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नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान को मिली वाजा की सदस्यता: निदेशक आरके सिंह - nawab wajid ali shah prani udyan gets international membership

निदेशक आरके सिंह ने बताया कि नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वैरियम (वाजा) की सदस्यता प्राप्त हो गई है.

नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान.
नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान.
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Published : May 26, 2021, 9:07 AM IST

लखनऊ: राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वैरियम (वाजा) की सदस्यता प्राप्त हो गई है. जिसकी जानकारी प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि वाजा की सदस्यता मिलना प्राणि उद्यान और प्रदेश के लिए बहुत ही सम्मान का विषय है. इसकी सदस्यता प्राप्त होने से वन्य जीव और प्राणि उद्यान के प्रबन्धन में नए-नए अंतर्राष्ट्रीय स्तर से सुझावों और वैज्ञानिक प्रबन्धन करने में सहायता मिलेगी.

वाजा सदस्य बनने से कई फायदे
उन्होंने बताया कि वाजा की सदस्यता मिलना प्राणि उद्यान और प्रदेश के लिए बहुत ही सम्मान का विषय है. इसकी सदस्यता प्राप्त होने से वन्य जीव और प्राणि उद्यान के प्रबन्धन में नए-नए अंतर्राष्ट्रीय स्तर से सुझावों और वैज्ञानिक प्रबन्धन करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि वाजा के सदस्य प्राणि उद्यानों को कई फायदें होंगे. जिसमें वन्य जीवों की चिकित्सा एवं देखभाल में परामर्श एवं सहायता के अलावा समन्वित प्रजाति प्रबन्धन कायक्रमों में भागीदारी, वैज्ञानिक अध्ययनों में योगदान, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का अनुपालन, वन्यजीवों के दस्तावेजों का रख-रखाव एवं विनिमय, पर्यावरण सम्बन्धी शिक्षाप्रद कार्यक्रम, पर्यावरण एवं वन्यजीवों के संरक्षण से सम्बन्धित गतिविधियों का क्रियान्वयन, वन्यजीव सम्बन्धित नैतिक दिशा-निर्देयाों का अनुपालन.

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल सकेगा मंच
राष्ट्रीय एवं आंचलिक वन्यजीव संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करना. चिड़ियाघरों और एक्वैरियम तथा दुनिया के सबसे प्रभावशाली अग्रणी चिड़ियाघरों, संघों का प्राणि उद्यान हिस्सा होगा. यह संस्था हमें IUCN, CITES, CBD, CMS, RAMSAR इत्यादि से जोड़ते हुए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच उपलब्ध करायेगी.

उपयोग कर सकते हैं वाजा का लोगो
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अपने संस्थान और संरक्षण सम्बन्धी परियोजनाओं को प्रोत्साहित वाजा का Logo का उपयोग कर सकते हैं. वाजा की सदस्यता प्राप्त करने के उपरान्त वैश्विक स्तर पर होने वाले वार्षिक सम्मेलनों में भाग ले सकेंगे एवं विभिन्न संस्थाओं के निदेशकों के साथ विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा कर सकेंगे. इतना ही नहीं प्राणी उद्यानों के लिए नई रणनीतियां और नीतियों को निर्धारित करने का अवसर प्राप्त होगा. जिसका दुनियाभर में चिड़ियाघरों और एक्वेरियम के भविष्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. प्राणी उद्यानों के कर्मचारियों को विशेष बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है जो समय-समय पर आयोजित की जा सकती है. जैसे कि अन्तर्राष्ट्रीय चिड़ियाघर विपणन सम्मेलन. वाजा के सभी प्रकाशन प्राप्त करेंगे, जिसमें समाचार और पत्रिकायें-शामिल हैं और वेबसाइट के मेम्बरशिप पेज पर उपलब्ध सूचनायें व सुविधायें प्राप्त कर सकेंगे. संस्था द्वारा प्रकाषित पत्रिकाओं एवं वेबसाइट के माध्यम से अपनी संस्था और परियोजनाओं का प्रचार-प्रसार कर सकेंगे. विश्व के चिड़ियाघरों और एक्वेरियम समुदाय के निदेशकों एवं प्रशासकों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सकेगा.


