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यूपी में अपराधियों को सिर्फ 'मिट्टी में मिलाया' ही नहीं, एनकाउंटर के बाद लिस्ट से नाम भी 'मिटाया' जा रहा - अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या

यूपी पुलिस की लिस्ट में 66 अपराधियों के नाम शामिल है, जिसके बाद फरार अपराधियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. बीते 25 दिनों में दो माफिया पुलिस मुठभेड़ में ढेर हो चुके हैं, वहीं अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई है.

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Published : May 6, 2023, 7:41 PM IST

Updated : May 6, 2023, 8:04 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में माफिया और अपराधियों को सिर्फ 'मिट्टी में मिलाया' ही नहीं जा रहा बल्कि उनका नाम लिस्ट से 'मिटाया' भी जा रहा है. उत्तर प्रदेश में माफिया व अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत लगातार कार्रवाई जारी है. यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल अपराधियों में तीन के नाम कम हो गये हैं. बीते 25 दिनों में दो माफिया पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जबकि इस लिस्ट का हिस्सा रहे अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ऐसे में अब बचे हुए 63 अपराधियों की धड़कनें यह सोंच कर तेज हो चली हैं कि अगला नंबर किसका है?


बीते गुरुवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल था. वह 10 अप्रैल को जेल से बाहर आया और फिर गैंग एक्टिव करने में जुट गया. जेल से बाहर आने के 24 दिनों के अंदर ही मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. इससे पहले 12 अप्रैल को इस सूची में शामिल ढाई लाख इनामी कुख्यात आदित्य राणा उर्फ रवि भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. तीसरा लिस्टेड माफिया अतीक अहमद 15 अप्रैल को पुलिस अभिरक्षा में मार दिया गया.

योगी सरकार पार्ट 1 की ही तरह पार्ट 2 में भी माफिया व अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर जोरों से काम कर रही है. नतीजन चिन्हित माफिया और अपराधियों की लिस्ट में दर्ज नाम कम हो रहे हैं. यूपी में शासन स्तर से 66 अपराधी लिस्टेड थे, जिसमें अब 63 नाम बचे हैं. इन 63 अपराधियों में मुख्तार अंसारी व सुंदर भाटी समेत 38 अपराधी अलग-अलग जेल में बंद हैं, 20 अपराधी जमानत पर बाहर हैं, जबकि पांच फरार हैं.

फरार अपराधियों की तेज होंगी धड़कनें : 12 अप्रैल को एनकाउंटर में ढेर किया गया आदित्य उर्फ रवि फरार था और पिछले कई वर्षों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था, वहीं पांच बार पुलिस को चकमा देने वाला और बार-बार नाटकीय ढंग से गिरफ्तार होने वाला अनिल दुजाना भी पुलिस के लिए चुनौती था. दोनों के ही एनकाउंटर के बाद अब वो 5 अपराधी जो फरार चल रहे हैं, उनकी धड़कनें तेज हो चली होंगी. फरार अपराधियों की लिस्ट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो, लखनऊ के हरिविंदर उर्फ जुगनुवालिया, सहारनपुर निवासी पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, मेरठ का विनय त्यागी, गौतमबुद्धनगर का मनोज उर्फ आसे और प्रयागराज का जोवद उर्फ पप्पू का नाम शामिल है.

जमानत पर छूटे अपराधियों के छूट रहे पसीने : 10 अप्रैल को जमानत पर छूटे अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद अब उन अपराधियों को भी डर सताने लगा है, जो कोर्ट से जमानत लेकर जेल से बाहर आ गए हैं और एक बार फिर जरायम की दुनिया में एक्टिव हो गए हैं. जमानत पर छूटे लिस्टेड अपराधियों में ब्रजेश कुमार सिंह, एजाज, सुशील उर्फ मूंछ, प्रदीप सिंह उर्फ डब्बू सिंह, विनोद शर्मा, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह, संजीव द्विवेदी, सुधीर सिंह समेत 20 जमानत पर हैं. यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश की मानें तो ऐसे माफिया जो जमानत पर बाहर आए हैं उन पर उनकी यूनिट लगातार नजर बनाए रखती है, क्योंकि ऐसे हार्डकोर अपराधी जेल से बाहर आने के बाद फिर से अपराधिक गतिविधियों पर संलिप्त हो जाते हैं.

यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल अपराधी : आगरा जोन का अनिल चौधरी व ऋषि कुमार शर्मा, बरेली जोन का एजाज, कानपुर जोन का अनुपम दुबे, लखनऊ जोन का खान मुबारक, अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, मु. सहीम उर्फ कासिम, प्रयागराज जोन का डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, सुधाकर सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह. मेरठ जोन का उधम सिंह, योगेश भदोड़ा, बदन सिंह उर्फ बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बारखा, विक्रांत उर्फ विक्की, हाजी इकबाल उर्फ बाला, विनोद शर्मा, सुनील उर्फ मूंछ, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा व विनय त्यागी उर्फ टिंकू, गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट का सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना (मारा जा चुका), कानपुर कमिश्नरेट का सऊद अख्तर, लखनऊ कमिश्नरेट का लल्लू यादव, बच्चू यादव व जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर सिंह, प्रयागराज कमिश्नरेट का बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, दिलीप मिश्रा, जावेद उर्फ पप्पू, राजेश यादव, अतीक अहमद (मारा जा चुका) गणेश यादव, कमरुल हसन, जाविर हुसैन व मुजफ्फर, वाराणसी जोन का मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, विजय मिश्रा, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह, रमेश सिंह उर्फ काका, गोरखपुर जोन का संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, रिजवान जहीर, देवेन्द्र सिंह, वाराणसी कमिश्नरेट का अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर, बृजेश कुमार सिंह व सुभाष सिंह ठाकुर का नाम शामिल है.

यह भी पढ़ें : लखनऊ में बच्चे संग जा रही महिला से लूट का प्रयास, दोनों घायल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में माफिया और अपराधियों को सिर्फ 'मिट्टी में मिलाया' ही नहीं जा रहा बल्कि उनका नाम लिस्ट से 'मिटाया' भी जा रहा है. उत्तर प्रदेश में माफिया व अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति के तहत लगातार कार्रवाई जारी है. यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल अपराधियों में तीन के नाम कम हो गये हैं. बीते 25 दिनों में दो माफिया पुलिस मुठभेड़ में मारे गए, जबकि इस लिस्ट का हिस्सा रहे अतीक अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ऐसे में अब बचे हुए 63 अपराधियों की धड़कनें यह सोंच कर तेज हो चली हैं कि अगला नंबर किसका है?


बीते गुरुवार को एसटीएफ के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल था. वह 10 अप्रैल को जेल से बाहर आया और फिर गैंग एक्टिव करने में जुट गया. जेल से बाहर आने के 24 दिनों के अंदर ही मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया. इससे पहले 12 अप्रैल को इस सूची में शामिल ढाई लाख इनामी कुख्यात आदित्य राणा उर्फ रवि भी पुलिस मुठभेड़ में मारा गया. तीसरा लिस्टेड माफिया अतीक अहमद 15 अप्रैल को पुलिस अभिरक्षा में मार दिया गया.

योगी सरकार पार्ट 1 की ही तरह पार्ट 2 में भी माफिया व अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर जोरों से काम कर रही है. नतीजन चिन्हित माफिया और अपराधियों की लिस्ट में दर्ज नाम कम हो रहे हैं. यूपी में शासन स्तर से 66 अपराधी लिस्टेड थे, जिसमें अब 63 नाम बचे हैं. इन 63 अपराधियों में मुख्तार अंसारी व सुंदर भाटी समेत 38 अपराधी अलग-अलग जेल में बंद हैं, 20 अपराधी जमानत पर बाहर हैं, जबकि पांच फरार हैं.

