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राजभवन में लगी पुष्प प्रदर्शनी, हाइड्रोपोनिक्स में लोगों ने दिखाई रुचि - लखनऊ प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन

लखनऊ में राजभवन में प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. यहां पर सीआईएसएच ने हाइड्रोपोनिक और एयरोपोनिक्स यूनिट के बारे में लोगों को जानकारी दी.

लोगों ने दिखाई हाइड्रोपोनिक्स में रूचि
लोगों ने दिखाई हाइड्रोपोनिक्स में रूचि
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Published : Feb 8, 2021, 1:42 PM IST

लखनऊ: राजभवन में रविवार को प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी में सीआईएसएच ने हाइड्रोपोनिक्स और एयरोपोनिक्स की यूनिट लगाई गई. प्रदर्शनी की सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन ने भी प्रशंसा की. हजारों लोगों ने मिट्टी रहित सब्जी उत्पादन की इस तकनीकी में विशेष रुचि दिखाई.

प्रदर्शनी में दिखी हाइड्रोपोनिक्स विधि

उत्तर प्रदेश सरकार की आरकेवीवाई परियोजना के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने हाइड्रोपोनिक्स के विभिन्न प्रकार के आधुनिक मॉडल रहमानखेड़ा में लगाए हैं. किसानों और शहरी बागवानी प्रेमियों से मिली प्रतिक्रिया ने संस्थान को कम लागत वाले हाइड्रोपोनिक डिजाइन के लिए प्रेरित किया. नए डिजाइन का उपयोग करके कम खर्चे में छतों और बालकनी में पौधे लगा सकते हैं. इस दिशा में शोध करने के बाद बहुत ही कम लागत के हाइड्रोपोनिक डिजाइन तैयार किए गए है. प्रदर्शनी में ये मॉडल जनसाधारण के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं.

शहर भर के बागवान प्रेमी पहुंचे

बागवान प्रेमी राजभवन में लगने वाली इस अनूठी प्रदर्शनी का इंतजार वर्ष भर करते हैं. यहां सीखने को बहुत कुछ मिलता है. नवीन बीज, यंत्र, पौधे और खेती से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने के लिए बागवानी प्रेमी प्रदर्शनी में आते हैं. यहां पर लोगों को बागवानी के नए-नए तरीके और नई किस्मों के पौधे देखने का अवसर मिलता है. साथ ही के एक दूसरे से जानकारी भी प्राप्त करते हैं. संस्थान ने हाइड्रोपोनिक्स डिजाइन के अतिरिक्त हाइड्रोपोनिक सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले पोषक तत्वों के सॉल्यूशन का भी मानकीकरण किया.

जागरूकता के लिए आयोजित होती है प्रदर्शनी

हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रदर्शन करने का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है. इस अवसर पर कई क्षेत्र में रोजगार की पहल करने वाले युवक संस्थान के संपर्क में आए. ये युवक संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह से तकनीक प्राप्त करके इसको व्यवसायिक रूप से अपनाने के लिए उत्सुक दिखे. प्रदर्शनी में अधिकतर लोगों ने पूछा कि इसकी ट्रेनिंग कब और कहां मिलती है. कुछ का प्रश्न था कि वे नई किस्मों के पौधे कहां से ला कर लगाएं. कुछ लोग यह भी जानना चाहते थे कि हाइड्रोपोनिक्स में कैसे पानी की 80% तक बचत की जा सकती है. कुछ लोग अपनी बालकनी के लिए इसे डिजाइन करना चाहते थे.

लोगो का हाइड्रोपोनिक्स के प्रति बढ़ रहा रुझान

जनसाधारण में हाइड्रोपोनिक्स के प्रति बढ़ रहा आकर्षण यह संकेत देता है कि निकट भविष्य में संस्थान की यह तकनीक बेहद लोकप्रिय होगी. यह तकनीक कई लोगों को रोजगार दिलाने में भी सफल होगी.

कम पैसे में अच्छी खेती

केंद्रीय उपोषण बगवानी संस्थान के निदेशक डॉक्टर शैलेंद्र जैन ने बताया कि राजभवन में प्रत्येक वर्ष यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है. इसमें विभिन्न प्रकार की खेती करने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाती है. इस बार हाइड्रोपोनिक्स विधि से कम जगह में कम खर्च पर अच्छे फल, फूल और सब्जी की खेती कर सकते हैं. निकट भविष्य में इस प्रक्रिया का विस्तार होना निश्चित है. साथ ही संस्थान इस विधि का उपयोग करने वाले लोगों की जानकारी के लिए सदैव तत्पर है.

सब जगह मिलते हैं महंगे मॉडल

हाइड्रोपोनिक्स के मॉडल बड़ी-बड़ी कंपनियों के पास उपलब्ध हैं, लेकिन बहुत महंगा होने के कारण आम आदमी इसे खरीद नहीं पाता है. कम दाम पर हाइड्रोपोनिक यूनिट और इस कार्य के लिए पोषक तत्वों का सस्ता मिश्रण उपलब्ध कराने के लिए संस्थान प्रयत्नशील है.

