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सपा में परिवारवाद को फिर बढ़ावा, अखिलेश ने इन नेताओं को चुनाव लड़ने के दिए संकेत

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 22, 2023, 7:19 PM IST

उत्तर प्रदेश की राजनीति में परिवारवाद नया विषय नहीं है. सपा समेत कई क्षेत्रीय पार्टियों पर यह आरोप लगते रहे हैं. बहरहाल लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारी में जुटे सपा मुखिया अखिलेश यादव ने अपने सियासी पत्ते खोलने शुरू कर दिए हैं. ऐसे में परिवारवाद की चर्चा सियासी गलियारों में शुरू हो गई है. देखें विस्तृत खबर.

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भले इंडिया गठबंधन से बातचीत सीट शेयरिंग अभी तक ना कर पाए हों, लेकिन समाजवादी पार्टी अपने परिवारवाद को बढ़ावा देने की रणनीति बना चुकी है. साथ ही परिवार से जुड़े कई नेताओं को चुनाव लड़ने के संकेत कर दिए हैं और तैयारी भी तेज कर दी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन के स्तर पर बातचीत हो या न हो पाए, समाजवादी पार्टी अपने स्तर पर अपने समानांतर व्यवस्था बनाते हुए चुनावी तैयारी को अंतिम रूप दे रही है.

यूपी में सपा की तैयारी.
यूपी में सपा की तैयारी.


लोकसभा चुनाव लड़ने वाले परिवार से जुड़े नेता औऱ अन्य सभी संभावित प्रत्याशियों से कहा गया है कि अपने अपने क्षेत्र में पूरी सक्रियता के साथ चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाने का काम करें. चुनावी तैयारी को पार्टी के स्थानीय नेताओं के स्तर पर मजबूत करें और पार्टी के विधायक जिले के संगठन से जुड़े नेताओं को साथ लेकर चुनावी तैयारी को बूथ स्तर तक मजबूत करें. परिवारवाली सीटों की बात करें तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव लैंड के रूप में पहचान बना चुकी मैनपुरी सीट से बात शुरू करते हैं. यह लोकसभा सीट परम्परागत रूप से यादव परिवार की रही है और सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं. इस बार भी यह इस सीट पर डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी.

यूपी में सपा की तैयारी.
यूपी में सपा की तैयारी.

मैनपुरी से सटी हुई कन्नौज की सीट से अखिलेश खुद लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस बात के संकेत खुद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव अलग-अलग मौकों पर अपने बयानों से इस बात के संकेत दे चुके हैं. अखिलेश यादव पहली बार इसी सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. अब एक बार फिर वह इसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी प्रकार यादव लैंड की फिरोजबाद सीट भी यादव परिवार की परम्परागत सीट रही है. हालांकि फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है और डॉ. चंद्रसेन यहां से लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन सपा दोबारा अपनी जीत दर्ज करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सपा के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को यहां से तैयारी करने के लिए बोला गया है. वह क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर चुके हैं. शिवपाल यादव बाकायदा अक्षय यादव को फिरोजाबाद से चुनाव लड़ाकर जिताने की बात का ऐलान कर चुके हैं. पिछले चुनाव में यहां शिवपाल की वजह से ही अक्षय चुनाव हारे थे, लेकिन अब जब शिवपाल अखिलेश के साथ आ चुके हैं तो वह अक्षय को चुनाव लड़ाकर जिताने का दम भी भर रहे हैं.

अखिलेश यादव की साइकिल रैली. फाइल चित्र
अखिलेश यादव की साइकिल रैली. फाइल चित्र

बदायूं लोकसभा सीट पर लगातार दो बार से भाजपा की संघमित्रा मौर्या ने कब्जा जमा रखा है. इस बार अखिलेश यादव किसी भी कीमत पर यह सीट जीतना चाहते हैं और इसीलिए धर्मेंद्र यादव को इस सीट पर चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं. भाजपा छोड़कर सपा में आये वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा भी सपा में आ सकती हैं. ऐसी परिस्थिति बनने पर फिर अलग से विचार किए जाने की बात सपा के सूत्रों की तरफ से कही जा रही है. वहीं आजमगढ़ से शिवपाल सिंह यादव को चुनाव लड़ाकर पूरे पूर्वांचल में चुनावी हवा अपने पक्ष में करने की बात कही जा रही है. पिछले कुछ समय से शिवपाल सिंह यादव आजमगढ़ में चुनाव के लिहाज से काम भी कर रहे हैं. इसके अलावा तमाम अन्य सीटों पर संभावित उम्मीदवारों को भी तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं.