फरार अपराधियों की तेज होंगी धड़कनें : 12 अप्रैल को एनकाउंटर में ढेर किया गया आदित्य उर्फ रवि फरार था और पिछले कई वर्षों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था, वहीं पांच बार पुलिस को चकमा देने वाला और बार-बार नाटकीय ढंग से गिरफ्तार होने वाला अनिल दुजाना भी पुलिस के लिए चुनौती था. दोनों के ही एनकाउंटर के बाद अब वो 5 अपराधी जो फरार चल रहे हैं, उनकी धड़कनें तेज हो चली होंगी. फरार अपराधियों की लिस्ट में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात बदन सिंह उर्फ बद्दो, लखनऊ के हरिविंदर उर्फ जुगनुवालिया, सहारनपुर निवासी पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल, मेरठ का विनय त्यागी, गौतमबुद्धनगर का मनोज उर्फ आसे और प्रयागराज का जोवद उर्फ पप्पू का नाम शामिल है.

जमानत पर छूटे अपराधियों के छूट रहे पसीने : 10 अप्रैल को जमानत पर छूटे अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद अब उन अपराधियों को भी डर सताने लगा है, जो कोर्ट से जमानत लेकर जेल से बाहर आ गए हैं और एक बार फिर जरायम की दुनिया में एक्टिव हो गए हैं. जमानत पर छूटे लिस्टेड अपराधियों में ब्रजेश कुमार सिंह, एजाज, सुशील उर्फ मूंछ, प्रदीप सिंह उर्फ डब्बू सिंह, विनोद शर्मा, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह, संजीव द्विवेदी, सुधीर सिंह समेत 20 जमानत पर हैं. यूपी एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश की मानें तो ऐसे माफिया जो जमानत पर बाहर आए हैं उन पर उनकी यूनिट लगातार नजर बनाए रखती है, क्योंकि ऐसे हार्डकोर अपराधी जेल से बाहर आने के बाद फिर से अपराधिक गतिविधियों पर संलिप्त हो जाते हैं.

यूपी पुलिस की टॉप 66 लिस्ट में शामिल अपराधी : आगरा जोन का अनिल चौधरी व ऋषि कुमार शर्मा, बरेली जोन का एजाज, कानपुर जोन का अनुपम दुबे, लखनऊ जोन का खान मुबारक, अजय प्रताप सिंह उर्फ अजय सिपाही, संजय सिंह सिंघाला, अतुल वर्मा, मु. सहीम उर्फ कासिम, प्रयागराज जोन का डब्बू सिंह उर्फ प्रदीप सिंह, सुधाकर सिंह, गुड्डू सिंह, अनूप सिंह. मेरठ जोन का उधम सिंह, योगेश भदोड़ा, बदन सिंह उर्फ बद्दो, हाजी याकूब कुरैशी, शारिक, सुनील राठी, धर्मेंद्र, यशपाल तोमर, अमर पाल उर्फ कालू, अनुज बारखा, विक्रांत उर्फ विक्की, हाजी इकबाल उर्फ बाला, विनोद शर्मा, सुनील उर्फ मूंछ, संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा व विनय त्यागी उर्फ टिंकू, गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट का सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, अमित कसाना, अनिल भाटी, रणदीप भाटी, मनोज उर्फ आसे, अनिल दुजाना (मारा जा चुका), कानपुर कमिश्नरेट का सऊद अख्तर, लखनऊ कमिश्नरेट का लल्लू यादव, बच्चू यादव व जुगनू वालिया उर्फ हरिवंदर सिंह, प्रयागराज कमिश्नरेट का बच्चा पासी उर्फ निहाल पासी, दिलीप मिश्रा, जावेद उर्फ पप्पू, राजेश यादव, अतीक अहमद (मारा जा चुका) गणेश यादव, कमरुल हसन, जाविर हुसैन व मुजफ्फर, वाराणसी जोन का मुख्तार अंसारी, त्रिभुवन सिंह उर्फ पवन सिंह, विजय मिश्रा, ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह, रमेश सिंह उर्फ काका, गोरखपुर जोन का संजीव द्विवेदी उर्फ रामू द्विवेदी, राकेश यादव, सुधीर कुमार सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, राजन तिवारी, रिजवान जहीर, देवेन्द्र सिंह, वाराणसी कमिश्नरेट का अभिषेक सिंह हनी उर्फ जहर, बृजेश कुमार सिंह व सुभाष सिंह ठाकुर का नाम शामिल है.

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Last Updated : May 6, 2023, 8:04 PM IST
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