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श्रमिकों के प्रति यूपी सरकार का रवैया उदासीन: अनिल दुबे

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने यूपी सरकार पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों एवं उनके परिवारों के प्रति सरकार का रवैया उदासीन है.

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अनिल दुबे.
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Published : May 27, 2020, 11:34 PM IST

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मैं अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिको एवं उनके परिवारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को देखकर हैरान हूं. सरकार किसान और मजदूर के प्रति उदासीन है. उन्होंने सरकार से गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ भेजने की मांग की.

अनिल दुबे ने कहा कि मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक बच्चे की अपनी मां को जगाने वाली एवं रेलों में श्रमिकों को भोजन न मिलने के कारण जान निकल जाने की तस्वीरें विचलित कर देने वाली हैं. उन्होंने कहा कि ये देखकर क्या सरकार सबक लेगी कि अब कोई और ट्रेन में भूख-प्यास से न मरे. अनिल दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का कोरोना महामारी में विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी. पैकेज में कोरोना महामारी से हुए भारी नुकसान की भरपाई किसी वर्ग की नहीं हो पाई. किसान को भयंकर बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की कोई भरपाई की योजना नहीं है. सरकार एक तरफ फैक्ट्री चलाने की बात कर रही है. दूसरी ओर श्रमिकों की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

सरकार की दूरदर्शिता में कमी

उन्होंने कहा कि पहले सरकार की दूरदर्शिता में कमी, कोरोना संकट से निपटने में देरी, लोगों के पलायन के दौरान इतनी अधिक दुर्दशा, क्वारंटाइन केंद्रों में दुर्दशा, और भुखमरी. अब आगे का सरकार का क्या प्लान है? देश को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को देश के प्रवासी मजदूरों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने और भोजन की पूरी व्यवस्था करनी चाहिए.

लखनऊ: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि मैं अन्य प्रदेशों से आने वाले श्रमिको एवं उनके परिवारों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये को देखकर हैरान हूं. सरकार किसान और मजदूर के प्रति उदासीन है. उन्होंने सरकार से गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ भेजने की मांग की.

अनिल दुबे ने कहा कि मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पर एक बच्चे की अपनी मां को जगाने वाली एवं रेलों में श्रमिकों को भोजन न मिलने के कारण जान निकल जाने की तस्वीरें विचलित कर देने वाली हैं. उन्होंने कहा कि ये देखकर क्या सरकार सबक लेगी कि अब कोई और ट्रेन में भूख-प्यास से न मरे. अनिल दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये का कोरोना महामारी में विशेष पैकेज देने की घोषणा की थी. पैकेज में कोरोना महामारी से हुए भारी नुकसान की भरपाई किसी वर्ग की नहीं हो पाई. किसान को भयंकर बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की कोई भरपाई की योजना नहीं है. सरकार एक तरफ फैक्ट्री चलाने की बात कर रही है. दूसरी ओर श्रमिकों की कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है.

सरकार की दूरदर्शिता में कमी

उन्होंने कहा कि पहले सरकार की दूरदर्शिता में कमी, कोरोना संकट से निपटने में देरी, लोगों के पलायन के दौरान इतनी अधिक दुर्दशा, क्वारंटाइन केंद्रों में दुर्दशा, और भुखमरी. अब आगे का सरकार का क्या प्लान है? देश को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार को देश के प्रवासी मजदूरों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने और भोजन की पूरी व्यवस्था करनी चाहिए.

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