लखनऊ : अलीगंज स्थित राष्ट्रीय ललित कला क्षेत्रीय केन्द्र में शनिवार को कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इस अवसर पर गायन, कथक नृत्य और अमूर्त विरासत को सहजने और उसे आगे बढ़ाने पर चर्चा हुई. कोरोना काल में कलाकारों ने कैसे अपनी कला को सहेज रखा, इस पर भी बात हुई. प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रदेश के संस्कृति और पर्यटन विभाग के सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया. यह प्रदर्शनी 7 दिन तक चलेगी.
'नवोत्सव' और उ.प्र. ललित कला अकादमी के सहयोग से आयोजित 'लोक में राम' प्रदर्शनी में 40-40 कृतियां प्रदर्शित की गई हैं. इनमें छात्र, वरिष्ठ कलाकार और कला महाविद्यालय के शिक्षकों की कृतियां भी प्रदर्शित की गई हैं.
कला महाविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर विभावरी सिंह ने अपनी कृति में मास्क पहने चेहरे को दिखाया है, जो प्रासंगिक है. इसके कलाकार दिनेश सोनकर, सनी केसरी सहित 4 दर्जन कलाकारों ने भाग लिया.
'लोक में राम' प्रदर्शनी में कलाकारों ने अपने-अपने राम को और उनकी लीलाओं के चित्र को उभारा है. इसके अलावा अनुज मिश्रा व नेहा मिश्रा कथक नृत्य, सीमा भारद्वाज का गायन हुआ. इनके साथ अरुण मिश्रा ने तबले और पं. धर्मनाथ मिश्रा ने हारमोनियम पर संगत की.
अमूर्त कला को सहजने और आगे बढाने को लेकर प्रमुख सचिव, लोक गायिका पद्श्री मालिनी अवस्थी, रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया, संस्कार भारती के राष्ट्रीय महामंत्री अमीर चंद्र सहित अन्य लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए. इस अवसर पर कला जगत से जुड़ी कई हस्तियां उपस्थित थीं.