यह भी पढ़ें : वंशवाद के नाम पर अखिलेश के ट्वीट वार से शुरू हुई नई सियासत, जानिए पूरा मामला

परिवारवाद से दूर रहे अखिलेश का 'एकला चलो' प्लान, खेमे बंदी का असर या नयी सपा की हवा

लखनऊ : समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भले इंडिया गठबंधन से बातचीत सीट शेयरिंग अभी तक ना कर पाए हों, लेकिन समाजवादी पार्टी अपने परिवारवाद को बढ़ावा देने की रणनीति बना चुकी है. साथ ही परिवार से जुड़े कई नेताओं को चुनाव लड़ने के संकेत कर दिए हैं और तैयारी भी तेज कर दी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि गठबंधन के स्तर पर बातचीत हो या न हो पाए, समाजवादी पार्टी अपने स्तर पर अपने समानांतर व्यवस्था बनाते हुए चुनावी तैयारी को अंतिम रूप दे रही है.

यूपी में सपा की तैयारी.
यूपी में सपा की तैयारी.


लोकसभा चुनाव लड़ने वाले परिवार से जुड़े नेता औऱ अन्य सभी संभावित प्रत्याशियों से कहा गया है कि अपने अपने क्षेत्र में पूरी सक्रियता के साथ चुनावी रणनीति को आगे बढ़ाने का काम करें. चुनावी तैयारी को पार्टी के स्थानीय नेताओं के स्तर पर मजबूत करें और पार्टी के विधायक जिले के संगठन से जुड़े नेताओं को साथ लेकर चुनावी तैयारी को बूथ स्तर तक मजबूत करें. परिवारवाली सीटों की बात करें तो समाजवादी पार्टी के लिए यादव लैंड के रूप में पहचान बना चुकी मैनपुरी सीट से बात शुरू करते हैं. यह लोकसभा सीट परम्परागत रूप से यादव परिवार की रही है और सपा संरक्षक स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव यहां से सांसद हैं. इस बार भी यह इस सीट पर डिंपल यादव चुनाव लड़ेंगी.

यूपी में सपा की तैयारी.
यूपी में सपा की तैयारी.

मैनपुरी से सटी हुई कन्नौज की सीट से अखिलेश खुद लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. इस बात के संकेत खुद अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव अलग-अलग मौकों पर अपने बयानों से इस बात के संकेत दे चुके हैं. अखिलेश यादव पहली बार इसी सीट से लोकसभा सदस्य चुने गए थे. अब एक बार फिर वह इसी सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी प्रकार यादव लैंड की फिरोजबाद सीट भी यादव परिवार की परम्परागत सीट रही है. हालांकि फिलहाल इस सीट पर भाजपा का कब्जा है और डॉ. चंद्रसेन यहां से लोकसभा सदस्य हैं, लेकिन सपा दोबारा अपनी जीत दर्ज करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. सपा के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को यहां से तैयारी करने के लिए बोला गया है. वह क्षेत्र में अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर चुके हैं. शिवपाल यादव बाकायदा अक्षय यादव को फिरोजाबाद से चुनाव लड़ाकर जिताने की बात का ऐलान कर चुके हैं. पिछले चुनाव में यहां शिवपाल की वजह से ही अक्षय चुनाव हारे थे, लेकिन अब जब शिवपाल अखिलेश के साथ आ चुके हैं तो वह अक्षय को चुनाव लड़ाकर जिताने का दम भी भर रहे हैं.

अखिलेश यादव की साइकिल रैली. फाइल चित्र
अखिलेश यादव की साइकिल रैली. फाइल चित्र

बदायूं लोकसभा सीट पर लगातार दो बार से भाजपा की संघमित्रा मौर्या ने कब्जा जमा रखा है. इस बार अखिलेश यादव किसी भी कीमत पर यह सीट जीतना चाहते हैं और इसीलिए धर्मेंद्र यादव को इस सीट पर चुनाव की तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं. भाजपा छोड़कर सपा में आये वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा भी सपा में आ सकती हैं. ऐसी परिस्थिति बनने पर फिर अलग से विचार किए जाने की बात सपा के सूत्रों की तरफ से कही जा रही है. वहीं आजमगढ़ से शिवपाल सिंह यादव को चुनाव लड़ाकर पूरे पूर्वांचल में चुनावी हवा अपने पक्ष में करने की बात कही जा रही है. पिछले कुछ समय से शिवपाल सिंह यादव आजमगढ़ में चुनाव के लिहाज से काम भी कर रहे हैं. इसके अलावा तमाम अन्य सीटों पर संभावित उम्मीदवारों को भी तैयारी करने के निर्देश दे दिए गए हैं.





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