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Negligence in treating patients : मरीजों के इलाज में लापरवाही की होगी जांच, प्रदेश के तीन अस्पतालों से रिपोर्ट जवाब-तलब

राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल समेत उत्तर प्रदेश कई जिला अस्पतालों में मरीजों के इलाज में लापरवाही के मामले सामने आने के बाद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कड़ा रुख अखतियार किया है. उन्होंने सिविल अस्पताल लखनऊ के निदेशक समेत संबंधित अधिकारियों से जांच रिपोर्ट तलब की है.

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Published : Jan 23, 2023, 7:08 AM IST

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में महिलाओं की ईसीजी पुरुष टेक्नीशियन कर रहे हैं. इसके अलावा गौरीगंज जिला अस्पताल समेत प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मरीजों के इलाज में लापरवाही (Negligence in treating patients) के मामलों का उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. उप मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश के साथ अधिकारियों से जवाब-तलब किया है. साथ ही कड़ी कार्रवाई की बात कही है.


उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सिविल अस्पताल के निदेशक को इसके संबंध में तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण के आधार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह गौरीगंज जिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर बुजुर्ग मां बेटे को कंधे पर लादकर इलाज के लिए ले जाने का प्रकरण सामने आया है. यह बेहद गंभीर है. अस्पताल में कितने स्ट्रेचर हैं? उनके मिलने की प्रक्रिया है. मरीज को स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला? इन बिन्दुओं पर जांच कराई जाएगी. इस संबंध में अमेठी सीएमओ और गौरीगंज जिला अस्पताल के सीएमएस से स्पष्टीकरण तलब किया है. एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की जाए. उप मुख्यमंत्री ने पूरी रिपोर्ट तलब की है. अमरोह में नगर कोतवाली स्थित पैसल नर्सिंग होम में महिला के ऑपरेशन में लापरवाही संबंधी प्रकरण भी गंभीर है. सीएमओ इस मामले की सिलसिलेवार जांच कराएं. नर्सिंग होम के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मरीजों के इलाज में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरर्दाश्त नहीं जाएगी. प्रदेश सरकार मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक रोगियों को लाभ मिल सके. इसमें किसी भी तरह लारवाही नहीं होनी चाहिए. मरीजों का अहित किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए.

लखनऊ : राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में महिलाओं की ईसीजी पुरुष टेक्नीशियन कर रहे हैं. इसके अलावा गौरीगंज जिला अस्पताल समेत प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मरीजों के इलाज में लापरवाही (Negligence in treating patients) के मामलों का उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. उप मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश के साथ अधिकारियों से जवाब-तलब किया है. साथ ही कड़ी कार्रवाई की बात कही है.


उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सिविल अस्पताल के निदेशक को इसके संबंध में तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है. स्पष्टीकरण के आधार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. इसी तरह गौरीगंज जिला अस्पताल में स्ट्रेचर न मिलने पर बुजुर्ग मां बेटे को कंधे पर लादकर इलाज के लिए ले जाने का प्रकरण सामने आया है. यह बेहद गंभीर है. अस्पताल में कितने स्ट्रेचर हैं? उनके मिलने की प्रक्रिया है. मरीज को स्ट्रेचर क्यों नहीं मिला? इन बिन्दुओं पर जांच कराई जाएगी. इस संबंध में अमेठी सीएमओ और गौरीगंज जिला अस्पताल के सीएमएस से स्पष्टीकरण तलब किया है. एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की जाए. उप मुख्यमंत्री ने पूरी रिपोर्ट तलब की है. अमरोह में नगर कोतवाली स्थित पैसल नर्सिंग होम में महिला के ऑपरेशन में लापरवाही संबंधी प्रकरण भी गंभीर है. सीएमओ इस मामले की सिलसिलेवार जांच कराएं. नर्सिंग होम के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करें.

उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि मरीजों के इलाज में किसी भी स्तर पर लापरवाही बरर्दाश्त नहीं जाएगी. प्रदेश सरकार मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं, ताकि अधिक से अधिक रोगियों को लाभ मिल सके. इसमें किसी भी तरह लारवाही नहीं होनी चाहिए. मरीजों का अहित किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए.

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