लखनऊ : बागपत जेल (bagpat jail) में मुन्ना बजरंगी (munna bajrangi) की हत्या की सुस्त पड़ी जांच ने एक बार फिर तेजी पकड़ ली है. मामले में सीबीआई जल्दी ही दो आईपीएस अफसरों को नोटिस देगी. इससे पहले सीबीआई की एक टीम इन अफसरों से पूछताछ करने गई थी, लेकिन बयान नहीं हो सके थे. वहीं, बागपत के पूर्व जेलर ने सीबीआई को अपने बयान में कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी हैं.
नौ जुलाई 2018 को बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या कर दी गई थी. हत्या में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के माफिया सुनील राठी को आरोपी बनाया गया था. मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई लेकिन कोरोना काल में जांच सुस्त हो गई थी. अब अचानक तफ्तीश तेज हो गई है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक पूर्व जेलर ने पुलिस को जो बयान दर्ज कराए थे, सीबीआई को उससे काफी अलग बयान दिया है. इस विरोधाभास को देखते हुए सीबीआई ने दो आईपीएस अधिकारियों के बयान लेने को जरूरी बताया है.
ये भी पढ़ें - माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या से जुड़ रहे चित्रकूट जेल गोलीकांड के तार
CBI के बड़े अफसरों ने दिए नोटिस देने के निर्देश
सीबीआई के बड़े अफसरों ने इन दोनों अफसरों को नोटिस देने के लिए भी कह दिया है. बागपत पुलिस की जांच में सुनील राठी को इस हत्याकाण्ड के लिए अकेले दोषी बताया गया था. जबकि बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने इसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर कोर्ट ने सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया था. फरवरी 2020 से सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है.
ये भी पढ़ें - मुन्ना बजरंगी हत्याकांड: पूछताछ के लिए झांसी जिला कारागार पहुंची CBI टीम
कई लोगों से पूछताछ
सीबीआई बीते सात दिनों में चार लोगों को पूछताछ के लिए नोटिस दे चुकी है. इन लोगों से पूछताछ भी हो चुकी है. दो दिन पहले एक पूर्व छात्र नेता से भी पूछताछ हुई. अब सीबीआई उन लोगों को भी बयान के लिए बुलाएगी जिन पर सीमा सिंह ने हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है.