लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय ने सत्र 2021-22 में स्नातक पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति लागू कर दी है. विश्वविद्यालय परिसर में पढ़ने वाले छात्रों को इसका लाभ मिलने जा रहा है, लेकिन कॉलेजों के छात्रों को काफी हद तक वंचित कर दिया गया है. कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों को दूसरी फैकल्टी के विषय पढ़ने का कोई मौका नहीं दिया गया. इस संबंध में विश्वविद्यालय की ओर से सभी कॉलेजों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं.
आपको बता दें, लखनऊ विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों की संख्या 540 है. लखनऊ के साथ लखीमपुर खीरी, सीतापुर, रायबरेली और हरदोई के कॉलेज भी शामिल हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से यह सर्कुलर भेजकर दाखिले के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए गए हैं.
दरअसल, लखनऊ विश्वविद्यालय वर्तमान शिक्षा पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के तहत यह किया है. इसके तहत छात्रों को इंटर फैकेल्टी कोर्स चुनने और पढ़ने का अवसर दिया गया. छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया गया है. यानी 1 साल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें सर्टिफिकेट, 2 साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिप्लोमा, 3 साल की पढ़ाई पूरी करने पर डिग्री और 4 साल की पढ़ाई पूरी करने पर बैचलर्स विद रिसर्च की डिग्री दिए जाने की व्यवस्था की गई. विश्वविद्यालय परिसर में तो दिशा निर्देश बिल्कुल स्पष्ट है, लेकिन कॉलेजों में इसको लेकर काफी कंफ्यूजन की स्थिति है. हालांकि इस संबंध में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से हाल में ही कुछ दिशानिर्देश जारी किए गए.
बीए के छात्र इस तरीके से चुन सकेंगे विषय
- आर्ट्स फैकल्टी के सभी विषयों को विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से 10 ग्रुप में बांटा गया है. ग्रुप ए, ग्रुप बी, ग्रुप सी, ग्रुप डी, ग्रुप ई, ग्रुप एफ, ग्रुप जी, ग्रुप एच और ग्रुप आई.
- हर ग्रुप से दो मेजर विषय का चुनाव करना होगा.
- एक माइनर विषय का चयन करना होगा. यह माइनर विषय पूर्व में चुने गए मेजर विषय के ग्रुप से नहीं होंगे.
- पॉलिटिकल साइंस और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता है.
- इसी तरह, सोशियोलॉजी और सोशल वर्क को भी एक साथ नहीं चुना जा सकता है.
- हिंदी के साथ फंक्शनल हिंदी का चयन नहीं कर सकते हैं.
- संस्कृत के साथ फंक्शनल संस्कृत का चयन नहीं कर सकते हैं.
- अरब कल्चर के साथ एशियन कल्चर का चयन नहीं कर सकते हैं.
विषयों को 4 वर्गों में बांटा गया
ग्रुप ए में मैथमेटिक्स, ग्रुप बी में फिजिक्स को रखा गया है. ग्रुप सी में स्टैटिसटिक्स, केमिस्ट्री, जियोलॉजी, एस्ट्रोनॉमी, कंप्यूटर साइंस को रखा गया है. ग्रुप डी में मैथमेटिक्स, स्टैटिसटिक्स और कंप्यूटर साइंस को रखा गया है. BA की तरह यहां भी छात्र को दो मेजर और एक माइनर विषय पढ़ने का मौका मिलेगा. छात्र ग्रुप ए, बी और सी में दो मेजर विषय चुन सकते हैं. छात्रों को ग्रुप डी से 2 मेजर और 1 माइनर विषय चुनने का विकल्प खुला रहेगा. इसी तरह का फार्मूला बीएससी बायो में भी लगाया गया है.
बिना संसाधन और शिक्षकों के कैसे मिले फायदा
कॉलेज स्तर पर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने में सबसे बड़ी परेशानी संसाधनों और शिक्षकों के स्तर पर आ रही है. जानकारों की मानें तो कॉलेजों में पर्याप्त मात्रा में संसाधन नहीं है. ऐसे में अगर छात्र-छात्राएं दाखिला ले भी लेते हैं तो यहां पढ़ा पाना संभव नहीं है.