लखनऊ: यूपी में कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ दी गई है. सरकार एक तरफ जहां तीसरी लहर को लेकर हेल्थ सिस्टम को अपग्रेड कर रही है. वहीं, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए टेस्ट बढ़ा दिए हैं. साथ ही अब युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन शुरू होगा. प्रतिदिन दस लाख डोज लगाने की योजना बनाई जा रही है.
सीएम के निर्देश पर योजना पर काम शुरू
प्रदेश में 15 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था. पहले हेल्थ वर्कर, इसके बाद फ्रंट लाइन वर्करों का वैक्सीनेशन शुरू किया गया. बाद में 60 वर्ष से ऊपर 45 साल से अधिक बीमार लोगों का वैक्सीनेशन किया गया. अब 45 साल से ज्यादा सभी लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. साथ ही 18 से 44 वर्ष तक के लोगों का टीकाकरण सभी 75 जनपदों में शुरू किया गया है. अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल के मुताबिक वर्तमान में 1 करोड़ 94 लाख, 31 हजार 152 डोज लगाई जा चुकी हैं. हर रोज तीन 40 हजार के करीब डोज लग रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने अब हर रोज दस लाख डोज लगाने का निर्देश दिया है. इसके लिए कितने सेंटर बनेंगे, कितने स्टाफ की आवश्यकता है, वैक्सीन की उपलब्धता समेत सभी योजना पर काम शुरू कर दिया गया है.
सोमवार से महिला स्पेशल बूथ बनेंगे
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के मुताबिक युवाओं में वैक्सीन को लेकर उत्साह है. उधर 45 साल से ऊपर में कई जनपदों में स्लॉट खाली जा रहे हैं. ऐसे के सभी टीकाकरण अवश्य कराएं. सोमवार से अभिभावक स्पेशल बूथ की तर्ज पर महिला स्पेशल बूथ बनेंगे. यह बूथ महिला या संयुक्त अस्पताल में होंगे. हर जनपद में ऐसे दो बूथ बनेंगे.
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सरकारी में मुफ्त, निजी में 1260 तक शुल्क
सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन की डोज है. वहीं, निजी अस्पतालों में अब वैक्सीन महंगी हो गई है. मार्च में निजी अस्पताल में 250 रुपये टीका की सिंगल डोज का लिया जाता था. वहीं, अप्रैल से सरकार ने निजी अस्पतालों से खुद कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर लगाने का फरमान सुनाया. ऐसे में राजधानी में तीन अस्पताल अपोलो, रिजेंसी, सहारा हॉस्पिटल ने अपने यहां वैक्सीनेशन सेंटर बनाया है. अपोलो ने कोविशील्ड की एक डोज 850, कोवैक्सीन की एक डोज 1250 रुपये तय की है. वहीं रिजेंसी हॉस्पिटल में को लवैक्सीन की एक डोज 1260 रुपये तय की गई है.