लखनऊ: कोरोना महामारी से समूचा विश्व परेशान है, फिर चाहे वह अमेरिका जैसा मजबूत राष्ट्र हो या फिर यूरोप का कोई देश. वैश्विक स्तर पर तो कोरोना से व्यापक युद्ध लड़ा ही जा रहा है. लेकिन कोरोना के खिलाफ छिड़ी जंग में भारत भी पीछे नहीं है, केंद्र सरकार हो या फिर राज्य की सरकारें, किसी भी हाल में कोरोना को शिकश्त देने में जुटी हैं. सरकार के प्रयासों के साथ ही कई आम लोग भी सामने आएं हैं, जो कोरोना के संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं. इसी क्रम में मेक इन इंडिया के तहत शुरू किए गए स्टार्टअप से जुड़े एक शख्स ने नैनो स्प्रे बनाया है. उनका कहना है कि ये स्प्रे कोविड-19 के संक्रमण के बचाव में इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही इसकी खास बात यह है कि यह डिसइनफेक्टेंट लंबे समय तक किसी भी सतह पर टिक सकता है. जी हां, ये स्टार्टअप लखनऊ के प्रज्वल गुप्ता ने बनाया है. मेक इन इंडिया के तहत बनाया गए इस स्प्रे का नाम 'पाइकेम' रखा गया है.
प्रज्वल ने कोविड-19 के संक्रमण के दौरान तीन महीनों की मशक्कत के बाद अपने पुराने उत्पाद में मॉडिफिकेशन कर उसे नया रूप देने की कोशिश की. इस बारे में जब ईटीवी भारत ने उनसे बात की तो उन्होंने बताया कि मैंने कोरोना वायरस से बचाव के लिए एक नैनो स्प्रे तैयार किया है. इस उत्पाद में एंटीमाइक्रोबियल्स प्रॉपर्टी भी शामिल है, जिसकी वजह से किसी भी सतह पर इस स्प्रे को लगाने से उस पर यह डिसइनफेक्टेंट की तरह काम करेगा.
कैसे काम करता है ये स्प्रे
स्प्रे के काम करने के तरीके को बताते हुए प्रज्जवल ने कहा कि यह सतह पर नैनो साइज की लेयर बना देता है जो कि पूरी तरह से ट्रांसपैरेंट होती है. इस लेयर में एंटीमाइक्रोबियल्स कोटिंग शामिल होती है, जिसकी वजह से दरवाजे, टेबल या किसी भी सतह पर स्प्रे करने पर यह सभी तरह के कीटाणुओं को न्यूट्रलाइज कर देता है.
प्रज्वल कहते हैं कि इसे उन जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जहां पर लोगों की आमद ज्यादा हो. मसलन सरकारी ऑफिस, बस, सीढ़ियां और दरवाजों के हैंडल जैसी जगहों के साथ इसको PPE किट पर भी छिड़का जा सकता है. प्रज्जवल कहते हैं कि इन सभी जगहों पर एक बार का छिड़काव सात दिनों तक काम कर सकता है. उन्होंने बताया कि तैयार किए गए नैनो स्प्रे को KGMU, SGPGI, और UPSRTC के ऑफिस में इसके असर को परखने के लिए सैंपल भेजा गया है. इस स्टार्टअप को लेकर प्रज्वल काफी उत्साहित भी हैं.