लखनऊ : शारदीय नवरात्र की शुरुआत रविवार से हो रही है. नवरात्र को लेकर तैयारी जोरों से हो रही हैं. राजधानी लखनऊ का अमीनाबाद बाजार खरीदारी के मामले में काफी प्रसिद्ध है. यहां पर एक ऐसा बाजार लगता है जहां नवरात्र के समय काफी दुकानें सजती हैं. इस समय बाजार पूरी तरह से गुलजार है, क्योंकि रविवार से नवरात्र की शुरुआत हो रही है. अमीनाबाद बाजार में गरीब वर्ग से लेकर मध्यम वर्ग के परिवारों और संपन्न परिवारों के लोग खरीदारी करने के लिए पहुंचते हैं. बाजार में मां की शृंगार सामग्री से काफी रौनक है. बड़ी संख्या में महिलाएं बाजार में खरीदारी कर रही हैं.
अमीनाबाद के महावीर दुकान के मालिक महावीर ने बताया कि रविवार से नवरात्र के आयोजन शुरु हो रहे हैं. इसके चलते आज काफी भीड़ है. सनातन धर्म के अनुयायी बहुत ही उत्साह के साथ यह पर्व मनाते हैं. ऐसे में बाजार पूरी तरह से माता रानी की शृंगार सामग्री से गुलजार है. मां की प्रतिमाएं, शृंगार व पूजा से संबंधित सभी समान खूब बिक रहे हैं. साथ ही मां के शृंगार के लिए बिछिया, चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, महावर, चुनरी, नए वस्त्र और आभूषण हर कोई खरीद रहा है.
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान महिलाओं ने कहा कि नवरात्र पावन पर्व है. नवरात्र के नौ दिन अलग-अलग स्वरूपों में मां नौ दुर्गा का दिन होता है. मां के लिए चुनरी, बिछिया, मेहंदी, साज सिंगार का सामान, नए वस्त्र व आभूषण इत्यादि खरीद लिया है. महिलाओं का कहना था कि हमेशा से देखते आए हैं कि हमारे माता-पिता नवरात्र मनाते थे. फिर ससुराल आए तो वहां भी नवरात्र श्रद्धा के भाव से मनाया जाता है. इस नौ दिन के लिए घर में कलश स्थापित किया जाता है, पूजा पाठ होता है. मां दुर्गा अलग-अलग स्वरूप में हमारे घर में आती हैं. पूरी तैयारी नवरात्रि को लेकर हो चुकी है. रविवार सुबह पंडित को बुलाकर पूरी विधि विधान के साथ कलश स्थापित किया जाएगा. इसके बाद नौ दिन तक पूजा पाठ माता की होती रहेगी. नौ दिन पूरे होने के बाद नवमी के दिन हवन होगा. इसी दिन नौ कन्याओं को भोजन कराया जाएगा.
बड़ी काली जी मंदिर में बन रहा अन्न भवन : बड़ी काली जी मंदिर के महंत हंसा गिरि महाराज ने बताया कि मंदिर की ओर से 2000 स्क्वायर फुट में अन्न भवन भी बनाया जा रहा है. इसमें भक्तों के लिए भंडारे लगाए जाएंगे. इसके साथ 2500 स्क्वॉयर फुट में एक और भवन तैयार किया जा रहा है जो गरीब परिवारों के कन्याओं के विवाह के लिए निःशुल्क दिया जाएगा. इसके अलावा 10 से 15 स्नानघर व शौचालय भी बनाए जाएंगे. महंत ने बताया कि बड़ी काली जी मंदिर की स्थापना आदि शंकराचार्य ने की थी. मंदिर में शंकराचार्य महाराज का मठ भी स्थापित है. यह बोधगया के मंदिर की शाखा है.
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