लखनऊ: कैंसर संस्थान में आईडीपी भवन बनकर तैयार हो गया है. ऐसे में मरीजों की भर्ती की क्षमता चार गुना हो जाएगी. अभी संस्थान में 40 बेड हैं. नया भवन मिलने से बेडों की संख्या बढ़कर 500 हो जाएगी. ऑर्गन बेस्ड कैंसर ट्रीटमेंट का यह उत्तरभारत का इकलौता संस्थान विकसित हो रहा है.
लखनऊ का यह कैंसर संस्थान 1200 बेड की क्षमता का होगा. इसमें प्रथम चरण में 700 बेड पर भर्ती की सुविधा होनी थी. हाल में ही स्थाई निदेशक भ्रष्टाचार में हटा दिए गए हैं. ऐसे में कार्यवाहक निदेशक एसजीपीजीआई के डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान को बनाया गया है. सीएमएस की जिम्मेदारी डॉ. अनुपम वर्मा को सौंपी गई है. डॉ. अनुपम वर्मा के मुताबिक संस्थान में आईपीडी भवन बनकर तैयार हो गया है. यह 500 बेड की क्षमता का होगा. इसमें नवम्बर अंत से 224 बेडों पर इलाज शुरू हो जाएगा. शेष बेड आने पर भवन में उनकी संख्या बढ़ा दी जाएगी. मरीजों के लिए 12 बेड का प्री-ऑपरेटिव वार्ड और 16 बेड का पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड भी होगा.
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आठ ऑपरेशन थियेटर तैयार
कैंसर संस्थान में मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा. संस्थान में आठ नए ऑपरेशन थिएटर (ओटी) शुरू होंगे. अभी एक ऑपरेशन थिएटर चल रहा है. ऐसे में रोजाना दो से तीन मरीजों के ही ऑपरेशन हो पा रहे हैं. ऑपरेशन थियेटर बढ़ने से मरीजों को राहत मिलेगी. संस्थान में कुल 24 ओटी प्रस्तावित हैं. सरकारी क्षेत्र में कैंसर मरीजों के ऑपरेशन की सुविधा सिर्फ केजीएमयू, पीजीआई और लोहिया संस्थान में है.
खून के लिए नहीं पड़ेगा भटकना
कैंसर इंस्टीट्यूट में ब्लड एंड ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग भी खुलेगा. इसमें ब्लड बैंक का भी संचालन होगा. ऐसा होने पर खून के लिए मरीज-तीमारदारों को भटकना नहीं होगा. डॉक्टर बड़े ऑपरेशन (मेजर सर्जरी) भी प्लान कर सकेंगे. इससे प्रदेश भर से आने वाले कैंसर रोगियों को राहत मिलेगी. संस्थान में अभी करीब 8 कैंसर सर्जन कार्यरत हैं और वहीं 24 रेजीडेंट हैं. वहीं 219 पदों पर भर्ती होनी है. स्टाफ की भर्ती संबंधी जल्द विज्ञापन निकलेगा. उधर प्रशासनिक भवन भी तैयार है। इन भवनों को जल्द ही हैंडओवर किया जाएगा। उपकरण खरीद का काम चल रहा है.
मंत्री ने कैंसर संस्थान का निरीक्षण किया
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कैंसर इंस्टिट्यूट में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया. इस संस्थान का निर्माण कार्य यूपी आरएनएन द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने निरीक्षण के दौरान संस्थान के निदेशक व कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्यों की प्रगति जानी. साथ ही ओटी के कार्यों को 30 नवंबर व बिल्डिंग के शेष कार्यों को 31 दिसंबर तक हर हाल में पूरा करने के निर्देश दिया.