लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग लगातार नई योजना की शुरुआत (Tourism Department) कर रहा है. इसी कड़ी में पर्यटन विभाग ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पॉलिसी लेकर आ रहा है. सरकार ने जो नई पॉलिसी तैयार की है, उसके तहत प्रदेश के ग्रामीण संस्कृति को करीब से जानने के लिए पर्यटकों को गांव से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. इस योजना के तहत पर्यटक गांव के लोगों के रहन सहन, उनकी जीवन शैली, वहां के खान-पान व मान्यताओं व प्रथाओं सभी चीजों के बारे में जान सकेंगे. साथ ही इस योजना में पर्यटन के लिए प्रदेश के चुने हुए गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने के साथ ही वहां पर कई अत्याधुनिक सुविधाओं की स्थापना की जाएगी. यह जानकारी प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने दी.
प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि 'उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य होने के साथ यहां पर कई विविध संस्कृति और समाज के लोग रहते हैं. हमारे ग्रामीण परिवेश में देश के अलग-अलग संस्कृति से जुड़े लोग रहते हैं. विशेष तौर पर बुंदेलखंड, ब्रज अवध व पूर्वांचल क्षेत्र में गांव को पर्यटन के नक्शे पर लाने के लिए सरकार ने नई पॉलिसी तैयार की है. नई पॉलिसी के तहत गांव में आने वाले पर्यटकों को ध्यान में रख कर वहां के धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटन के साथ ही आसपास के दूसरे पर्यटन स्थलों का विकास कराने की योजना तैयार की गई है. इसके तहत गांव में आने वाले पर्यटकों को वहां ठहरने आदि की समस्या को दूर करने के लिए होम-स्टे व रूरल पर्यटन पर फोकस किया जा रहा है.'
मंत्री ने कहा कि 'गांव की संस्कृति व वाहन के पर्यटक स्थलों से रूबरू होने के लिए आप पर्यटकों को एक निश्चित राशि का भुगतान कर गांव में चिह्नित किए गए मकान में रुककर वहां के पर्यटन का अनुभव ले सकते हैं. किन गांव में पर्यटन से जुड़ी चीज हैं किसका चुनाव पर्यटन विभाग की ओर से किया जाएगा. एक बार इन ग्रामीण पर्यटन स्थलों की पहचान होने के बाद उनकी सूचना पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी. इसके लिए वेबसाइट पर ही एक अलग से लिंक की व्यवस्था किया जाएगा, जिसे बेड एवं ब्रेकफास्ट होम स्टे योजना का नाम दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस पॉलिसी के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. बल्कि इससे वहां के युवाओं और लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.'