो गयी थी.

ये था पूरा मामला

आपको बता दें कि गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिर गई थी, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गयी थी. इस हादसे के बाद सीएम योगी ने हादसे पर दुख जताते हुए दोषियों पर कार्रवाई की बात कही थी. हादसे के मुख्य आरोपी हाल ही में पुलिस की गिरफ्त में आया था. गाजियाबाद पुलिस ने आरोपी ठेकेदार अजय त्यागी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. इस पूरे मामले में ठेकेदार अजय त्यागी से पहले मुरादनगर नगरपालिका की ईओ निहारिका सिंह, जेई चंद्रपाल, सुपरवाइजर आशीष की गिरफ्तारी हुई थी. इनके खिलाफ धारा 304, 337,427, 409 के तहत मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था. श्मशान घाट बनाने में घटिया सामग्री, भ्रष्टाचार और लापरवाही की बात सामने आई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.