लखनऊ : उत्तर प्रदेश में हर रोज 180 महिलाएं दुष्कर्म, दहेज हत्या, छेड़छाड़, अपहरण और दहेज हिंसा का शिकार हो रही हैं. यह मामले वह हैं जो थानों में दर्ज किए जा रहे हैं, इनकी संख्या और भी अधिक हो सकती है. इतना ही नहीं ये आंकड़े वर्ष दर वर्ष बढ़ रहे हैं, वर्ष 2021 में यूपी में जहां 49,338 महिलाओं के साथ अपराध हुए थे, वहीं 2022 में यह बढ़कर 65,743 हो गए हैं. एनसीआरबी के अनुसार, पुलिस कस्टडी में नौ व जेल में आठ महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं. ऐसे में अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर यूपी में महिलाओं की सुरक्षा का दावा करने वाले पुलिस का इकबाल क्यों खतरे में पड़ रहा है?
तीन वर्षों में सबसे अधिक 2022 में महिलाओं के प्रति अपराध
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2022 के आंकड़े जारी किए हैं. यह आंकड़े उत्तर प्रदेश के लिहाज से काफी चौंकाने वाले हैं. ये इसलिए क्योंकि बीते तीन वर्षों में प्रदेश में महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2020 में 49,385 महिलाओं के साथ अपराध गठित हुए थे, जो वर्ष 2021 में बढ़कर 56,083 हो गए थे, लेकिन वर्ष 2022 में अपराधों में बड़ा उछाल आते हुए यही संख्या 65,743 हो गई जो चिंतित करने वाली है. इस संख्या के साथ यूपी देश में सबसे अधिक महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध में सबसे ऊपर आ गया है, जबकि महाराष्ट्र दूसरे व राजस्थान तीसरे नम्बर पर है.
25 महिलाओं पर फेंका गया एसिड, 62 की दुष्कर्म के बाद हत्या
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश में 62 ऐसी महिलाएं थीं जिनकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी, वहीं 3690 महिलाओं के साथ रेप की घटना हुई है. 3344 बच्चियों के साथ भी दुष्कर्म की घटनाएं घटित हुई हैं. इसी वर्ष 14,887 महिलाओं का अपहरण किया गया और इस दौरान अपहरण की गई 29 महिलाओं की हत्या भी कर दी गई. वर्ष 2020 और 2021 की अपेक्षा वर्ष 2023 में एसिड अटैक की भी घटना में बढ़ोतरी हुई है, इस वर्ष 25 महिलाओं पर एसिड अटैक किया गया. एनसीआरबी के मुताबिक, वर्ष 2022 में दहेज के लिए 2142 महिलाओं की बलि चढ़ा दी गई.
10 हजार से अधिक महिलाओं के साथ हुई छेड़छाड़
यूपी में वर्ष 2017 से मिशन शक्ति और एंटी रोमियो स्क्वाड जैसी योजनाएं चलने के बावजूद महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की घटना में भी कमी नहीं आ रही है. आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में 10,548 महिलाओं के साथ छेड़छाड़ की गई. इसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों को संख्या 999 रही, जबकि वयस्क पीड़िताओं की संख्या 9549 है, वहीं पॉक्सो के भी मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, 2022 में कुल 7955 मामले पॉक्सो के है. यूपी में 33 फीसदी दुष्कर्म के मामले इस साल बढ़े हैं.
ऑनलाइन दोस्त तोड़ रहे भरोसा, अपनों ने भी नहीं किया रहम
एनसीआरबी के आंकड़ों से साफ है कि बीते तीन वर्षों में लगातार महिलाओं के प्रति अपराधों में बढ़ोतरी हुई है. सरकार और पुलिस के लाख दावों के बाद भी अपराधियों के दिल में कोई भी खौफ घर नहीं कर सका है, हालांकि महिलाओं के साथ अपराध करने में अधिकतम संख्या जान पहचान वालों की ही देखी जाती है. आंकड़ों के अनुसार, महिलाओं के साथ अपराध करने वाले 3507 ऐसे आरोपी थे जो पीड़िता के जान पहचान वाले ही थे. इसमें सबसे अधिक संख्या पारिवारिक दोस्त या फिर ऑफिस में काम करने वाले सहयोगी हैं, इनकी संख्या 1914 है. वहीं ऑनलाइन माध्यमों से बनने वाले 1410 दोस्तों ने भी महिलाओं का भरोसा तोड़ते हुए उनके साथ अपराध किए है, वहीं 183 परिवार के लोगों ने महिलाओं के साथ अपराध किए हैं.
महिलाओं को न्याय दिलाने में यूपी सबसे आगे : यूपी पुलिस
उत्तर प्रदेश में होने वाले महिलाओं के प्रति अपराध को लेकर यूपी पुलिस गंभीरता से लेने की बात कहती है. स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार के मुताबिक, 'पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने और आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए जल्द से जल्द विवेचना पूरी कर चार्जशीट दाखिल की जा रही है. उन्होंने बताया कि, एनसीआरबी आंकड़ों में साफ दिखता है कि, बीते वर्ष के 11,732 मामले जिनकी विवेचना चल रही थी, उसमें पुलिस ने 2022 में 7242 मामलों में चार्जशीट लगा दी है, वहीं 2022 में दर्ज हुए 65,743 मामलों में 43074 मामलों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी, जिसकी दर 75.6 प्रतिशत है. इतना ही नहीं दुष्कर्म के मामलों में पुलिस ने कोर्ट में प्रभावी पैरवी करते हुए वर्ष 2022 में ही 3121 आरोपियों को सजा भी दिलाई है.'