लखनऊ: राजभवन में रविवार को प्रादेशिक पुष्प प्रदर्शनी में सीआईएसएच ने हाइड्रोपोनिक्स और एयरोपोनिक्स की यूनिट लगाई गई. प्रदर्शनी की सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन ने भी प्रशंसा की. हजारों लोगों ने मिट्टी रहित सब्जी उत्पादन की इस तकनीकी में विशेष रुचि दिखाई.

प्रदर्शनी में दिखी हाइड्रोपोनिक्स विधि

उत्तर प्रदेश सरकार की आरकेवीवाई परियोजना के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने हाइड्रोपोनिक्स के विभिन्न प्रकार के आधुनिक मॉडल रहमानखेड़ा में लगाए हैं. किसानों और शहरी बागवानी प्रेमियों से मिली प्रतिक्रिया ने संस्थान को कम लागत वाले हाइड्रोपोनिक डिजाइन के लिए प्रेरित किया. नए डिजाइन का उपयोग करके कम खर्चे में छतों और बालकनी में पौधे लगा सकते हैं. इस दिशा में शोध करने के बाद बहुत ही कम लागत के हाइड्रोपोनिक डिजाइन तैयार किए गए है. प्रदर्शनी में ये मॉडल जनसाधारण के लिए आकर्षण का केंद्र बन गए हैं.

शहर भर के बागवान प्रेमी पहुंचे

बागवान प्रेमी राजभवन में लगने वाली इस अनूठी प्रदर्शनी का इंतजार वर्ष भर करते हैं. यहां सीखने को बहुत कुछ मिलता है. नवीन बीज, यंत्र, पौधे और खेती से जुड़ी जानकारियां प्राप्त करने के लिए बागवानी प्रेमी प्रदर्शनी में आते हैं. यहां पर लोगों को बागवानी के नए-नए तरीके और नई किस्मों के पौधे देखने का अवसर मिलता है. साथ ही के एक दूसरे से जानकारी भी प्राप्त करते हैं. संस्थान ने हाइड्रोपोनिक्स डिजाइन के अतिरिक्त हाइड्रोपोनिक सिस्टम में इस्तेमाल होने वाले पोषक तत्वों के सॉल्यूशन का भी मानकीकरण किया.

जागरूकता के लिए आयोजित होती है प्रदर्शनी

हाइड्रोपोनिक तकनीक का प्रदर्शन करने का मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता फैलाना है. इस अवसर पर कई क्षेत्र में रोजगार की पहल करने वाले युवक संस्थान के संपर्क में आए. ये युवक संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एसआर सिंह से तकनीक प्राप्त करके इसको व्यवसायिक रूप से अपनाने के लिए उत्सुक दिखे. प्रदर्शनी में अधिकतर लोगों ने पूछा कि इसकी ट्रेनिंग कब और कहां मिलती है. कुछ का प्रश्न था कि वे नई किस्मों के पौधे कहां से ला कर लगाएं. कुछ लोग यह भी जानना चाहते थे कि हाइड्रोपोनिक्स में कैसे पानी की 80% तक बचत की जा सकती है. कुछ लोग अपनी बालकनी के लिए इसे डिजाइन करना चाहते थे.

लोगो का हाइड्रोपोनिक्स के प्रति बढ़ रहा रुझान

जनसाधारण में हाइड्रोपोनिक्स के प्रति बढ़ रहा आकर्षण यह संकेत देता है कि निकट भविष्य में संस्थान की यह तकनीक बेहद लोकप्रिय होगी. यह तकनीक कई लोगों को रोजगार दिलाने में भी सफल होगी.

कम पैसे में अच्छी खेती

केंद्रीय उपोषण बगवानी संस्थान के निदेशक डॉक्टर शैलेंद्र जैन ने बताया कि राजभवन में प्रत्येक वर्ष यह प्रदर्शनी आयोजित की जाती है. इसमें विभिन्न प्रकार की खेती करने के तौर-तरीकों की जानकारी दी जाती है. इस बार हाइड्रोपोनिक्स विधि से कम जगह में कम खर्च पर अच्छे फल, फूल और सब्जी की खेती कर सकते हैं. निकट भविष्य में इस प्रक्रिया का विस्तार होना निश्चित है. साथ ही संस्थान इस विधि का उपयोग करने वाले लोगों की जानकारी के लिए सदैव तत्पर है.

सब जगह मिलते हैं महंगे मॉडल

हाइड्रोपोनिक्स के मॉडल बड़ी-बड़ी कंपनियों के पास उपलब्ध हैं, लेकिन बहुत महंगा होने के कारण आम आदमी इसे खरीद नहीं पाता है. कम दाम पर हाइड्रोपोनिक यूनिट और इस कार्य के लिए पोषक तत्वों का सस्ता मिश्रण उपलब्ध कराने के लिए संस्थान प्रयत्नशील है.

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