इसे भी पढे़ं- बुधवार सुबह कोरोना के 506 नए मामले

लखनऊ: राजधानी के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) को वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ जू एंड एक्वैरियम (वाजा) की सदस्यता प्राप्त हो गई है. जिसकी जानकारी प्राणि उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि वाजा की सदस्यता मिलना प्राणि उद्यान और प्रदेश के लिए बहुत ही सम्मान का विषय है. इसकी सदस्यता प्राप्त होने से वन्य जीव और प्राणि उद्यान के प्रबन्धन में नए-नए अंतर्राष्ट्रीय स्तर से सुझावों और वैज्ञानिक प्रबन्धन करने में सहायता मिलेगी.

वाजा सदस्य बनने से कई फायदे
उन्होंने बताया कि वाजा की सदस्यता मिलना प्राणि उद्यान और प्रदेश के लिए बहुत ही सम्मान का विषय है. इसकी सदस्यता प्राप्त होने से वन्य जीव और प्राणि उद्यान के प्रबन्धन में नए-नए अंतर्राष्ट्रीय स्तर से सुझावों और वैज्ञानिक प्रबन्धन करने में सहायता मिलेगी. उन्होंने बताया कि वाजा के सदस्य प्राणि उद्यानों को कई फायदें होंगे. जिसमें वन्य जीवों की चिकित्सा एवं देखभाल में परामर्श एवं सहायता के अलावा समन्वित प्रजाति प्रबन्धन कायक्रमों में भागीदारी, वैज्ञानिक अध्ययनों में योगदान, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानूनों का अनुपालन, वन्यजीवों के दस्तावेजों का रख-रखाव एवं विनिमय, पर्यावरण सम्बन्धी शिक्षाप्रद कार्यक्रम, पर्यावरण एवं वन्यजीवों के संरक्षण से सम्बन्धित गतिविधियों का क्रियान्वयन, वन्यजीव सम्बन्धित नैतिक दिशा-निर्देयाों का अनुपालन.

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिल सकेगा मंच
राष्ट्रीय एवं आंचलिक वन्यजीव संस्थाओं से सहयोग प्राप्त करना. चिड़ियाघरों और एक्वैरियम तथा दुनिया के सबसे प्रभावशाली अग्रणी चिड़ियाघरों, संघों का प्राणि उद्यान हिस्सा होगा. यह संस्था हमें IUCN, CITES, CBD, CMS, RAMSAR इत्यादि से जोड़ते हुए एक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मंच उपलब्ध करायेगी.

उपयोग कर सकते हैं वाजा का लोगो
उन्होंने बताया कि इसके अलावा अपने संस्थान और संरक्षण सम्बन्धी परियोजनाओं को प्रोत्साहित वाजा का Logo का उपयोग कर सकते हैं. वाजा की सदस्यता प्राप्त करने के उपरान्त वैश्विक स्तर पर होने वाले वार्षिक सम्मेलनों में भाग ले सकेंगे एवं विभिन्न संस्थाओं के निदेशकों के साथ विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा कर सकेंगे. इतना ही नहीं प्राणी उद्यानों के लिए नई रणनीतियां और नीतियों को निर्धारित करने का अवसर प्राप्त होगा. जिसका दुनियाभर में चिड़ियाघरों और एक्वेरियम के भविष्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा. प्राणी उद्यानों के कर्मचारियों को विशेष बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाता है जो समय-समय पर आयोजित की जा सकती है. जैसे कि अन्तर्राष्ट्रीय चिड़ियाघर विपणन सम्मेलन. वाजा के सभी प्रकाशन प्राप्त करेंगे, जिसमें समाचार और पत्रिकायें-शामिल हैं और वेबसाइट के मेम्बरशिप पेज पर उपलब्ध सूचनायें व सुविधायें प्राप्त कर सकेंगे. संस्था द्वारा प्रकाषित पत्रिकाओं एवं वेबसाइट के माध्यम से अपनी संस्था और परियोजनाओं का प्रचार-प्रसार कर सकेंगे. विश्व के चिड़ियाघरों और एक्वेरियम समुदाय के निदेशकों एवं प्रशासकों के बीच समन्वय स्थापित किया जा सकेगा.


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