लखनऊः बहुजन समाज पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे नसीमुद्दीन सिद्दीकी अब कांग्रेस में हैं. कांग्रेस ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को सम्मान देते हुए उत्तर प्रदेश मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग का चेयरमैन बनाया. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस में रहकर अपनी फौज तैयार करनी शुरू कर दी है. हाल ही में कांग्रेस पार्टी ने तौकीर आजमी को कांग्रेस ओवरसीज का कन्वीनर नियुक्त किया है.
खास बात ये है कि सिद्दीकी और आजमी रिश्ते में समधी हैं. नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बेटे की शादी तौकीर आजमी की बेटी से हुई है. हेलीकॉप्टर से बारात लाने के चलते यह शादी का भी चर्चा का विषय बनी हुई थी और अब सिद्दीकी के समधी आजमी संयोजक बनाए गए हैं तो यह भी कांग्रेस में चर्चा का विषय बना है.
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बसपा से निकलने के बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस पार्टी से संपर्क स्थापित करना शुरू किया और कांग्रेस पार्टी ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी को हाथों हाथ लिया. वर्तमान में नसीमुद्दीन सिद्दीकी उत्तर प्रदेश मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन हैं. बहुजन समाज पार्टी में नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ ही तौकीर आजमी भी थे. जब नसीमुद्दीन सिद्दीकी कांग्रेस में आए तो तौकीर आजमी को भी अपने साथ लाए और अब जब सिद्दीकी कांग्रेस में बड़े पद पर हैं तो भला अपने समधी आजमी को पद कैसे न दिलाते. लिहाजा, ओवरसीज कांग्रेस का संयोजक अपने समधी को नियुक्त कराने में उनकी अहम भूमिका रही है.
कांग्रेस की कई जरूरतें हो सकती हैं पूरी
बहुजन समाज पार्टी ने तौकीर आजमी को 2017 में निजामाबाद सीट से प्रत्याशी बनाया था. हालांकि आजमी चुनाव लड़े ही नहीं थे. ऐसे आरोप है कि उन्होंने टिकट के लिए बहुजन समाज पार्टी को काफी पैसा भी दिया था, लेकिन जब उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा और पैसे वापस मांगने शुरू किए तो यह बड़ा मुद्दा बन गया था. एक ऑडियो भी वायरल हुआ था जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ नसीमुद्दीन सिद्दीकी की पैसों की बंदरबांट को लेकर बातचीत हो रही थी. तौकीर आजमी भी इस प्रकरण में शामिल थे.
आजमगढ़ निवासी तौकीर आजमी को कांग्रेस ने कांग्रेस ओवरसीज का संयोजक नियुक्त किया है, इसकी भी वजह बड़ी साफ है. वह नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समधी तो हैं ही, बड़े उद्योगपति भी हैं. विदेशों में भी उनका व्यापार फैला है. इससे कांग्रेस को जब फाइनेंसियल जरूरत होगी तो भी तौकीर आजमी काम आएंगे, साथ ही विदेशों में रह रहे भारतीयों को भी मैनेज करने में उनकी अहम भूमिका होगी.
कांग्रेसी हाशिए पर गैर कांग्रेसी पा रहे सम्मान
कांग्रेस पार्टी में कांग्रेसी नेता तो हाशिए पर हैं, लेकिन जो अन्य पार्टियों से कांग्रेस में आए हैं उन्हें सम्मान देने में कांग्रेस पार्टी के नेता कोई कोताही नहीं कर रहे हैं. तमाम कांग्रेसियों को जब कांग्रेस ने नहीं पूछा तो वे दूसरी पार्टियों में चले गए या फिर अपने घर पर बैठ गए. जिन्हें दूसरी पार्टी ने बाहर निकाल दिया उन्हें कांग्रेस ने सिर आंखों पर बिठा लिया है. इनमें नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी प्रमुख नाम है.
क्या कहते हैं कांग्रेस प्रवक्ता
नसीमुद्दीन सिद्दीकी के समधी को ओवरसीज कांग्रेस का कन्वीनर नियुक्त किए जाने के सवाल पर कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अशोक सिंह भड़क जाते हैं. उनका कहना है कि कभी राजनाथ सिंह और अमित शाह से भी पूछा जाए कि उन्होंने अपने बेटों को क्यों आगे बढ़ाया? अमित शाह के बेटे ने कब क्रिकेट खेला जो उन्हें बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया. जहां तक बात नसीमुद्दीन सिद्दीकी की है तो उनके साथ जो भी पार्टी में आया है तो उसे सम्मान दिलाना उनका कर्तव्य है, उन्होंने वही किया. अब अगर वे उनके समधी हैं तो इससे क्या लेना-देना.