लखनऊः बीते 19 दिसंबर को हुई हिंसा मामले में जिले की पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था और हिंसा के दौरान हुई क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए इनकी संपत्ति भी कुर्क करने के आदेश जारी किए थे, लेकिन पुलिस द्वारा जारी की गई नई लिस्ट में उन चारों का नाम नहीं है. लखनऊ पुलिस की इस कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
बीते 19 दिसंबर को लखनऊ जल रहा था. जगह-जगह आगजनी और पथराव किए जा रहे थे. राजधानी लखनऊ में हुई हिंसा के दौरान करोड़ों रुपये की संपत्ति जलकर स्वाहा हो गई थी. जिसको लेकर कड़ी कार्यवाही की जा रही है, लेकिन लखनऊ पुलिस ने जिन चार लोगों पर दंगा भड़काने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की थी और उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी किए थे. आज इन चारों के नाम पुलिस द्वारा जारी की गई नई लिस्ट से गायब हैं.
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इन लोगों पर था हिंसा भड़काने का आरोप
रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब, आईएएस अधिकारी एसआर दारापुरी, कांग्रेसी नेता सफर जफर और दीपक मिश्रा उर्फ कबीर को लखनऊ पुलिस ने दंगा भड़काने का आरोपी मानते हुए इनकी गिरफ्तारी की थी और इनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए थे.
पहली लिस्ट में नाम दूसरी लिस्ट से हुए गायब
राजधानी पुलिस की तरफ से हिंसा के आरोपियों की पहली लिस्ट जारी की गई थी. पहली लिस्ट में 46 लोगों के नाम शामिल थे. इसमें 34 नम्बर पर कांग्रेस नेता सदफ जफर, 38 नम्बर पर रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब, 39 पर दीपक मिश्रा उर्फ कबीर और 40 नंबर पर एसआर दारापुरी का नाम शामिल था, जबकि पुलिस की दूसरी लिस्ट में इन चारों आरोपियों के नाम को गायब करते हुए 42 लोगों के नामों की सूची जारी की गई है.