लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) अपने यहां प्राचीन भारतीय विज्ञान और तकनीकी इकाई की स्थापना करेगा. इसके लिए प्रस्तावित बजट पर विश्वविद्यालय की वित्त समिति ने शनिवार को अपनी मुहर लगा दी है. साथ ही कई अन्य प्रस्तावों पर वित्त समिति ने अपनी स्वीकृत दी. अब प्राचीन भारतीय विज्ञान और तकनीकी को भी बढ़ावा देगा. इसके जरिए प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भ में सामने लाया जाएगा. लिहाजा विश्वविद्यालय अपने यहां प्राचीन भारतीय विज्ञान और तकनीकी इकाई स्थापित कर रहा है. इसके जरिए प्राचीन विज्ञान और तकनीकी पर शोध एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा. विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. पवन त्रिपाठी ने बताया कि 'इसका फायदा कहीं ना कहीं छात्रों और देश को मिलेगा. अब विश्व भारत की प्राचीन तकनीकी व्यवस्था को समझ सकेगा.'
ज्ञातव्य हो कि विश्वविद्यालय में यह इकाई 2006 तक थी, फिर निष्क्रिय हो गई थी, लेकिन अब फिर से इसकी स्थापना की जा रही है. शनिवार को 63वीं वित्त समिति की बैठक में इस इकाई के गठन के लिए बजट के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई. इस तरह की इकाई स्थापित करने वाला एकेटीयू पहला विश्वविद्यालय बनेगा. कुलपति प्रोफेसर पीके मिश्र ने बताया कि 'प्राचीन भारतीय ज्ञान विज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भ में सामने लाया जाएगा. इसके लिए विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय विज्ञान और तकनीकी इकाई स्थापित कर रहा है.' उन्होंने बताया कि 'विज्ञान व तकनीकी को सामने लाने के लिए इस तरह की शोध भारत में किसी और विश्वविद्यालय द्वारा नहीं किया जा रहा है. 2006 में हमारे विश्वविद्यालय में यह इकाई काम कर रही थी, लेकिन किसी कारणवश उसे बंद कर दिया गया था, जिसे दोबारा से शुरू कर करने का प्रयास किया जा रहा है. कुलपति की अध्यक्षता में हुई एकेटीयू वित्त समिति की बैठक में विभिन्न प्रस्ताव पर चर्चा की गई. कई प्रस्तावों पर समिति ने अपनी सहमति प्रदान की. वित्त अधिकारी जीपी सिंह ने आय व्यय का ब्यौरा दिया. साथ ही विश्वविद्यालय एवं विश्वविद्यालय से संबंधित संस्थानों में व्यक्तित्व विकास एवं कार्यशाला आयोजित करने के बजट को स्वीकृति दी गयी.
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