लखनऊ: उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव से पहले एक बार फिर राजनीतिक पार्टियां मुस्लिम कार्ड चलने लगी हैं. सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने पसमांदा समाज को मुद्दा बनाकर अपना मुस्लिम कार्ड (muslim card) खेल दिया है. चर्चा इन दिनों यूपी के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वे की भी हो रही है. इसको लेकर एक तरफ राजनीतिक पार्टियां इन मुद्दों पर अपनी सियासी रोटियां सेक रही हैं. वहीं, अब मुस्लिम वर्ग से जुड़े बुद्धिजीवी और उलमा (Ulama) भी इस पर खुलकर बोल रहे हैं.
लखनऊ पहुंचे मौलाना सैय्यद काब रशीदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए देश की गिरती अर्थव्यवस्था के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा अपनी डिग्रियां लेकर बेरोजगार घूम रहे हैं. अब वक्त आ गया है कि युवा धर्म के जाल में न फंसकर रोजगार के मुद्दे पर सरकार से सवाल करें. मौलाना ने कहा कि मदरसों के सर्वे सरकार का एक अच्छा कदम है. लेकिन, सिर्फ तीन प्रतिशत मुस्लिमों के बच्चे ही मदरसों में पढ़ते हैं. अगर सरकार सही मायने में मुस्लिमों की हितैषी बनना चाहती है तो सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने की स्थिति का भी सर्वे कराए. मुस्लिम समाज के 97 प्रतिशत बच्चे स्कूल, काॅलेज में पढ़ते हैं. ऐसे में उनके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे. इसका रोडमैप सरकार बताए.
भाजपा के पसमांदा सम्मेलन (pasmanda conference) पर बोलते हुए मौलाना सैय्यद काब रशीदी ने कहा कि मुस्लमों में अगड़ा बनाम पिछड़ा जैसा कुछ नहीं है. मुस्लिम जात पात से बहुत दूर खड़ा है. मुस्लिम देश में एक अल्पसंख्यक वर्ग है और उसे अल्पसंख्यक के रूप में ही देखा जाना चाहिए. भाजपा अपने एजेंडे के तहत अगड़ा बनाम पिछड़ा करना चाहती है. लेकिन, उससे कुछ होने वाला नहीं है. अगर सरकार पिछड़ों का सम्मेलन कर रही है तो वह यह भी बताए कि उनको लेकर सरकार के पास क्या रोड मैप है, सिर्फ भाषण से काम नहीं चलेगा.
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भारतीय जनता पार्टी ने तेजी से मुस्लिमों में अपनी पैठ बनाना शुरू कर दी है. यूपी के नगर निकाय चुनाव से पहले मंगलवार को राजधानी लखनऊ में हुए पसमांदा बुद्धिजीवी सम्मेलन में सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित कई बड़े चेहरे शामिल हुए. इस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने पसमांदा मुस्लिमों से सहयोग मांगा. उन्होंने सपा, बसपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला.
लखनऊ के विश्वेश्वरैया सभागर में पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस मुस्लिमों को बरगलाकर धर्मनिरपेक्षता की आड़ में केवल उनके वोट लेने का काम करती थी. भाजपा पिछड़े मुस्लिमों को समाज की मुख्यधारा में लाने का काम करेगी. निकाय चुनाव में मुस्लिमों को टिकट देने के सवाल पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी आगे आगे देखिए होता है क्या.
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन और पसमांदा समाज से आने वाले अशफाक सैफी ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष के बाद भी पसमांदा समाज पिछड़ा, गरीब, अशिक्षित और बेरोजगार है. इस समाज के लोगों की चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने की है.
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