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लखनऊ विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति लागू, बीटेक के लिए यह होगा कोर्स प्लान - नई शिक्षा नीति 2020

लखनऊ विश्वविद्यालय ने बीटेक विषयों के लिए इसी सत्र से नई शिक्षा नीति 2020 लागू कर दी है. इसके तहत बीटेक करने वाले छात्रों को अब काफी सहूलियतें मिलने वाली हैं.

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Published : Apr 15, 2023, 3:19 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में संचालित बीटेक विषयों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है. इसके साथ ही अब बीटेक विषयों में नया सिलेबस भी लागू करने की मंजूरी मिल गई है. अब नए नियम के अनुसार बीटेक का प्रथम वर्ष पूर्ण करने के बाद विद्यार्थियों को कोर्स छोड़ने पर सर्टिफिकेट मिलेगा. द्वितीय वर्ष पूर्ण होने के बाद अगर कोई विद्यार्थी कोर्स को छोड़ता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाएगा. तीसरे वर्ष की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद अगर कोई छात्र पढ़ाई छोड़ता है तो उसे एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा. चौथे वर्ष में पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले छात्रों को स्नातक की डिग्री के साथ ही तीनों विकल्प दिए जाएंगे. पहला विकल्प संबंधित शाखा में बीटेक डिग्री के तौर पर रहेगा. दूसरा विकल्प टेक विथ रिसर्च और तीसरा अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में इंटीग्रेटेड बीटेक प्लस एमटेक का प्लान छात्रों को ऑफर किया जाएगा.

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुसार अभियांत्रिकी संकाय के बीटेक कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू होने पर इंजीनियरिंग शिक्षा में एक्सेस, इक्विटी, अफॉर्डेबिलिटी, क्वालिटी, फ्लेक्सीबिलिटी, मल्टीडिस्प्लनरी एप्रोच एवं अकाउंटेबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा. प्रोफ़ेसर राय ने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद छात्र अब अपनी रुचि के अनुसार किसी भी विशेष क्षेत्र में व्यावसायिक पाठ्यक्रम द्वारा अपनी क्षमता का निर्माण कर पाएंगे. जिससे छात्र के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

यह बदलाव किए गए हैं
-बीटेक के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर कोर्स छोड़ने पर प्रथम वर्ष में इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सर्टिफिकेट मिलेगा.
-बीटेक द्वितीय वर्ष के बाद कोर्स छोड़ने पर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा.
-बीटेक तृतीय के बाद कोर्स छोड़ने पर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडवांस डिप्लोमा.
-बीटेक चतुर्थ वर्ष में छात्रों को निम्नलिखित विकल्प मिलेंगे
(ए) विकल्प 1-संबंधित शाखा में बीटेक
(बी) विकल्प 2-अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में बीटेक
(सी) विकल्प 3-अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में इंटिग्रेटेड
(विकल्प दो और तीन केवल 7.5 से अधिक या उसके बराबर सीजीपीए वाले छात्रों के लिए लागू होगा)
-चार वर्षों के दौरान, छात्र किसी भी चरण में फिर से प्रवेश ले सकेंगे.

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में संचालित बीटेक विषयों में इस सत्र से नई शिक्षा नीति 2020 को लागू कर दिया है. इसके साथ ही अब बीटेक विषयों में नया सिलेबस भी लागू करने की मंजूरी मिल गई है. अब नए नियम के अनुसार बीटेक का प्रथम वर्ष पूर्ण करने के बाद विद्यार्थियों को कोर्स छोड़ने पर सर्टिफिकेट मिलेगा. द्वितीय वर्ष पूर्ण होने के बाद अगर कोई विद्यार्थी कोर्स को छोड़ता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाएगा. तीसरे वर्ष की पढ़ाई पूर्ण होने के बाद अगर कोई छात्र पढ़ाई छोड़ता है तो उसे एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा. चौथे वर्ष में पढ़ाई पूरी करके निकलने वाले छात्रों को स्नातक की डिग्री के साथ ही तीनों विकल्प दिए जाएंगे. पहला विकल्प संबंधित शाखा में बीटेक डिग्री के तौर पर रहेगा. दूसरा विकल्प टेक विथ रिसर्च और तीसरा अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में इंटीग्रेटेड बीटेक प्लस एमटेक का प्लान छात्रों को ऑफर किया जाएगा.

कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के अनुसार अभियांत्रिकी संकाय के बीटेक कोर्स में नई शिक्षा नीति लागू होने पर इंजीनियरिंग शिक्षा में एक्सेस, इक्विटी, अफॉर्डेबिलिटी, क्वालिटी, फ्लेक्सीबिलिटी, मल्टीडिस्प्लनरी एप्रोच एवं अकाउंटेबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा. प्रोफ़ेसर राय ने बताया कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद छात्र अब अपनी रुचि के अनुसार किसी भी विशेष क्षेत्र में व्यावसायिक पाठ्यक्रम द्वारा अपनी क्षमता का निर्माण कर पाएंगे. जिससे छात्र के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

यह बदलाव किए गए हैं
-बीटेक के प्रथम वर्ष पूर्ण होने पर कोर्स छोड़ने पर प्रथम वर्ष में इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में सर्टिफिकेट मिलेगा.
-बीटेक द्वितीय वर्ष के बाद कोर्स छोड़ने पर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में डिप्लोमा.
-बीटेक तृतीय के बाद कोर्स छोड़ने पर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में एडवांस डिप्लोमा.
-बीटेक चतुर्थ वर्ष में छात्रों को निम्नलिखित विकल्प मिलेंगे
(ए) विकल्प 1-संबंधित शाखा में बीटेक
(बी) विकल्प 2-अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में बीटेक
(सी) विकल्प 3-अनुसंधान द्वारा संबंधित शाखा में इंटिग्रेटेड
(विकल्प दो और तीन केवल 7.5 से अधिक या उसके बराबर सीजीपीए वाले छात्रों के लिए लागू होगा)
-चार वर्षों के दौरान, छात्र किसी भी चरण में फिर से प्रवेश ले सकेंगे.


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